स्वास्थ्य

सर्द मौसम में नवजात का रखें ख्याल, कंगारू मदर केयर देना है जरूरी

 -सीने से चिपकर शिशु को मिलती है गर्माहट  –  2 किलो से कम वजन है तो नवजात को दें कंगारू मदर केयर

  लखीसराय- अभी ठंड को लेकर सर्द मौसम में लगातार उतार – चढ़ाव देखने को मिल रहा है।‌ कभी शीतलहर का प्रकोप तो कभी कोहरे का कहर देखने को मिल रहा है। इस तरह के सर्द मौसम में हम सभी को जरूरी सावधानी  के साथ सुरक्षित रहना जरूरी हो गया है। तो इस तरह के मौसम में अपने साथ अपने नवजात का ख्याल रखना हर माता -पिता के लिए बहुत ही जरूरी है। खासकर उस नवजात के लिए जिसका वजन दो किलो से कम है। उसके लिए कंगारू मदर केयर उतना ही जरूरी है, जितना किसी जीवन के लिए सांस लेना जरूरी है। कमजोर नवजातों के उचित देखभाल के लिए कंगारू मदर केयर  काफी असरदार है। इससे नवजात को हाइपोथर्मिया से बचाया जा सकता है, साथ ही उसके वजन में वृद्धि भी होती है। इस विधि से उनके बेहतर शारीरिक विकास में भी सहयोग मिलता है। हाइपोथर्मिया क्या है:  जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया  अधिक ठंडी या गर्मी के कारण नवजात में स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ने का ख़तरा रहता है। इसे चिकित्सकीय भाषा में हाइपोथर्मिया कहा जाता है। सही समय पर हाइपोथर्मिया के प्रबंधन नहीं किए जाने पर नवजात की जान भी जा सकती है। लेकिन इस गंभीर समस्या का निदान आसानी से घर पर भी किया जा सकता है। हाइपोथर्मिया से नवजात को बचाने के लिए ‘कंगारू मदर केयर’(केएमसी) काफ़ी असरदार होता है। ‘कंगारू मदर केयर’ की मदद से माँ या घर का सदस्य नवजात को अपनी छाती से चिपकाकर नवजात को शरीर की गर्मी प्रदान करते हैं. इससे नवजात को हाइपोथर्मिया से उबरने में सहायता मिलती है।उन्होंने बताया ठंड के मौसम में नवजात के देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग सक्रिय है. इस दिशा में आशा व एएनएम घर घर जाकर मां व परिवार के सदस्यों को देखभाल की विधि बता रहीं हैं। नवजात के देखभाल के लिए अधिक से अधिक स्तनपान कराने व कंगारू मदर केयर देने की विधि बताने के बारे आशाओं को कहा गया है।  कंगारू मदर केयर’ के दौरान इन बातों का रखें ध्यान :  • ‘कंगारू मदर केयर’ मां के साथ घर का कोई भी सदस्य प्रदान कर सकता है। केयर प्रदान करने वाले व्यक्ति को केएमसी से पूर्व  हर बार अपने छाती को साफ़ करना जरुरी है।• नवजात के मुंह को छाती के मध्य स्तनों के बीच लिटाएं एवं  यह सुनिश्चित करें कि उसका  शरीर केएमसी  देने वाले के पेट से चिपका हो. • नवजात के शरीर पर टोपी, हाथों और पैरों में दस्ताने व पैरों में मोज़े व लंगोटी के अलावा शरीर पर कोई वस्त्र न हो. • बच्चे का सर इस प्रकार से ढँका जाए कि उसे सांस लेने में कठिनाई ना हो.• केएमसी देने वाला व्यक्ति ऊपर से मौसम के अनुसार कोई कपडा अवश्य ढँक ले. केएमसी से नवजात शिशु को होते हैं ये फायदे.• नवजात शिशु स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है।• शिशु का वजन बढ़ता है और शारीरिक विकास बेहतर हो जाता है.• माँ एवं बच्चे के बीच मानसिक एवं भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है।

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