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द गोल्डन एरा की टीम ने पोर्ट ब्लेयर जाकर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

नईदिल्ली-
द गोल्डन एरा की टीम पोर्ट ब्लेयर में शहीदों को दी श्रद्धांजलि। द गोल्डन एरा उन 44 शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पोर्ट ब्लेयर कसबे से सटे होमफ्रायगंज में गई। जहां देश भर से देशभक्तों ने इन शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
द गोल्डर एरा के चेयरमैन संजय पति तिवारी ने बताया कि 30 जनवरी 1944 को 44 देशभक्तों को गोलियों मार दी गई थी। जिन्हें शायद ही याद किया गया। ये वे देशभक्त हैं जो हमारे हीरो हैं। अपने देश के खातिर इन्होंने अपनी जान दी है। द गोल्डल एरा ऐसे क्रांतिक्रारियों को याद कर रहा है। इसी कड़ी में 30 जनवरी को पोर्ट ब्लेयर के होमफ्रायगंज में जाकर श्रद्धांजलि दी।
संजय पति तिवारी ने बताया कि इस मौके पर अंडमान निकोबार के सांसद कुलदीप राय शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे एवं इन शहीदों को याद करते हुए कहा कि आज देश में ऐसे कई हीरों हैं जिन्हें याद करने का समय है। जिस प्रकार से 44 शहीद आज के ही दिन यानी 30 जनवरी को शहीद हुए हैं इनके शहीद से ही हमें आजादी मिली है।
इस मौके पर द गोल्डन एरा के सलाहकार शुभंकर देवनाथ ने कहा कि हम इन शहीदों को याद तो कर रहे हैं साथ ही संकल्प लेने का समय है कि जो भी शहीद अब तक याद नहीं किए गए उन्हें अब याद किया जाए। इनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाए।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद सांसद कुलदीप राय शर्मा ने कहा कि देश के विभिन्न कोने से देशभक्तों को यहां लाए गए जिन्हें निर्मम तरीके से यातनाएं दी गई। जिन्हें हम याद कर रहे हैं। आज देशभक्तों को याद कर उनसे सीख भी लेने का समय है कि देश के लिए इन्होंने अपनी जान कुर्बान कर दी।
इस मौके पर शहीद प्रेम शंकर पाण्डे के सुपुत्र वयोवृद्ध 90 वर्षीय गौरी शंकर पाण्डेय कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण रहे।
शहीद दिवस के मौके पर सेल्यूलर जेल सम्मारक की निदेशक सुरी रशीदा हमशाद भी मौजूद थी। इन शहीदों को याद करने के लिए प.बगाल से हुगली जिले से गोपी किशन करनानी, प्रवीर गुप्ता भी वहां टीम के साथ गए और श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर पंजाब के होशियारुर जिले से जगजीत सिह, गुरदेव सिंह, नरेद्र पाल सिंह, यातिंदर मोहन, रविंदर सिंह भी अपने साथियों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि दी।.खास बात यह है कि शहीद परिवार से 23 लोग भी भागीदारी की एवं परिजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि द गोल्डन एरा लगातार ऐसे क्रांतिकारियों को याद करने का पीड़ा उठा लिया है जिन्हें विगत 75 वर्षों से याद नहीं किया गया। जिनके योगदान को कहीं से भी कम नहीं था। द गोल्डन एरा की टीम शहीदों को याद करने के लिए लगातार उनपर किताब लिख रहा एवं उनके परिवारों को यथोचित सम्मान किया जाए।

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