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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास द्वारा गीता नृत्य नाटिका का मंचन

डॉक्टर विपिन कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद देते हुए कहा कि आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में संस्कृति संवर्धन का काम काफी तेजी से हो रहा है।

दिल्ली में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास द्वारा श्रीमद्भगवत गीता के श्लोकों पर आधारित पहली बार गीत नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृतिकर्मी नीरज कुमार के द्वारा किया गया था। प्रसिद्ध कलाकार श्रीमती पूनम शर्मा के द्वारा निर्देशित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्रीमती सगीता मुद्गल और विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव और प्रख्यात स्तंभकार डॉक्टर विपिन कुमार मौजूद थे।

डॉक्टर विपिन कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद  देते हुए कहा कि आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में संस्कृति संवर्धन का काम काफी तेजी से हो रहा है।  22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि का उद्घाटन होने जा रहा है। गीता जयंती के शुभ अवसर पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन कुरुक्षेत्र में किया जा रहा है। ऐसे कई कार्य मोदी सरकार के द्वारा किए जा रहे हैं जिससे हमारी भारतीय संस्कृति को ताकत मिल रहा है।

गीता जयंती के शुभ अवसर पर विश्व हिंदी परिषद के महासचिव डॉक्टर विपिन कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की हर समस्याओं का समाधान गीता में है। उन्होंने कहा कि आज गीता जयंती है, लेकिन भारत के बहुत कम नागरिकों को इसकी जानकारी है। क्रिसमस की जानकारी बच्चों सहित समाज के हर लोगों को है। यह दर्शाता है कि हम अपने धर्म और संस्कृति के प्रति कितने जागरूक हैं।

उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि पहले भारत के हर एक घरों में  रामायण  व गीता रखी जाती थी। लोगों द्वारा इसका अध्ययन किया जाता था, समझा जाता था। लेकिन अब गीता और रामायण को पढ़ना तो दूर, रखा तक नहीं जाता है। जबकि मुस्लिम देशों में हर घर में कुरान रखी और पढ़ी जाती है। इंडोनेशिया, मलेशिया, सऊदी अरब, तुर्की और पाकिस्तान आदि सभी मुस्लिम देशों में हर विद्यालयों में कुरान की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है। यह स्थिति पश्चिमी देशों में भी है। इन देशों के हर घर में बाइबल रखी हुई पढ़ी जाती है।

गिनीज़  बुक के सर्वे के रिपोर्ट के अनुसार बाइबल की 500 करोड़ प्रतियां बिक चुकी हैं। कुरान का स्थान तीसरे नंबर पर आता है। अब तक 80 करोड़ कुरान की प्रतियाँ  बिक चुकी हैं। लेकिन अपने धर्म ग्रंथ गीता का स्थान दूर-दूर तक नहीं आता है। पिछले 100 वर्षों में मात्र 16 करोड़ प्रतियां बिकी हैं, जबकि हिंदुस्तान में 110 करोड़ लोग हिंदू हैं।

अपने उद्बोधन में विश्व हिंदी परिषद के महासचिव डॉक्टर विपिन कुमार ने कहा कि जब मैं विश्व हिंदी सम्मेलन में प्रतिनिधि के तौर पर गया, तो देखा कि हर एक घरों में रामायण पढ़ा जाता है और हर घर के आंगन में महावीर पताका देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि यह बहुत प्रेरणास्पद है। आज  प्रवासी भारतीय अपनी संस्कृति व धर्म को बचा रखने में कामयाब हुए हैं। लेकिन हम भारतीयों को विरासत में मिली महान संस्कृति का महत्व नहीं मालूम है और धीरे-धीरे हम अपने संस्कृति व धर्म से दूर होते जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम सभी भारतीयों का दायित्व है अपने इस महान संस्कृति को समर्पित भाव से पालन करते हुए आगे बढ़ाना चाहिए ।उन्होंने कहा कि गीता नृत्य नाटिका का मंचन एक सराहनीय पहल है। यह कार्यक्रम लोगों को गीता के महत्व से अवगत कराने में मदद करेगा। उन्होंने लोगों को अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया है। यह आह्वान सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायक है।गीता नृत्य नाटिका का मंचन एक रचनात्मक तरीका है गीता के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाने का। नृत्य और नाट्य के माध्यम से गीता के श्लोकों को अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है। यह कार्यक्रम लोगों को गीता के दर्शन और जीवन मूल्यों से अवगत कराएगा।गीता नृत्य नाटिका का मंचन एक सफल पहल है। यह कार्यक्रम लोगों को गीता के महत्व से अवगत कराने में मदद करेगा। यह कार्यक्रम लोगों को अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति जागरूक करने में भी मदद करेगा।कार्यक्रम गीता जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया था।इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास द्वारा किया गया था। निर्देशन प्रसिद्ध कलाकार श्रीमती पूनम शर्मा ने किया था।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्रीमती सगीता मुद्गल और विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव और प्रख्यात स्तंभकार डॉक्टर विपिन कुमार मौजूद थे।इस कार्यक्रम ने गीता के महत्व और जीवन मूल्यों पर ध्यान केंद्रित किया है। इस कार्यक्रम ने लोगों को अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया है।

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