आज से जिले भर में चलेगा एमडीए अभियान : 31 लाख 76 हजार 110 लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए खिलायी जाएगी दवा
– फाइलेरिया उन्मूलन • सदर अस्पताल के सभागार कक्ष में मीडिया कार्यशाला का आयोजन कर सीएस और डीभीबीडीसीओ ने दी जानकारी
– एमडीए अभियान की सफलता को लेकर पूरे जिले में 1579 टीमों का किया गया है गठन
भागलपुर-
शनिवार से जिले भर में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर एमडीए अभियान शुरू होगा। जिसके तहत घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन कराया जाएगा। अभियान की सफलता को लेकर सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए शुक्रवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार कक्ष में सिविल सर्जन डाॅ. अंजना कुमारी की अध्यक्षता में एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान सिविल सर्जन द्वारा फाइलेरिया से बचाव के लिए कई अहम जानकारी सहित फाइलेरिया के कारण, लक्षण के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। वहीं, उन्होंने बताया कि कल से जिले भर मेंअभियान की शुरूआत हो जाएगी। जिले की कुल आबादी 36 लाख, 98 हजार, नौ सौ 16 में से लक्षित 31 लाख, 76 हजार, एक सौ 10 लोगों को दवाई का सेवन कराया जाएगा। हर हाल में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिले के सभी प्रखंडों सहित शहरी क्षेत्र के लिए 1579 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें 2431 आशा कार्यकर्ता, 76 आंगनबाड़ी सेविका तथा 651 वाॅलेंटियर शामिल है। इसके अलावा हमलोग सहयोगी स्वास्थ्य संगठन पिरामल, पीएसआई एवं सीफार के साथ मिलकर कार्य कर रहें हैं। सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। वहीं, उन्होंने बताया, निर्धारित डोज के अनुसार ही सभी आयु वर्ग के लोगों को दवाई का सेवन कराया जाएगा। दो वर्ष से छोटे बच्चे और गर्भवती के अलावा गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को को दवाई का सेवन नहीं कराया जाएगा। इस मौके पर भीडीसीओ रविकांत कुमार, पिरामल फाउंडेशन से धीरज सिंह, आनंद श्रीवास्तव, पीएसआई अनंत कुमार आदि मौजूद थे। – खाली पेट दवाई का सेवन नहीं करें, साइड इफेक्ट से घबराएं नहीं : डीभीबीडीसीओ डीभीबीडीसीओ डाॅ. दीनानाथ ने एमडीए अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी व्यक्ति खाली पेट दवाई का सेवन नहीं करें। ना ही दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफेक्ट से घबराने की जरूरत है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक हो जाते हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई का सेवन ही एकमात्र सबसे बेहतर विकल्प है।