स्वास्थ्य

फाइलेरिया मरीज सावित्री देवी और मीना देवी ने छात्राओं के सामने खुद दवा का सेवन कर किया प्रेरित 

  – सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के मॉप अप राउंड में बीआरएम कॉलेज कि 200 से अधिक छात्राओं और स्टाफ को खिलाई गई फाइलेरिया रोधी दवा

  – कॉलेज के प्रिंसिपल, अकाउंटेंट और एनएनएस कि कार्यक्रम पदाधिकारी सहित कई अधिकारियों ने खुद दवा का सेवन कर छात्राओं को किया जागरूक 

मुंगेर- 

फाइलेरिया मरीज सावित्री देवी और मीना देवी ने छात्राओं के सामने खुद फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर उन्हें प्रेरित किया। इस आशय कि जानकारी डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम एमडीए अभियान के मॉप अप राउंड के अन्तर्गत शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित बीआरएम कॉलेज कि 200 से अधिक छात्राओं और कॉलेज स्टाफ को फाइलेरिया रोधी दवा के रूप अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन कराया गया। इस अवसर पर बीआरएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजीत कुमार ठाकुर, अकाउंटेंट रतन कुमार भटनागर, राष्ट्रीय सेवा योजना कि कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर वंदना कुमारी ने खुद छात्राओं के सामने फाइलेरिया कि दवा का सेवन कर उन्हें दवा सेवन करने के लिए जागरूक किया । इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रिंसिपल डॉ. अजीत कुमार ठाकुर ने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी कभी हो सकता है। इस बीमारी कि वजह से व्यक्ति हाथी पांव से ग्रसित होकर जीवन भर के लिए एक दिव्यांग कि जिंदगी जीने को विवश हो जाता है। इस बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय यह है कि सभी लोग साल में कम से कम एक बार जब सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम एमडीए अभियान चलता है उस समय निश्चित रूप से फाइलेरिया कि दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन करें। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग कि सहयोगी संस्था पीसीआई और सीफार के जिला प्रतिनिधि के अलावा दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग कि ओर से दो एएनएम उपस्थित थे। इस अवसर पर कॉलेज कि स्टाफ और फाइलेरिया कि मरीज जगदीशपुर जमालपुर के रहने वाले चंद्रशेखर यादव कि 50 वर्षीय पत्नी मीना देवी और बेटवन बाजार मुंगेर कि रहने वाली 40 वर्षीय सावित्री देवी ने भी छात्राओं को फाइलेरिया कि वजह से उन्हें होने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए सबों से फाइलेरिया कि दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित किया। छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि मुझे सही समय पर किसी ने फाइलेरिया कि दवा खाने के लिए नहीं बताया न ही मुझे किसी ने बताया कि साल में एक बार फाइलेरिया कि दवा का सेवन करने से फाइलेरिया या हाथी पांव से बचा जा सकता है। लेकिन आज मैं आप लोगों को बताना चाहती हूं कि फाइलेरिया कि वजह से आज जो मेरी स्थिति है वो आप लोगों के साथ न हो इसलिए आप सभी लोग आज फाइलेरिया कि दवा का सेवन कर लीजिए ताकि आप लोगों को भविष्य में फाइलेरिया जैसी बीमारी नहीं हो। इस अवसर पर दोनों फाइलेरिया मरीजों के द्वारा समझाने पर कॉलेज कि लगभग 200 से अधिक छात्राओं और कॉलेज स्टाफ ने फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन किया ।  डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि एमडीए अभियान के मॉप अप राउंड के तहत जिला भर के सभी छूटे हुए क्षेत्र और लोगों द्वारा दवा खाने से इंकार करने वाले लोगों के क्षेत्र में डेवलपमेंट पार्टनर के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग कि टीम के द्वारा लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। इसके तहत जिला मुख्यालय स्थित बीआरएम कॉलेज में 200 से अधिक छात्राओं और कॉलेज स्टाफ को फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन कराया गया है।

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