स्वास्थ्य

फुलहारा में अस्पताल खुलने की उम्मीद से ग्रामीणों में खुशी

-अभी 38 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है इलाज कराने के लिए
-चांदन पीएचसी ही है ग्रामीणों के लिए सबसे नजदीकी अस्पताल

बांका, 25 नवंबर-

जिले के चांदन प्रखंड की पश्चिमी कटसकरा पंचायत के फुलहारा गांव में कोई सरकारी अस्पताल नहीं है। इलाज कराने के लिए लोगों को 38 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) जाना पड़ता है। इससे ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान तो होता ही है, साथ ही गंभीर मरीजों को ज्यादा परेशानी भी उठानी पड़ती । लेकिन पिछले दिनों जिलाधिकारी अंशुल कुमार से मिले आश्वासन से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। दरअसल, जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ गांव का दौरा किया था। दौरा के दौरान उन्होंने गांव में अस्पताल की आवश्यकता को सही बताया था। इसे लेकर उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि वह सरकार से इसकी मांग करेंगे। साथ ही 15वें वित्त आयोग के तहत अस्पताल के भवन का निर्माण कराएंगे। इससे ग्रामीणों में खुशी है। उनमें उम्मीद जगी है कि अब इलाज कराने के लिए 38 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही गंभीर मरीजों को भी परेशानी नहीं होगी। डीएम के दौरे के दौरान सिविल सर्जन डॉ. रविंद्र नारायण, डीआईओ डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल, डीपीएम प्रभात कुमार राजू और केयर इंडिया के डीटीएल तौसीफ कमर भी मौजूद थे।
आसपास के गांव के लोगों को भी होगा फायदाः वार्ड सदस्य चांद रफीन अंसारी कहते हैं कि गांव में अस्पताल की सख्त आवश्यकता है। अस्पताल खुल जाने से ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर राहत मिलेगी। इससे ग्रामीण सरकार की तरफ से मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का भी लाभ उठा सकेंगे। अभी गांव के लोग कई तरह की सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं। हमलोग इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। डीएम साहब के आश्वासन से हमलोगों में उम्मीद बंधी है। गांव में अस्पताल बन जाने से आसपास के दूसरे गांव के लोगों को भी फायदा होगा। ग्रामीण बालकिशोर ठाकुर कहते हैं, स्वास्थ्य बुनियादी जरूरतों में से एक है। अगर गांव में अस्पताल बन जाएगा तो काफी संख्या में लोग लाभान्वित होंगे। इसके लिए हमलोग जिलाधिकारी के आभारी रहेंगे। वे जल्द से जल्द अस्पताल बनवा दें।
महिलाओं को विशेष तौर पर राहत मिलेगीः उमेश पंडित कहते हैं कि गांव में अस्पताल रहने से न सिर्फ कई किलोमीटर तक इलाज कराने के लिए जाना पड़ता है, बल्कि कई अन्य तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता । घर में अगर कोई बीमार पड़ गया हो और चांदन या बांका जिला मुख्यालय जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा हो तो परेशानी और बढ़ जाती है। अगर जिलाधिकारी गांव में अस्पताल बनवा देंगे तो हमें इन समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा। गांव की पिंकी देवी कहती हैं कि हम महिलाओं को तो और परेशानी का सामना करना पड़ता है। घर में कोई बीमार हो पुरुष सदस्य घर पर नहीं हैं तो काफी दिक्कत होती । मैं जिलाधिकारी से यही मांग करती हूं कि यहां जल्द से जल्द अस्पताल बनवाने का काम कराएं, ताकि हमलोगों को राहत मिल सके। गांव की महिलाएं उनकी आभारी रहेंगी।

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