अपना जीवन संवारें, जानिए प्रख्यात शायर एवं स्तंभकार शिवकुमार बिलगरामी जी से
संसार में दो तरह के लोग होते हैं- बुद्धिमान और बुद्धिजीवी।
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संसार में दो तरह के लोग होते हैं- बुद्धिमान और बुद्धिजीवी। बुद्धिमान लोग वो होते हैं जो सदैव कुछ सीखने, जानने और उसे अपने जीवन में उतारने के लिए तत्पर रहते हैं । ऐसे लोग सदैव संतो , विद्वानों और अनुभव सिद्ध लोगों द्वारा कही गई बातों को ध्यान से सुनते हैं , सार तत्व को समझते हैं और उसका उपयोग अपने जीवन की समस्याओं को हल करने में करते हैं । बुद्धिमान लोग प्रश्न स्वयं से करते हैं और उनके उत्तर संतो , शास्त्रों और विद्वत जनों के कथनों में ढूंढते हैं । बुद्धिमान लोगों के लिए जीवन एक पहेली नहीं अपितु एक खोज होता है जिसमें उन्हें हर कदम पर आनंद का बोध होता है । इसके विपरीत बुद्धिजीवी लोग वो होते हैं जिन्हें अपने अल्प ज्ञान का अत्यधिक घमंड होता है । वह सदैव संतो , विद्वानों और अनुभवसिद्ध लोगों द्वारा कही गई बातों पर प्रश्न खड़े करते हैं और उन्हें चुनौती देते हैं । स्वयं को ज्ञानी सिद्ध करने के लिए संतो और शास्त्रों की खुलेआम आलोचना करते हैं । वो शब्दों में निहित सार तत्व को नहीं समझते सिर्फ शब्दों के मकड़जाल में उलझ कर रह जाते हैं । वह अपने वाक् आडम्बर से यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि वे देश और समाज के बहुत बड़े हितैषी हैं लेकिन यह लोग एक तरह की हीन भावना से ग्रस्त स्वार्थी प्रकृति के लोग होते हैं । अपने को श्रेष्ठ और बेहतर सिद्ध करने के लिए सदैव किसी न किसी से उलझते रहते हैं । इनके लिए जीवन एक संघर्ष होता है और ये अपना बहुमूल्य जीवन व्यर्थ के संघर्ष में निकाल देते हैं ।
बुद्धिमान लोगों का कर्तव्य बोध बहुत दृढ़ और स्पष्ट होता है । वो अपने जीवन को संवारने के साथ-साथ कई अन्य व्यक्तियों के जीवन को भी संवारते हैं । बुद्धिजीवियों का अधिकार बोध बहुत दृढ़ और अडिग होता है । इसके कारण वो अपना जीवन तो बर्बाद करते ही हैं दूसरों का जीवन भी बर्बाद कर देते हैं । अतः अपने जीवन को सफल बनाने के लिए आवश्यक है कि हम सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि हमारी वृत्ति किस तरह की है ।