स्वास्थ्य

कायाकल्प की टीम ने नारायणपुर और खरीक पीएचसी का लिया जायजा

-अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को परखा
-मरीजों से भी बात कर सुविधाओं के बारे में ली जानकारी

भागलपुर, 22 नवंबर-

कायाकल्प की टीम ने मंगलवार को नारायणपुर और खरीक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का जायजा लिया। जायजा लेने गई टीम ने दोनों ही अस्पतालों की जांच की। मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जाना और मरीजों से बात कर उसकी तस्दीक भी की। अस्पताल परिसर, ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम और स्टोर रूम की साफ-सफाई से लेकर वहां मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को जाना। नारायणपुर में जायजा लेने के लिए डीएचएस से गुणवत्ता सलाहकार डॉ. प्रशांत कुमार, केयर इंडिया के डीटीएल डॉ. निनकुश अग्रवाल और पीरपैंती रेफरल अस्पताल के मैनेजर प्रणव कुमार गए थे। वहीं खरीक पीएचसी का केयर इंडिया के डीटीओ डॉ. राजेश कुमार मिश्रा, अरबन कंसल्टेंट दयाशंकर मिश्रा और शाहकुंड सीएचसी के मैनेजर रोहित कुमार गए हुए थे।
नारायणपुर पीएचसी की व्यवस्था से संतुष्ट दिखी टीमः नारायणपुर पीएचसी की व्यवस्था से कायाकल्प की टीम संतुष्ट दिखी। वहां पर सभी कुछ व्यवस्थित नजर आया। मरीजों को बेहतर सुविधा मिलती दिखाई दी। यहां तक कि निरीक्षण में आए एक्सपर्ट ने अस्पताल में आने वाले मरीजों से भी जानकारी ली। मरीजों ने भी वहां पर मिलने वाली सुविधाओं के बेहतर बताया। डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि नारायणपुर पीएचसी की व्यवस्था बेहतर थी। पहले के मुकाबले काफी सुधार देखा गया है। अस्पताल में साफ-सफाई का बेहतर इंतजाम था। परिसर में साफ-सुथरा था। ओटी और लेबर रूम में भी सभी कुछ ठीक ही नजर आया। प्रखंड स्तर पर इतनी बेहतर सुविधा कम देखने को मिलती है। अस्पताल प्रबंधन इसके लिए बधाई के पात्र हैं।
खरीक की भी व्यवस्था बेहतरः कायाकल्प की टीम ने खरीक पीएचसी का भी जायजा लिया। यहां की व्यवस्था भी ठीक ठाक थी। अस्पताल प्रभारी डॉ. नीरज कुमार सिंह ने बताया कि कायाकल्प की टीम ने अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को देखा। एक-एक चीज की जानकारी ली। हमलोग पहले से ही इसकी तैयारी कर रहे थे। खासकर पीयर एसेसमेंट के दौरान जो कुछ भी कमियां थीं, उसे हमलोगों ने दुरुस्त कर लिया है। मेरी कोशिश है कि न सिर्फ कायाकल्प के निरीक्षण के दौरान व्यवस्था बेहतर हो, बल्कि आम दिनों में भी यहां मरीजों को बेहतर सुविधा मिले। इसे लेकर हमलोग लगातार प्रयासरत हैं। यहां पर मरीजों को बेहतर इलाज से लेकर साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाता है।

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