स्वास्थ्य

जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा: जिला के सभी सीएचसी और पीएचसी में परिवार नियोजन मेले का आयोजन

– मेले में एएनएम और आशा कार्यकर्ता दे रहीं है परिवार नियोजन के लिए स्थाई और अस्थाई साधनों की जानकारी
– 11 से 31 जुलाई तक जिला भर में मनाया जा रहा है जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा
– ” आपदा में भी परिवार नियोजन कि तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी ” की थीम पर मनाया जा रहा है पखवाड़ा ”

लखीसराय-

जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा को लेकर 31 जुलाई तक जिला के सभी अस्पतालों के साथ- साथ सीएचसी और पीएचसी में परिवार नियोजन मेला का आयोजन किया जा रहा है। यहां अलग – अलग स्टॉल लगाकर आने वाले सभी लोगों को परिवार नियोजन के महत्व, आवश्यकता और स्थाई और अस्थाई साधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। यहां लोगों के बीच वितरण के लिए परिवार नियोजन के साधन जैसे अंतरा, छाया, निरोध, कॉपर टी , माला एन के साथ ही निक्षय किट रखे गए हैं।
जिला भर में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा
लखीसराय के सिविल सर्जन डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना काल में जिला में हुई जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चलाये गए अभियान और इस वर्ष जनवरी- फरवरी में चलाये गए परिवार नियोजन गतिविधियों की सफलता को देखते हुए अब विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर 11 से 31 जुलाई तक जिला भर में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता विभिन्न संस्थानों के साथ -साथ घर- घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के महत्व और आवश्यकता के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों के बारे में भी बताएंगे।

“आपदा में भी परिवार नियोजन कि तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी ” की थीम पर मनाया जा रहा है पखवाड़ा ”
केयर इंडिया के जिला फैमिली प्लांनिग कोऑर्डिनेटर अनुराग गुंजन ने बताया कि इस वर्ष जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा “आपदा में भी परिवार नियोजन कि तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी ” की थीम पर मनाया जा रहा है। इस दौरान परिवार नियोजन के बारे में लोगों को जानकारी देने के साथ – साथ निश्चय किट वितरित करने के जिम्मेदारी एएनएम और आशा कार्यकर्ता को सौंपी गई है। उन्होने बताया कि परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का इस्तेमाल करने से दम्पति को शारीरिक लाभ के साथ- साथ आर्थिक, सामाजिक और मानसिक रूप से काफी लाभ मिलता है। इससे दम्पति अपने बच्चों को सही पोषण के साथ -साथ सही शिक्षा , उचित स्वास्थ्य के साथ-साथ सम्मानजनक जीवन स्तर दे सकते हैं।

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