स्वास्थ्य

माइकिंग के जरिये टीबी के मरीज तेजी से हो रहे हैं चिह्नित

-जिले के सघन आबादी वाले इलाके में टीबी को लेकर अभियान तेज
-माइकिंग और टीबी हेल्थ ऑटो से टीबी के मरीजों की हो रही मदद

भागलपुर, 21 दिसंबर। एक महीने पहले मैं घर पर काम कर रहा था। इसी दौरान माइकिंग (टीबी सूचना) सुना तो मैं सड़क पर चला गया और ऑटो पर मौजूद व्यक्ति से पूछा कि ये क्या हो रहा है। उन्होंने बताया कि हमलोग टीबी के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। समझा रहे हैं कि सरकारी अस्पताल में टीबी का मुफ्त इलाज होता है। यह सुनकर मैंने अपनी बीमारी के बारे में बताया तो उन्होंने सारी जानकारी ली और अगले दिन जांच के लिए डीएमसी जाने के लिए कहा। इसके बाद उस भैया ने बताया कि अगर कोई और भी टीबी का इलाज कराने के लिए अस्पताल जाना चाहता है तो उसे भी टीबी हेल्थ ऑटो से मुफ्त ले जाया जाएगा और वापस घर तक पहुंचाया जाएगा। यह सुनकर मैंने अगले ही दिन उन्हें ऑटो भेजने के लिए कह दिया।
यह कहना है मोहनपुर, एकचारी के झुलो मंडल का। 47 वर्षीय झुलो मंडल टीबी की चपेट में आ गया था। हालांकि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। वह बीमार थे, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण वह निजी अस्पतालों में इलाज नहीं करवा पा रहे थे। मजदूरी कर किसी तरह घर चलाते हैं। दरअसल, जिले को 2025 तक टीबी से मुक्त बनाने के लिए कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) स्वास्थ्य विभाग के साथ काम कर रहा है। टीबी को लेकर तमाम तरह के जागरूकता कार्यक्रम को केएचपीटी करा रहा है। उसी कड़ी में जिले के सघन आबादी वाले इलाके में माइकिंग और टीबी हेल्थ ऑटो चलाया जा रहा है। इसी अभियान के दौरान झुलो मंडल को जानकारी मिली और उनका इलाज शुरू हुआ।
जागरूकता अभियान को मिला बलः केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा कहती हैं कि अभी हमलोग तीन प्रखंडों- कहलगांव, नाथनगर और सन्हौला में हेल्थ ऑटो औऱ माइकिंग का काम करा रहे हैं। इससे कई तरह का फायदा पहुंच रहा है। झुलो मंडल को ही देख लीजिए। जैसे ही हमारे वॉलेंटियर के पास वह आए, अगले ही दिन अंतीचक डीएमसी में उनकी जांच कराई गई, जिसमें उन्हें टीबी होने की पुष्टि हुई और अब उनका सरकारी स्तर पर मुफ्त इलाज चल रहा है। इस बात की जानकारी वह दूसरे लोगों को भी दे रहे हैं। इस तरह के प्रयास से टीबी के प्रति जागरूकता अभियान को काफी बल मिला है। जल्द ही जिले के दूसरे प्रखंडों में भी यह अभियान चलेगा।
दो महीने में दो सौ से ज्यादा लोग हुए लाभान्वितः आरती झा कहती हैं कि माइकिंग और टीबी हेल्थ ऑटो के जरिये पिछले दो महीने में दो सौ से भी ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाया गया है। नवंबर में 115 से अधिक लोगों ने इसका फायदा उठाया तो दिसंबर में अभी तक 117 लोग इसका फायदा उठा चुके हैं। ये आंकड़े काफी उत्साहजनक हैं। हमलोग यह अभियान मार्च से ही चला रहे हैं। मुझे भरोसा है कि पहले के महीनों में भी सैकड़ों की संख्या में लोगों ने इसका फायदा उठाया होगा।
टीबी के मरीज तेजी से हो रहे चिह्नितः जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ कहते हैं कि टीबी को लेकर जिले में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। केएचपीटी का सहयोग इसमें सराहनीय है। केएचपीटी का साथ मिल जाने से तेजी से टीबी के मरीज चिह्नित हो रहे और उनका इलाज भी तत्काल शुरू कर दिया जा रहा है। इस वजह से टीबी के मरीज तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। मैं जिले के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि अगर किसी को टीबी के लक्षण दिखाई दे तो वह सरकारी अस्पताल में ही आएं। यहां पर इलाज की बेहतर व्यवस्था है। साथ में कोई पैसा भी नहीं लगता है।

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