स्वास्थ्य

प्रशिक्षण में एलटी को नाइट ब्लड सर्वे के दौरान रक्त संग्रह के रखरखाव के बारे में दी गई जानकारी  

 —सभी प्रखंडों के लैब टेक्नीशियन और बीसीएम के अलावे कुल 46 स्वास्थ्य कर्मी व अधिकारियों ने लिया भाग

—नाइट ब्लड सर्वे के दौरान रात 8.30 से 12 बजे तक लिए जाएंगे रक्त के सैंपल 

बांका- 

जिला स्वास्थ्य समिति, बांका के तत्वावधान में गुरुवार को अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के सभागार में नाइट ब्लड सर्वे के बेहतर क्रियान्वयन और इस दौरान बरती जानी वाली सावधानी को लेकर प्रयोगशाला प्रावैधिकी (एलटी) को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी  मो आरिफ इकबाल, ईएसओ पिरामल स्वास्थ्य प्रतीक कात्यान की उपस्थिति में सभी एलटी को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उदृेश्य यही था कि पिछले वर्ष एनबीएस के दौरान फील्ड में आए दिक्कतों को कैसे दूर करें। साथ ही रक्त संग्रह पटिटका कैसे करें। और उनका रख रखाव में क्या सावधानी बरतें। इस विषय पर सभी एलटी को विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। साथ ही नाइट ब्लड सर्वे के दौरान लोगों की कैसे जांच करें इसके बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। बता दें कि अगले वर्ष के 10 फरवरी से शुरू होने वाले जिले में सर्वजन दवा सेवन अभियान के पहले फाइलेरिया प्रसार दर का पता लगाने के लिए नाइट ब्लड सर्वे किया जाएगा। जिले के सभी प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे का आयोजन जल्द ही किया जाएगा। इस दौरान पूरे जिले के प्रखंडों में आयोजित होने वाले नाइट ब्लड सर्वे के दौरान कुल 6600 लोगों का रक्त संग्रह किया जाएगा। प्रत्येक साइट पर कम से कम 300 लोगों के रक्त के नमूने लिए जाएगें। यह रक्त के नमूने रात के 8.30 से 12 बजे के बीच एकत्रित किये जाएगें।   प्रशिक्षण के दौरान वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी मो आरिफ इकबाल ने बताया कि जांच के दौरान सबसे जरूरी तथ्य है ठीक से रक्त के नमूने लेना तथा उसे ठीक तरह से स्लाइड पर रखना। ताकि रिपोर्ट ठीक से आ सके। वहीं नमूने लेने के बाद स्लाइड का जल्द से जल्द जांच भी बहुत जरुरी है। ताकि माइक्रो फाइलेरिया की स्थिति ठीक से पता चल सके| उन्होंने कहा कि 20 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों के सैंपल कलेक्ट किये जायेंगे| सभी प्रखंडों के दो गाँव से रक्त पट संग्रह किया जायेगा|रात में फाइलेरिया के परजीवी ज्यादा सक्रिय:उन्होंने बताया कि एनबीएस के दौरान रात को जांच करने का मुख्य कारण यह है कि फाइलेरिया के परजीवी रात 8.30 बजे के बाद ही सक्रिय होते हैं। ऐसे में जांच के दौरान सटीक माइक्रो फाइलेरिया की स्थिति का पता लग सकता है। प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर  सुजय कुमार, एलटी अमरपुर, परवेज आलम, एलटी बांका,डॉ जावेद अली खान,जिला समन्वयक, गुणवत्ता यकीन, मनीष कुमार,वीबीडीएस, राकेश कुमार एवं मुकुंद कुमार, पिरामल के बीसी मौजूद थे।

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