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अलौली के सूरजनगर गाँव में कालाजार उन्मूलन को लेकर सघन खोज अभियान

– स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया के सहयोग से पटना से आई कालाजार सूट वैन की टीम द्वारा की जा रही खोज
– बालू मक्खी को संग्रहित कर उनकी क्षमता को जानने के लिए की जा रही है जाँच

खगड़िया, 29 अक्टूबर ।
जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत सूरजनगर गाँव में कालाजार उन्मूलन को लेकर बीमारी फैलने के कारणों का पता लगाने के लिए सघन खोज अभियान चल रहा है। यह अभियान स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया के सहयोग से पटना से आई कालाजार सूट वैन की स्टेट टीम द्वारा चल रहा है। ताकि इन गांवों में बीमारी फैलने के कारणों की सही और सटीक जानकारी मिल सके और गाँव को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए आवश्यक पहल की जा सके। वहीं, शुक्रवार को लैब टीम कलेक्ट्रेट पहुँची। जहाँ डीएम डाॅ आलोक रंजन घोष ने टीम से विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। यह अभियान जिला वेक्टर जनित-रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ विजय कुमार के नेतृत्व में केयर इंडिया के डीपीओ-भीएल कृष्णा कुमार भारती, डीभीबीडीसीओ बबलू सहनी, बीभीडीएस अरूण कुमार, केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक नवीन कुमार के उपस्थिति में चल रहा है।

– बालू मक्खी को संग्रहित कर उनकी क्षमता की जाँच :
जिला वेक्टर जनित-रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीएमओ) डाॅ विजय कुमार ने बताया, जिले में सूरजनगर गाँव सबसे अधिक कालाजार से प्रभावित है। जिसके कारण इस गाँव को उक्त बीमारी से पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए हर आवश्यक पहल की जा रही है। पटना से आई स्टेट टीम द्वारा इस गाँव में सबसे अधिक कालाजार मरीजों के मिलने के कारणों का पता लगाने के लिए सघन खोज की जा रही है। इसके लिए टीम द्वारा गुरुवार की शाम बालू मक्खी को संग्रहित करने के लिए मरीजों के घर के पास जाल की तरह (लाइक ट्रेप) मक्खी को स्टोर करने वाली एक यंत्र लगायी गयी। जिसमें जमा मक्खी को शुक्रवार की सुबह निकला गया। जिसके बाद मक्खी की क्षमता समेत अन्य जानकारी के लिए मक्खी की लैब में जाँच की जा रही है।

– गाँव में सामुदायिक स्तर पर चलाया जाएगा जाँच अभियान, प्रत्येक व्यक्ति की होगी जाँच :
केयर इंडिया के डीपीओ-भीएल कृष्णा कुमार भारती एवं डीभीबीडीसीओ बबलू सहनी, ने बताया, गाँव को कालाजार से पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए सामुदायिक स्तर पर जाँच अभियान चलाया जाएगा। जिसके माध्यम से गाँव के एक-एक व्यक्ति की जाँच के लिए ब्लड सैंपल लिया जाएगा। इसके अलावा गाँव में पीड़ित मरीजों की लगातार फॉलोअप किया जाएगा।

– लक्षण दिखते ही कराएं इलाज, सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित व्यवस्था
केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद ने बताया, लोगों को कालाजार का लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जाँच करानी चाहिए और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार उचित व समुचित इलाज कराना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में जाँच एवं इलाज की मुफ्त व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इन बीमारियों से बचने के लिए जमीन (सतह) पर नहीं सोएं। मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।

– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल की अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं । छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक (एस पी) छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।

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