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देश में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को लेकर अभूतपूर्व उत्साह

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीते 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी से पूरे देश में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत की गई थी. अब इस यात्रा की कड़ी में ग्राम पंचायतों में आईईसी वैन के रुकने के स्थानों पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है.

बता दें कि इस यात्रा के अंतर्गत अब तक 995 ग्राम पंचायतों में 5,470 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 7,82,000 से अधिक लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई.

स्वास्थ्य शिविरों में की जा रही गतिविधियों की सूची निम्नलिखित है:

आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई): विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए एमओएचएफडब्‍ल्‍यू की प्रमुख योजना के तहत, आयुष्मान ऐप का उपयोग करके आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं और लाभार्थियों को भौतिक कार्ड वितरित किए जा रहे हैं. बारहवें दिन के अंत तक शिविरों में 9,35,970 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाये गये और 1,07,000 से अधिक भौतिक कार्ड वितरित किये गये.

टीबी: टीबी रोगियों के लक्षणों, बलगम परीक्षण और जहां भी उपलब्ध हो, एनएएटी मशीनों का उपयोग करके जांच की जा रही है. जिन मामलों में टीबी होने का संदेह होता है उन्हें उच्च सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के लिए रेफर किया जाता है. बारहवें दिन के अंत तक, 1,95,000 से अधिक लोगों की जांच की गई, जिनमें से 19,500 से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भेजा गया.

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमए) के अंतर्गत, टीबी से पीड़ित मरीजों को निक्षय मित्रों से सहायता प्राप्त करने के लिए सहमति ली जा रही है. निक्षय मित्र बनने के इच्छुक प्रतिभागियों का वहीं के वहीं (ऑन-स्पॉट) पंजीकरण भी कराया जा रहा है. बारहवें दिन के अंत तक, 11,500 से अधिक रोगियों ने पीएमटीबीएमबीए के तहत सहमति दी और 5,500 से अधिक नए निक्षय मित्र पंजीकृत किए गए.

निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के अंतर्गत, टीबी रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से मौद्रिक सहायता प्रदान की जाती है. इसके लिए लंबित लाभार्थियों के बैंक खाते का विवरण लिया जा रहा है और उनके खातों को आधार से जोड़ा जा रहा है. बारहवें दिन के अंत तक ऐसे 3,371 लाभार्थियों का विवरण एकत्र किया गया.

सिकल सेल रोग: प्रमुख जनजातीय आबादी वाले क्षेत्रों में, एससीडी के लिए प्वाइंट ऑफ केयर (पीओसी) परीक्षणों के माध्यम से या घुलनशीलता परीक्षण के माध्यम से सिकल सेल रोग (एससीडी) का पता लगाने के लिए पात्र आबादी (40 वर्ष तक की आयु) की जांच की जा रही है. जिन लोगों में रोग का पता चलता है उन्‍हें इलाज के लिए उच्च केंद्रों पर भेजा जा रहा है. बारहवें दिन के अंत तक 54,750 से अधिक लोगों की जांच की गई, जिनमें से 2,930 लोगों में बीमारी के लक्षण पाये गये और उन्हें उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया.

गैर संचारी रोग (एनसीडी): उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए पात्र आबादी (30 वर्ष और उससे अधिक) की जांच की जा रही है और बीमारी के लक्षण होने के संदेह वाले लोगों को उच्च स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर भेजा जा रहा है. बारहवें दिन के अंत तक, लगभग 5,51,000 लोगों की उच्च रक्तचाप और मधुमेह की जांच की गई. 31,000 से अधिक लोगों में उच्च रक्तचाप के और 24,000 से अधिक लोगों में मधुमेह के लक्षण दिखे और 48,500 से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया.

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