स्वास्थ्य

कालाजार उन्मूलन को लेकर सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव शुरू

जिले के 57 गांव हैं कालाजार से प्रभावित
जिले में इस बार 66 दिनों तक चलेगा अभियान

भागलपुर, 5 मार्च 
 जिले के 12 प्रखंडों में कालाजार से मुक्ति को लेकर सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव शुक्रवार से शुरू हो गया. छिड़काव के दौरान जिला स्वास्थ्य समिति की टीम भी मौजूद थी, जो कि छिड़कावकर्मियों को बारीकियों से अवगत करा रही थी. साथ ही टीम के सदस्य घर के लोगों को भी कालाजार के प्रति जागरूक कर रहे थे.

पूरी दीवार पर हो रहा छिड़काव: 
केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि पहले दीवार में 6 फीट की ऊंचाई तक सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव होता था, लेकिन इस बार पूरी दीवार में छिड़काव कराया जा रहा है. घर के अंदर सभी जगहों पर सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव हो रहा है. यह अभियान जिले के 12 प्रखंडों के 57 गांवों में 66 दिनों तक चलेगा.

जिले के चार प्रखंड हैं कालाजार मुक्त: 
केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि जिले के चार प्रखंड कालाजार से मुक्त हैं. नाथनगर, जगदीशपुर, नवगछिया और बिहपुर प्रखंड में कालाजार के एक भी मरीज नहीं हैं. इसलिए जिले के शेष बचे 12 प्रखंडों में छिड़काव कराया जा रहा है.

कालाजार की रोकथाम को लेकर विभाग अलर्ट:
 जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. प्रभावित प्रखंडों में छिड़काव का काम अगले महीने से  किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 4 प्रखंड कालाजार से मुक्त हैं, इसलिए वहां छिड़काव का काम नहीं होगा. केयर इंडिया के डीपीओ ने बताया कि छिड़कावकर्मियों को चिह्नित गांव की जानकारी दी गई है.

घर के पास जलजमाव नहीं होने दें: 
डॉ पटेल ने बताया अब दवा का छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें. सोते समय मच्छरदानी लगाएं, साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छररोधी क्रीम लगाएं. कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई.

कालाजार की ऐसे करें पहचान:
डॉ पटेल ने बताया कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है. कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है. यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है. कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है. यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है. यदि इलाज में देरी होती है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है. बाल व त्वचा के परत भी सूख कर झड़ते हैं. उन्होंने बताया कालाजार के संभावित लक्षण दिखने पर क्षेत्र की आशा से तुरंत संपर्क करें और किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं.

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