फाइलेरिया उन्मूलन : सदर प्रखंड के एकसारी गांव में नाइट ब्लड सर्वे अभियान का सिविल सर्जन ने किया उद्घाटन
– जिले के सभी चयनित साइटों पर चल रहा है सर्वे, लोग से सहयोग करने की अपील
– डॉ अशोक सिंह – फाइलेरिया उन्मूलन के लिए नाइट ब्लड सर्वे है जरूरी.
शेखपुरा-
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में नाइट ब्लड सर्वे का विगत सोमवार को सदर प्रखंड के एकसारी गाँव में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह ने उद्घाटन किया। इसके साथ जिले के सभी चयनित साइटों पर यह अभियान प्रारंभ हो गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए नाइट ब्लड सर्वे जरूरी है। इसलिए मैं सभी से अपील करते हुए कहना चाहता हूँ कि इस अभियान में जरूर हिस्सा लें। ताकि फाइलेरिया उन्मूलन के प्रति हम सभी मजबूती से अपना कदम बढ़ा सकें।उन्होंने बतया कि जिले में 28 दिसंबर से नाइट ब्लड सर्वे (रात्रि रक्तपट्ट संग्रह) अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान अगामी 4 जनवरी 24 तक चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत जिले के सभी चयनित साइटों पर शिविर आयोजित कर मेडिकल टीम द्वारा प्रत्येक व्यक्ति का सैंपल संग्रहित किया जाएगा। इस दौरान डॉ अशोक सिंह ने लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए कारण, लक्षण, उपचार समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी भी दी। इस मौके पर जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुन्दर ,पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि मो.आरिफ एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी के साथ पीआरआई सदस्य मौजूद थे। जिले में आगामी 10 फरवरी से शुरू होगा एमडीए कार्यक्रम-राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत एमडीए चक्र सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का प्रथम चक्र 10 फरवरी 2024 से होना सुनिश्चित है। इस दौरान बिहार के कुल 10 जिलों में आइवरमेक्टिन एवं डीईसी के साथ अल्बेंडाजोल की दवा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। ब्लॉक लेवल स्ट्रेटजी के अंतर्गत शेखपुरा जिला में रात्रि रक्त पट संग्रह कार्यक्रम की गतिविधि आज से चलाई जाएगी। प्राप्त परिणामों के अनुसार जिस ब्लॉक में एमफ रेट एक प्रतिशत से अधिक आएगा, उस ब्लॉक मेंएमडीए (आईडीए ) का कार्यक्रम चलाया जाएगा। जहां एमफ रेट एक प्रतिशत से कम होगा वहां यह कार्यक्रम नहीं चलाया जाएगा। इसलिए जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को निर्देशित किया जाता है, कि एमडीए कार्यक्रम को शतप्रतिशत गाइडलाइंस के अनुसार निर्धारित समय पर शुरू करना सुनिश्चित करें। साथ ही नमूने के रूप में लिए गए ब्लड का 24 घंटे के अंदर स्टेनिंग करवाना सुनिश्चित करें। ताकि दिए गए लक्ष्य को शतप्रतिशत हासिल किया जा सके। किसी भी तरह की अनियमितता नहीं करने के साथ सभी अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। फाइलेरिया क्या होता है : फाइलेरिया को आम भाषा में हाथीपांव रोग कहा जाता है। यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दीर्घकालिक दिव्यांगता की एक बड़ी वजह फाइलेरिया है। यह एक ऐसी घातक बीमारी है जो शरीर को धीरे-धीरे खराब करती। फाइलेरिया एक परजीवी द्वारा होने वाला रोग है जो धागा के समान दिखने वाले ‘फाइलेरिओडी’ नामक निमेटोड के कारण होता है।