स्वास्थ्य

बच्चों के स्वास्थ्य का सही तरीके से ध्यान रख कोल्ड डायरिया की परेशानी से रहें दूर

– सर्दियों के मौसम में काफी बढ़ जाती है कोल्ड डायरिया की संभावना, हमेशा रहें सतर्क
– बच्चों को ठंड से बचाव के साथ- साथ साफ-सफाई का भी रखें विशेष ख्याल

मुंगेर-
इन दिनों लगातार तापमान में गिरावट के कारण जहाँ एक ओर ठंड में लगातार वृद्धि हो रही वहीं दूसरी ओर कोल्ड डायरिया की भी संभावना काफी बढ़ गई है। इस मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति विशेष सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है ताकि अनावश्यक परेशानी से बच्चों को दूर रखते हुए उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ रखा जा सके। इसके लिए बच्चों का सही तरीके से देखभाल करते हुए उसके रहन- सहन में भी सकारात्मक बदलाव की जरूरत है। मालूम हो कि सामान्य दिनों की भाँति सर्दियों के मौसम में बच्चों की इम्युनिटी सिस्टम काफी कमजोर होती है। इसकी वजह से बच्चे आसानी से कोल्ड डायरिया की चपेट में आ जाते हैं।

– कोल्ड डायरिया से बचाव के लिए विशेष एहतियात जरूरी :
जिला के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ( एसीएमओ) डाॅ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि ठंड के मौसम में बच्चों के कोल्ड डायरिया की चपेट आने की प्रबल संभावना रहती है। इसलिए, इससे बचाव के लिए आवश्यक एहतियात बरतने की जरूरत है जैसे कि बच्चों को भरपूर मात्रा में स्तनपान कराना चाहिए। यदि बच्चा आहार लेता हो तो तरल पदार्थ देना चाहिए। ठंड से बचाव के लिए उपयुक्त गर्म कपड़े पहनाना चाहिए। जिससे कि बच्चे के शरीर का तापमान सामान्य रहे । इसके अलावा साफ -सफाई सहित दिनचर्या में भी आवश्यक सकारात्मक बदलाव की जरूरत है।

– 0 से 05 वर्ष तक के बच्चे को कोल्ड डायरिया का रहता है खतरा :
उन्होंने बताया कि कोल्ड डायरिया की चपेट में 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों के आने की प्रबल संभावना रहती है। इसलिए, बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति विशेष सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। ताकि बच्चे इन परेशानियाँ से दूर रहते हुए शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें। कोल्ड डायरिया का शुरुआती लक्षण सर्दी-जुकाम के साथ दस्त का होना है। इसलिए, ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सकों से जाँच कराएं और चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही आगे का इलाज कराएं।

– दूषित पानी के सेवन से होता है डायरिया :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार रौशन ने बताया कि डायरिया होने के प्रमुख कारणों में एक मुख्य कारण दूषित पानी का सेवन भी है। इसलिए हमेशा शुद्ध पानी का ही सेवन करें और दूषित पानी से बिलकुल दूर रहें। इसके साथ ही खानपान का भी विशेष ख्याल रखते हुए सर्द हवाओं से दूर रहें ।

– डिहाइड्रेशन से भी बच्चों को बचायें :
उन्होंने बताया कि बच्चों को कोल्ड डायरिया के अलावा डिहाइड्रेशन से भी बचाना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए बच्चों को भरपूर मात्रा में शुद्ध पानी पिलाने की जरूरत है। दरअसल, ठंड के मौसम में बच्चों के अलावा प्रत्येक वर्ग के लोगों को प्यास ना के बराबर लगती है। इसके कारण लोग पानी पीना कम कर देते हैं। किन्तु, स्वास्थ्य के लिए ये ठीक नहीं है इसलिए उचित मात्रा में पानी पीएं।

– डायरिया से बचाव के लिए जिंक, ओआरएस और स्तनपान जरूरी :
पोषण एवम पुनर्वास केंद्र मुंगेर के नोडल अधिकारी और डीपीसी विकास कुमार ने बताया कि ठंड के मौसम में छोटे बच्चों द्वारा कम पानी पीने से दस्त होता है। इसमें शरीर के लिए आवश्यक इल्केट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। छह माह से कम उम्र के बच्चों को ठंड के मौसम में अधिकाधिक स्तनपान कराया जाना चाहिए। जबकि छह माह से अधिक उम्र के शिशुओं व बच्चों को ओआरएस के घोल के साथ तरल पदार्थ दिया जाना चाहिए। इसके अलावा जिंक का घोल भी डायरिया के इलाज के लिए कारगर होता है। ओआरएस का पैकेट नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा व एएनएम से प्राप्त किया जा सकता है।

– ठंड से बच्चों को रखें दूर :
उन्होंने बताया कि ठंड के प्रभाव से भी बच्चों को डायरिया होने की प्रबल संभावना रहती है। इसलिए, बच्चों को ठंड से दूर रखें। इसके लिए बच्चों को गर्म कपड़ा पहनाएं, धूप लगाएँ, सर्द हवाओं से दूर रखें, गर्म तेल से बच्चों की मालिश करें। इसके अलावा ठंड से बचाव के लिए अन्य उपायों का पालन करें। जिससे कि बच्चे के शरीर का तापमान सामान्य रहे ।

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