स्वास्थ्य

गर्भवती महिलाओं में एनीमिया खतरनाक, जच्चा बच्चा की जान को रहता है खतरा

-स्टिल बर्थ की वजहों में से एक है एनीमिया, बढ़ जाती है प्रसव संबंधी जटिलता

लखीसराय, 29 जुलाई-

किसी भी गर्भवती महिला का  सपना होता है कि  वो अपने  साथ अपने होने वाले बच्चे को भी स्वस्थ्य जीवन प्रदान करे.. पर इसके लिए   गर्भवती महिलाओं से जुड़ी समस्याएं व जटिलताएं  हैं जिसका ससमय प्रबंधन आवश्यक है। . इनमें से एक है  एनीमिया।  यह गर्भवती महिलाओं की प्रमुख व आम समस्या है। . 

एनीमिया के दुष्प्रभाव को जानना जरूरी: 
खून में आयरन यानि लौह तत्व की कमी एनीमिया कहलाता है। . रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाने पर शरीर में ऑक्सीज़न का प्रवाह बाधित होता है। . गर्भवती महिलाओं में एनीमिया, प्रसव के दौरान या इसके बाद कई जटिलताओं व जोखिम को जन्म देता है। . जैसे समय से पूर्व प्रसव का दर्द, जन्म के समय शिशु का वजन कम होना, कमजोर शिशु, मृत शिशु का जन्म व विकलांगता तथा नवजात की मृत्यु जैसे खतरे बढ़ जाते हैं। . इसके साथ ही गर्भावस्था में संक्रमण का भी खतरा रहता है। . परजीवी संक्रमण जैसे मलेरिया, डेंगू या हुक वर्म आदि के कारण भी शरीर में खून की भारी कमी हो जाती है। . इसलिए बीमारियों से बचाव करना भी गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। . 

पौष्टिक आहार व आयरन गोली हैं कारगर:
सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया गर्भवती महिला का हर माह प्रसव पूर्व जांच आवश्यक है.।  ताकि एनीमिया का पता लगाया जा सके। . एनीमिया के हल्के प्रभाव को पौष्टिक आहार से पूरा किया जा सकता है। . जबकि गंभीर एनीमिया के लिए दवाइयों का इस्तेमाल होता है। . गंभीर एनीमिया का तुरंत उपचार जरूरी है। . अन्यथा जोखिम बहुत अधिक होता है। . गंभीर एनीमिया थैलीसिमिया, , आंत के संक्रमण व दूसरी अन्य बीमारियों की भी वजह बनता है। . पालक, हरी सब्जी व मछली, दूध व अंडा आदि का नियमित सेवन शरीर में आयरन की मात्रा को बढ़ाता है.।  गर्भावस्था में बहुत अधिक चाय व कॉफी के सेवन से बचना चाहिए.।  गर्भवती महिलाओं को अच्छी नींद लेनी चाहिए। . गुड़ और चना का सेवन काफी लाभप्रद होता है.।  इसके साथ चुकंदर, सूखे मेवे व मौसमी फल जरूर लें। .  

ये लक्षण दिखें तो रहें सर्तक: 
• थकान व कमजोरी का एहसास
• सांस फूलना
• ह्रदय धड़कन तेज होना 
• सिरदर्द व चिड़चिड़ापन
• होंठ का सूखना व फीकापन
• भूख कम होना 
• पैरों में दर्द व ऐंठन

सुरक्षित मातृत्व योजना का लें लाभ:
सभी गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व जांच आवश्यक है.।  प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती माताओं की प्रत्येक माह 9 तारीख को प्रसव पूर्व जांच प्रत्येक सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर की जाती है। . यहां होने वाले सभी जांच निशुल्क: होते हैं। . साथ ही गर्भवती को आवश्यक आयरन व फॉलिक एसिड की गोली दी जाती है। . उनके खानपान को लेकर परामर्श दिया जाता है। . प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की भी मदद ली जा सकती है। . जिसके तहत पहली बार  माँ बन रही गर्भवती महिलाओं को समय पर टीकाकरण के लिए खाते में 5000 रुपये भेजे जाते हैं। . इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्र की आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं से संपर्क कर सकते हैं।

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