स्वास्थ्य

पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म से जुड़कर  फाइलेरिया रोगियों ने लोगों को दवा खाने के लिए जागरूक करने की ली शपथ 

 – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलौली में सीफार के सहयोग से पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म का किया गया गठन  

– इस अवसर पर 30 फाइलेरिया रोगियों के बीच एमएमडीपी किट का किया गया वितरण   

खगड़िया-

 पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म से जुड़कर फाइलेरिया रोगियों ने लोगों को दवा खाने के लिए जागरूक करने की शपथ ली। उक्त आशय कि जानकारी गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलौली के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर मनीष कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि सीफार के सहयोग से यहां पर पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म के नाम से फाइलेरिया रोगियों का एक समूह बनाया गया है। पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म से जुड़े सभी रोगियों ने सामूहिक रूप से आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड के दौरान खुद भी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करेंगे और अन्य लोगों को फाइलेरिया की दवा का सेवन करने के लिए जागरूक करने की संकल्प ली। उन्होंने बताया कि गुरुवार को पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म से जुड़े 30 लोगों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक (बीएचएम ) अशोक कुमार, वेक्टर बोर्न डिजीज सुपरवाइजर अरुण कुमार सहित कई स्वास्थ्यकर्मी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।  डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर विजय कुमार ने बताया कि यह बहुत ही सुखद बात है कि पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म से जुड़कर फाइलेरिया रोगी ही एमडीए राउंड के दौरान समुदाय के बीच जाकर आम लोगों को फाइलेरिया की दवा खाने के लिए जागरूक करेंगे। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया के रोगी अपने अनुभवों को शेयर करते हुए लोगों से फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने की अपील करेंगे तो निश्चय ही आमजनों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। वे आगे बढ़कर न सिर्फ खुद दवा का सेवन करेंगे, बल्कि अपने परिवार वालों सहित आसपास के लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने बताया कि जिला भर में माइक्रो फाइलेरिया की जांच के लिए नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ता के सहयोग से जिला के लगभग सभी प्रखंडों में लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवाओं का सेवन कराया जाएगा। इस दौरान दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को फाइलेरिया कि दवा नहीं खिलाई जाएगी।    

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