स्वास्थ्य

आंगनबाड़ी केंद्र से लेकर घर तक बच्चों के पोषण का ख्याल रखती हैं सेविका मंजू कुमारी

-बच्चों के लिए सही पोषण क्या हो, इस बारे में घर के सदस्यों को देती हैं जानकारी
-अमरपुर प्रखंड के सलेमपुर के वार्ड नंबर 6 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में सेविका हैं मंजू

बांका, 25 सितंबर। अमरपुर प्रखंड के सलेमपुर के वार्ड नंबर 6 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका मंजू कुमारी की पहचान क्षेत्र में पोषण योद्धा के रूप में है। वह न सिर्फ आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के पोषण का ख्याल रखती हैं, बल्कि घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों को भी सही पोषण के बारे में बताती हैं। बच्चों का सही आहार क्या हो, जिससे वह किसी भी बीमारी की चपेट में नहीं आए, इस बात की जानकारी वह लोगों को देती हैं।
मंजू कुमारी कहती हैं कि चूकि आंगनबाड़ी केंद्र आने वाले बच्चों की उम्र अमूमन पांच साल के आससापास होती है, इसलिए उसके सही पोषण का ख्याल रखना जरूरी है। इस उम्र में अगर बच्चों का सही तरीके से पोषण हो तो आगे चलकर वह स्वस्थ रहता है और बीमारियों की चपेट में आने से बचा रहता है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि बच्चों को अभी से ही क्या खाना अच्छा है और क्या बुरा, इसके बारे में बताना। आंगनबाड़ी केंद्र में तो उसे खीर, खिचड़ी, पोषणयुक्त लड्डू इत्यादि चीजें दी ही जाती हैं, साथ ही घर में खाने की आदत नहीं बिगड़े इसलिए घर जाकर लोगों को बताती हूं। घर के सदस्य अगर जागरूक हो जाते हैं तो बच्चों को सही पोषण मिलने लगता है। बचपन से ही बच्चों को फल, दूध, हरी सब्जियों की आदत लगवाने की सलाह देती हूं। साथ ही मसालेदार खाने के साथ चॉकलेट या फिर फास्ट फूड से परिवार वालों को बच्चों को बचाने की सलाह देती हूं। मुझे खुशी इस बात की है कि क्षेत्र के लोग भी इस पर अमल कर रहे हैं।
क्षेत्र के लोग उनकी बातों पर कर रहे अमलः मंजू कुमारी के आंगनबाड़ी क्षेत्र के रहने वाले बासुकी शर्मा कहते हैं कि मंजू बहन हमलोगों के बच्चों का सही से ख्याल रखती हैं। वह घर आकर बच्चों को क्या खाना देना चाहिए यह बताती हैं, जो कि बहुत ही अच्छा लगता है। मैं उनकी सलाह को पूरी तरह से मानता हूं। वहीं राजू तांती कहते हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र से लेकर घर तक बच्चों का ख्याल रखना कोई साधारण बात नहीं है, लेकिन मंजू बहन ऐसा करती हैं। प्रदीप तांती को तीन बच्चे हैं। वह कहते हैं कि हम गरीब लोगों को तो सरकार से ही सहारा मिलने की उम्मीद है। मुझे लगता है कि मंजू बहन सरकारी लोग हैं। इसलिए उनकी हर सलाह को मानता हूं। इसका परिणाम भी बेहतर मिल रहा है। मेरे तीनों बच्चे स्वस्थ हैं। वहीं गनौरी पासवान को चार बच्चे हैं। वह कहते हैं कि अगर मंजू बहन बीच-बीच में आकर हमारे बच्चों का ठीक से ध्यान नहीं रखतीं तो मैं अपने बच्चों का ठीक से परवरिश नहीं कर पाता। वह न सिर्फ सही पोषण के बारे में बताती हैं, बल्कि पढ़ाई से लेकर बच्चों के लिए अन्य अच्छी बातों की भी सलाह देती हैं।

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