स्वास्थ्य

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाने में जुटी  हैं एएनएम शांति कुमारी 

– विश्व महिला दिवस • उम्र के आखिरी पड़ाव में भी नहीं थकी शांति, समाज के आखिरी  व्यक्ति तक पहुँचा रही स्वास्थ्य सुविधा 
– नियमित टीकाकरण के साथ परिवार नियोजन के लिए भी योग्य महिलाओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने में कर रही है सहयोग 

लखीसराय, 08 मार्च-

आज पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर तमाम चुनौतियों को अवसर के रूप में लेकर बेहतर कार्य करने वाली तमाम महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है। ऐसे ही महिलाओं में एक एएनएम का नाम पूरे जिले में शुमार है। कहते हैं अगर किसी महिला में पूरी शिद्दत से किसी कार्य को करने की चाह जाग जाए तो दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं जिसे वह नहीं कर सकती है। कुछ ऐसी ही सोच को साकार किया है लखीसराय पीएचसी अंतर्गत चानन प्रखंड के नक्सल प्रभावित और सुदूरवर्ती इलाके में स्थित कुंदर पंचायत में संचालित स्वास्थ्य उपकेंद्र में तैनात एएनएम शांति कुमारी। शांति की उम्र तकरीबन 55 वर्ष यानी अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में है। बावजूद इसके ना वह थकी और ना ही उनके कदम रुके। मसलन, उम्र के अंतिम पड़ाव में भी वह तमाम चुनौतियों को अवसर के रूप में लेकर नक्सल प्रभावित और सुदूरवर्ती इलाके में स्थित अपने कार्य क्षेत्र में लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए पूरी शिद्दत के साथ जुटी हैं। 

– समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुँचा  रही स्वास्थ्य सुविधा का लाभ : 
एएनएम शांति कुमारी, जिस क्षेत्र में कार्यरत हैं,उसका सफ़र बहुत कठिन एवं  विषम परिस्थितियों से भरा  है। इसके  बावजूद वह नियमित रूप से अपने क्षेत्र जाती और लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की ना केवल जानकारियाँ देतीं  बल्कि सुविधा का लाभ भी दिलाने में जरूरी सहयोग करती हैं। ताकि समाज के आखिरी व्यक्ति को भी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ मिल सके और सरकार की मंशा फलीभूत हो सके। 

– नियमित टीकाकरण से लेकर परिवार नियोजन की सुविधा उपलब्ध कराने में कर रही है बेहतर कार्य : 
एएनएम शांति अपने क्षेत्र की सभी गर्भवती और बच्चा को नियमित टीकाकरण (आर आई) से आच्छादित करने को लेकर  ना केवल रूटीन वर्क की तरह आंगनबाड़ी जाकर टीकाकरण करती बल्कि, एक दिन पूर्व टीकाकरण कराने के लिए ऐसे लाभार्थियों को जागरूक कर प्रेरित भी करती हैं। इसके अलावा वह अपने क्षेत्र के योग्य और सक्षम व  इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन के लिए भी जागरूक कर प्रेरित करती हैं। इस दौरान अधिकाधिक लाभार्थी परिवार नियोजन के स्थाई साधन को  अपनाएं, इस बात का विशेष ख्याल रखती हैं। ताकि सभी परिवार तमाम चुनौतियों के बाबजूद गुणवत्तापूर्ण जीवन-यापन कर सके। शांति की इस पहल का उक्त नक्सल प्रभावित और सुदूरवर्ती इलाके के लोगों में सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। वहीं, शांति बताती हैं कि मेरा एक ही सपना है स्वस्थ्य, स्वच्छ और शिक्षित समाज का निर्माण हो। यह तभी संभव होगा, जब सामुदायिक स्तर पर लोगों में जागरूकता आएगी। इसी उद्देश्य से मैं अपने वर्क प्रोफाइल से हटकर लोगों को हर स्तर पर जागरूक कर रही हूँ।

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