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घर-घर पहुँच रही है स्वास्थ्य टीम, खुद के सामने लोगों को करा रहें हैं एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन 

 – फाइलेरिया उन्मूलन • बचाव के लिए दवाई का सेवन ही एकमात्र विकल्प, लेकिन भूखे पेट नहीं खाएं दवा

 – जिले में 10 फरवरी से चल रहा है सघन एमडीए अभियान  

बाँका-

 जिले में 10 फरवरी से फाइलेरिया से बचाव के लिए सघन एमडीए अभियान चल रहा है। जिसे गति देने के लिए जिले के तमाम पदाधिकारी और कर्मी पूरी मुस्तैदी के साथ अभियान में जुटे हुए हैं। ताकि एक भी व्यक्ति दवाई का सेवन से वंचित नहीं रहे और और अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके। अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित करने को लेकर गठित स्वास्थ्य टीम अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर दस्तक दे रही है और खुद के सामने लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन करें रहें हैं। साथ ही सामुदायिक स्तर पर लोगों को बचाव और दवाई का सेवन के लिए जागरूक भी कर रहें हैं। अभियान का उद्देश्य और दवाई का सेवन से होने वाले फायदे समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी भी दे रहें हैं। ताकि दवाई का सेवन के प्रति फैली भ्रांतियों को मात मिल सके और अधिकाधिक लोग दवाई का सेवन के लिए आगे आ सके।  – बचाव के लिए दवाई का सेवन ही एकमात्र विकल्प…लेकिन भूखे पेट नहीं खाएं दवा :  भीडीसीओ मो. आरिफ इकबाल ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन ही एकमात्र विकल्प और सबसे बेहतर उपाय है। दवाई का सेवन से ही इस बीमारी के प्रभाव से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। किन्तु, दवाई का सेवन इस बात का भी विशेष ख्याल रखें कि भूखे पेट किसी भी कीमत पर दवा नहीं खाना है। दवाई सेवन के बाद जरूरत महसूस हो तो 20 मिनट तक मेडिकल टीम की निगरानी में रहें। वहीं, उन्होंने बताया, गर्भवती और दो वर्ष से छोटे बच्चे के अलावा गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को छोड़, शेष सभी व्यक्तियों को चिन्हित कर मेडिकल टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवाई का सेवन कराया जा रहा है।  – गाइडलाइन का पालन के साथ खिलाई जा रही है दवा :  डीभीबीडीसीओ डाॅ. योगेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया, एमडीए अभियान के तहत गाइडलाइन का पालन के साथ मेडिकल टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवाई का सेवन कराई जा रही है। ताकि दवा का सेवन करने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी और असुविधा नहीं हो और सभी लोग सुरक्षित माहौल में दवाई का सेवन कर सके। वहीं, उन्होंने बताया कि अभियान को हर हाल में सफल बनाने के लिए सभी स्वास्थ्य स्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, बीसीएम, सुपरवाइजर, सहयोगी स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि भी अभियान की मानिटरिंग कर रहें हैं।

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