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संसार में जितने भी शास्त्र हैं वह केवल शास्त्रार्थ के विषय हैं-ज्योतिषाचार्य जयकान्त

परंतु ज्योतिष विज्ञान प्रत्यक्ष शास्त्र है।

संसार में जितने भी शास्त्र हैं वह केवल शास्त्रार्थ के विषय हैं, अप्रत्यक्ष है, परंतु ज्योतिष विज्ञान प्रत्यक्ष शास्त्र है, जिसकी साक्षी सूर्य और चंद्रमा घूम घूम कर दे रहे हैं |सूर्य, चंद्र -ग्रहण, प्रत्येक दिन का सूर्योदय, सूर्यास्त ,चंद्रोदय, चंद्रास्त, ग्रहों की श्रृंगोन्नति, वेध, गति, उदय ,अस्त इस शास्त्र की सत्यता एवं सार्थकता के प्रत्यक्ष प्रमाण है| ज्योतिष एक ऐसा दिलचस्प विज्ञान है जो कि जीवन की अंजान राहों में मित्र व शुभचिंतकों की लंबी श्रृंखला खड़ी कर देता है |इसके अध्येता को समाज व राष्ट्र में धन ,यश व प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है|जातक के लिए ज्योतिष शास्त्र के अतिरिक्त कोई आन्य मार्गदर्शक/ हितेषी नहीं हो सकता है |क्योंकि द्रव्य उपार्जन में यह सहायता देता है एवं आपत्ति रूपी समुद्र में नौका का कार्य करता हैं तथा यात्रा काल में सुह्रदय मित्र की तरह सही सम्मति देता है एवं जनसंपर्क बढ़ाता है |दीपहीन रात्रि और सूर्यहीन आकाश की तरह ज्योतिष से हीन राजा शोभित नहीं होता, वह जीवन के दुर्गम मार्ग में अंधों की तरह भटकता रहता है|
अतः यश, जय ,श्री ,भोग और मंगल की इच्छा रखने वाले राजपुरुष को सदैव विद्वान व श्रेष्ठ ज्योतिषी का आश्रय लेना चाहिए| ज्योतिषशास्त्र के साथ एक विडंबना यह है कि यह शास्त्र जितना अधिक प्रचलित व प्रसिद्ध होता चला गया, अयोग्य लोगों द्वारा यह शास्त्र उतना ही अधिक विवादास्पद होता चला गया |अनेक नास्तिकों, अनीश्वर वादी सज्जनों एवं कुतर्की विद्वानों ने अपने -अपने ढंग से ज्योतिष विद्या पर कठोर प्रहार किए| सत्य तो यह है कि ज्योतिष में शत-प्रतिशत सत्य कथन की क्षमता है| निर्भर करता है कि ज्योतिषी का अध्ययन व अनुभव कितना है|सत्य की निरंतर खोज में एवं अनवरत अनुसंधान परीक्षणों में संलग्न भारतीय ऋषियों ने अपने आप को तिल-तिल जलाकर अपने प्राणों की आहुति देकर श्रुति परंपरा से इस दिव्य विद्या को जीवित रखा |
ज्योतिष वस्तुतः सूचनाओं और संभावनाओं का शास्त्र है| इसके महत्व को सही ढंग से समझकर उपयोग करने पर मनुष्य अपने आपको और अत्याधिक निर्विघ्नता पूर्वक अपनी जीवन यात्रा को सफल कर सकता है|
कार्य:- हस्तरेखा ,जन्म कुंडली, वास्तु शांति, ग्रह शांति, शादी -विवाह ,कथा -प्रवचन एवं सभी प्रकार के ज्योतिषीय कार्य हेतु संपर्क करें |

ज्योतिषाचार्य जयकान्त शर्मा कौण्डिन्य
8287374774,8851746668

पता :- N 6714अम्बाबाग, किशनगंज ,प्रताप नगर मेट्रो के नजदीक, दिल्ली -07

नोट :यहां किसी प्रकार का कोई भी तांत्रिक कार्य नहीं किया जाता है|

 

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