प्रत्येक स्थिति में अपने सामने ही फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन सुनिश्चित करवाएं स्वास्थ्य कर्मी : डॉक्टर अरविंद
– फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए राउंड के दौरान साल में कम से कम एक बार दवा का सेवन है जरूरी
– विगत 10 फरवरी से जिला भर के सभी प्रखंडों में चल रहा है सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान
मुंगेर-
प्रत्येक स्थिति में अपने सामने ही फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन सुनिश्चित करवाएं स्वास्थ्य कर्मी । उक्त बातें मुंगेर शहरी क्षेत्र और मुंगेर सदर प्रखंड क्षेत्र में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम एमडीए राउंड का निरीक्षण करते हुए डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने कही। उन्होंने बताया कि अब कार्यक्रम मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन है इसलिए प्रत्येक स्थिति में आपलोग अपने सामने ही फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करवाइए, किसी भी स्थिति में दवाओं का वितरण (डिस्ट्रीब्यूशन )नहीं होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कई लोग जो यह कहते हुए इनकार कर रहे थे कि वो फाइलेरिया के मरीज नहीं हैं तो क्यों फाइलेरिया कि दवा का सेवन करें। उनको समझाते हुए उन्होंने बताया कि फाइलेरिया की बीमारी किसी को भी हो सकते है और इसकी वजह से आप जीवन भर के लिए एक दिव्यांग कि जिंदगी जीने को विवश हो सकते हैं। इससे बचने का सबसे सरल और सुरक्षित उपाय यह है कि आप सभी लोग साल में कम से कम एक बार जब एमडीए राउंड चलता है तब फाइलेरिया कि दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवाओं का सेवन करें ताकि आप जीवन भर फाइलेरिया जैसी बीमारी से खुद को सुरक्षित कर सके। इस दौरान उन्होंने मुंगेर शहरी क्षेत्र में टीम नंबर 13 जहां इंदू कुमारी मोबलाइजर, आकाश कुमार वोलेंटियर के रूप में काम कर रही है। इसी तरह सदर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत शंकरपुर गांव में टीम नंबर 19 जहां सुपरवाइजर के रूप में इंदू कुमारी और ड्रग एस्मिनिस्ट्रेट के रूप में आशा कार्यकर्ता रंजना कुमारी कार्य कर रही है। इस अवसर पर निरीक्षण टीम में डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव, सदर प्रखंड मुंगेर के वेक्टर बोर्न डिजीज सुपरवाइजर संत कुमार भारती, बेसिक हेल्थ वर्कर राजेंद्र रविदास सीफार के जिला प्रतिनिधि जय प्रकाश कुमार सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे। विगत 10 फरवरी से जिला भर के सभी प्रखंडों में चल रहा है सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान : इस अवसर पर आम लोगों को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि विगत 10 फरवरी से जिला के सभी प्रखंड में स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा दो वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों सहित अन्य लोगों को फाइलेरिया कि दवा के रूप में दो प्रकार के टैबलेट्स अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दवाओं का सेवन कभी भी खाली पेट नहीं करना है। इसके अलावा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, एक सप्ताह के अंदर मां बनने वाली महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को फाइलेरिया कि दवा नहीं खिलानी है। उन्होंने बताया कि यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ लोगों में जिसके शरीर में पहले से फाइलेरिया के परजीवी या माइक्रो फाइलेरिया मौजूद होता है उनको फाइलेरिया कि दवा का सेवन करने बाद कुछ प्रतिक्रिया स्वरूप सिरदर्द, उल्टी, पेट दर्द जैसी कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इससे बिल्कुल भी घबराने कि आवश्यकता नहीं हैं कुछ समय के बाद ये लक्षण अपने आप ही ठीक हो जाते है। इससे बावजूद जिस किसी को भी कुछ परेशानी महसूस हो तो वो दवा खिलाने के लिए आने वाली आशा कार्यकर्ता को तत्काल इसकी जानकारी दे ताकि उनका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर उनका तत्काल इलाज करवाया जा सके। इसके लिए प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि आज निरीक्षण के क्रम में कई लोग दवा खाने से इंकार कर रहे थे जिसे साल में कम से कम एक बार फाइलेरिया कि दवा खाने के महत्व को बताया गया तो वो लोग भी सहजता पूर्वक दवा खाने के लिए तैयार हो गए। इसी क्रम में पीसीआई के सहयोग से सदर प्रखंड के ही महुली गांव में कई रिफ्युजल ब्रेक किया गया । यहां स्वास्थ्य विभाग कि टीम के द्वारा घर- घर जाकर लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाई जा रही है।