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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी के बीच देश में होने जा रहीं परीक्षाओं के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं

देशभर में परीक्षाओं का आयोजन शुरू हो चुका है। इस दौरान परीक्षा केंद्रों पर स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की अच्छी संख्या होती है।

देशभर में परीक्षाओं का आयोजन शुरू हो चुका है। इस दौरान परीक्षा केंद्रों पर स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की अच्छी संख्या होती है। ऐसे में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर उचित सुरक्षा एहतियात बरते जाने के उद्देश्य से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विस्तृत एसओपी (SOP) जारी किया है। इसमें परीक्षाओं के लिए सभी दिशानिर्देश दिए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है।

ये दिशानिर्देश नीट (NEET), यूपीएससी सिविल सेवा (UPSC Civil Services), फाइनल ईयर (Final Year Exams) समेत आने वाली सभी परीक्षाओं के लिए है। इसमें परीक्षा आयोजित करने वालों, परीक्षा में शामिल होने वाले सभी स्टूडेंट्स व अन्य अधिकारी व पैरेंट्स, सभी के लिए निर्देश दिए गए हैं।

यहां सरकार द्वारा जारी एसओपी की खास बातें बताई जा रही हैं।

सामान्य सुरक्षा एहतियात (सभी के लिए)
एक दूसरे से 6 फीट की दूरी बनाकर रखनी होगी।
फेस कवर या मास्क पहनना अनिवार्य है।
हाथ भले ही आपको गंदे न दिखें, फिर भी समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना (कम से कम 40-60 सेकंड) जरूरी है। समय-समय पर अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल (कम से कम 20 सेकंड) जरूरी है।
छींकते, खांसते समय मुंह व नाक को टिशु, रुमाल या कोहनी से ढकना अनिवार्य है।
अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहेंगे। किसी भी तरह बीमार महसूस करने पर तुरंत संबंधित अधिकारी को सूचित करना होगा।
कैंपस में कहीं भी थूकना पूरी तरह वर्जित होगा।
केंद्र में एंट्री से लेकर एग्जिट तक, परीक्षा के दौरान भी, हर समय मास्क पहने रखना अनिवार्य होगा।
जहां संभव हो आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करना होगा।

अन्य जरूरी निर्देश
सिर्फ उन्हीं परीक्षा केंद्रों को संचालन की अनुमति होगी जो कंटेनमेंट जोन्स से बाहर होंगे। कंटेनमेंट जोन्स से आने वाले कर्मचारियों व अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा कराने वाली संस्था अलग प्रबंध करेगी।
संस्थान अलग-अलग समय में परीक्षाएं कराएं, ताकि एक समय पर एक जगह ज्यादा भीड़ इकट्ठा न हो। परीक्षा व अन्य संबंधित प्रक्रियाओं के लिए केंद्रों पर उचित संख्या में कमरे हों।

परीक्षा कराने वाली संस्था को फेस कवर्स, मास्क, हैंड सैनिटाइजर्स, थर्मल गन्स, सोडियम हाइपोक्लोराइट, साबुन/हैंडवॉश, डिस्पोजेबल पेपर टॉवल्स, पल्स ऑक्सीमीटर, ढके हुए डस्बिन्स, आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

स्टूडेंट्स को परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड, आईडी कार्ड, मास्क, सैनिटाइजर के अलावा क्या चीजें साथ लेकर आने की जरूरत होगी, इस संबंध में उन्हें पहले से जानकारी देनी होगी।

परीक्षा केंद्रों पर आइसोलेशन रूम होना जरूरी है। स्क्रीनिंग या परीक्षा के दौरान अगर किसी में लक्षण पाए जाते हैं, या इसकी आशंका होती है, तो उसे इस आइसोलेशन रूम में रखा जाएगा।

इनविजिलेटर्स, सुवरवाइजरी स्टाफ को कोविड-19 के संबंध में जारी निर्देशों व आचार संहिता की पूरी ट्रेनिंग देनी होगी।

अगर संस्थान परीक्षाओं के लिए किसी तरह के ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि बस / वाहन अच्छी तरह सैनिटाइज किया गया हो। जिन कर्मचारियों व स्टूडेंट्स में कोरोना का कोई लक्षण नहीं होगा, सिर्फ उन्हें ही वाहन में बैठने दिया जाए।

फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन हो, इसके लिए जमीन पर 6-6 फीट की दूरी पर घेरे बनाने होंगे। एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग दरवाजे हों।
अभ्यर्थियों की जांच करने वाले कर्मचारियों को ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क और ग्लव्स हर समय पहने रहना होगा। समय-समय पर ग्लव्स बदलना होगा और इस दौरान उचित साफ-सफाई रखनी होगी।

परीक्षा केंद्रों में बैग, बुक या मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। स्टूडेंट्स आपस में किसी भी तरह की स्टेशनरी या वॉटर बॉटल शेयर नहीं कर सकते।

पेन-पेपर बेस्ड टेस्ट में इनविजिलेटर को क्वेश्चन पेपर, आंसरशीट बांटते समय हाथों को अच्छी तरह सैनिटाइज करना होगा। स्टूडेंट्स भी ये चीजें लेने और उन्हें वापस देने से पहले अपने हाथ सैनिटाइज करेंगे। शीट्स गिनने या बांटने के लिए कोई भी थूक का इस्तेमाल नहीं करेगा। पेपर्स जमा होने के 72 घंटे बाद ही आंसर-शीट्स के बंडल खोले जाएंगे।

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