कर्नाटक के CM Siddaramaiah द्वारा Virupaksheshwara Temple में एक कार्यक्रम को लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया है. बता दें कि इस मामले को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) ने कर्नाटक बंदोबस्ती विभाग को नोटिस भी भेजा है.
बताया जा रहा है कि इस विभाग के अधिकारियों ने बीते 2 नंवबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मंदिर यात्रा के दौरान भक्तों को नियंत्रित करने के लिए कथित तौर पर गेट पर कीलें लगाने के लिए वहां ड्रील किया था.
एएसआई के अधिकारियों ने 11 नवंबर को बंदोबस्ती विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी किया और स्पष्टीकरण मांगा है. एएसआई टीम के संज्ञान में आया है कि एक खंभे पर कील ठोकने के लिए ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया गया था. आपत्ति मुख्य रूप से गेट लगाने से पहले पुरातत्व विभाग से अनुमति न लेने को लेकर थी.
दरअसल पुरातत्व विभाग विरुपाक्ष मंदिर का प्रबंधन देखता है और गेट पर कीलें ठोकने की कार्रवाई उनकी सहमति के बिना की गई थी. बंदोबस्ती विभा एक सरकारी संस्था है. इस पर कथित तौर पर ऐतिहासिक स्मारकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है. नोटिस में कहा गया है कि यह घटना चिंताजनक है. खासकर इसलिए क्योंकि हम्पी को 1986 में विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था.
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