स्वास्थ्य

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने को आपदा प्रबंधन की तरह किया जाए हरसंभव प्रयास : फूचो सिंह

– खगड़िया के सन्होली में कार्यरत जय भोले पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से जुड़े हैं कुल 7 फाइलेरिया रोगियों सहित अन्य लोग
– सन्होली स्थित राजेंद्र सरोवर शिव मंदिर पर नियमित रूप से होती है पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की बैठक

खगड़िया-

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आपदा प्रबंधन की तरह हर संभव प्रयास किया जाए । यह मानना है सदर प्रखंड खगड़िया के सन्होली में कार्यरत पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी ) के ग्रुप लीडर और जिला में आपदा मित्र के रूप में सेवा देने वाले प्रहलाद सिंह के 50 वर्षीय पुत्र फूचो सिंह का । उन्होंने बताया कि मैं बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन इकाई के अंतर्गत खगड़िया जिला में आपदा मित्र के रूप में बाढ़ सहित अन्य आपदा के समय अपनी सेवा दे रहा हूं। इसके लिए मैंने पटना सिटी में 12 दिवसीय प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। मेरा मानना है कि अन्य प्राकृतिक आपदा की तरह फाइलेरिया बीमारी भी आम लोगों कि लिए किसी आपदा से कम नहीं है। यह बीमारी होने के बाद व्यक्ति स्थाई रूप से दिव्यांग हो जाता और ताउम्र उसे इसी स्थिति में जीवन व्यतीत करना पड़ता है। राज्य सरकार सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मेरी अपील है कि खगड़िया को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए आपदा प्रबंधन की तरह ही युद्ध स्तर पर हर संभव कार्य किए जाएँ ।

खगड़िया के सन्होली के जय भोले पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से जुड़े हैं 7 फाइलेरिया रोगियों सहित अन्य लोग :
उन्होंने बताया कि सन्होली में जय भोले के नाम से 07 जनवरी 2023 को पेशेंट सपोर्ट ग्रुप का निर्माण किया गया है। इस ग्रुप से मेरे अलावा कुल छह फाइलेरिया के रोगी सहित अन्य लोग जुड़े हुए हैं। इस ग्रुप मेरे अलावा राधा देवी, द्रौपदी देवी, मंगला देवी, राम विलास यादव, रविन्द्र सिंह व पवन कुमार जुड़े हुए हैं। जय भोले पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की मासिक बैठक सन्हौली के ही राजेंद्र सरोवर के निकट शिव मंदिर पर आयोजित की जाती है। इस बैठक में लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान अनिवार्य रूप से फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी टेबलेट्स खाने के लिए जागरूक किया जाता है। इस दौरान उन्हें इस बात की भी जानकारी दी जाती है कि एमडीए राउंड के दौरान दो वर्ष से कम के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमारी से पीड़ित लोगों को फाइलेरिया की दवा का सेवन नहीं करना है। मीटिंग के दौरान उपस्थित सभी फाइलेरिया के रोगियों को पैर की नियमित साफ – सफाई, सही तरीके से पैर का रख- रखाव और नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जाता है। इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के व्यायाम का अभ्यास भी कराया जाता है।
उन्होंने बताया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सहयोग से फाइलेरिया के रोगियों को सदर पीएचसी में कार्यरत एमएमडीपी क्लिनिक में ले जाकर डॉक्टर से परामर्श करवाते हैं । डॉक्टर रोगियों को साफ- सफाई और नियमित व्यायाम के लिए डिमोंस्ट्रेशन के साथ जागरूक करते हैं । इसके अलावा ग्रुप के माध्यम से कई फाइलेरिया के कई मरीजों को एमएमडीपी किट दिलायी गई है । ग्रुप के द्वारा लगातार नए फाइलेरिया रोगियों को चिह्नित कर स्वास्थ्य विभाग को इससे अवगत कराया जा रहा है।

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