स्वास्थ्य

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना से मजबूत होगी बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं : क्षेत्रीय अपर निदेशक

– क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई सभागार में प्रधानमंत्री के संबोधन का लाइव प्रसारण
– स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी योजना के उद्देश्य और महत्व से हुए अवगत

मुंगेर, 27अक्टूबर

सोमवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुंगेर स्थित क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (आरपीएमयू) के सभागार में क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ. विजयेंद्र सत्यार्थी की अध्यक्षता में कार्यक्रम के लाइव प्रसारण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक रूप नारायण शर्मा, सिविल सर्जन हरेन्द्र आलोक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि, जिला लेखा प्रबंधक पंकज कुमार, जिला अनुश्रवण मूल्यांकन पदाधिकारी रचना कुमारी, जिला सामुदायिक समन्वयक निखिल राज, जिला योजना समन्वयक विकास कुमार, केयर इंडिया के प्रतिनिधि सहित कई अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

– स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए सबसे बेहतर योजना :
क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ. विजयेंद्र सत्यार्थी ने बताया कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (पीएमएएसबीवाई) पूरे भारत में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सबसे बड़ी योजनाओं में से एक होगी। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगी। इस योजना का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से महत्वपूर्ण देखभाल सुविधाओं और प्राथमिक देखभाल में अंतराल को पाटना है। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना 10 विशेष रूप से चिह्नित किए गए राज्यों में 17,488 ग्रामीण स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को सहायता देगी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर जोर देगी। इसके लिए सभी राज्यों में 11,024 शहरी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पांच लाख से अधिक आबादी वाले देश के सभी जिलों में एक्सक्लूसिव क्रिटिकल केयर अस्पताल के माध्यम से गहन देखभाल सेवाएं उपलब्ध होंगी। जबकि शेष जिलों को रेफरल सेवाओं के माध्यम से कवर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना से मुंगेर जिले को बहुत उम्मीदें हैं। योजना के क्रियान्वयन से जिले में चिकित्सा संबंधी आधारभूत संरचनाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो सकेगा, जिससे सभी जिलावासी लाभान्वित हो सकेंगे।

– जिले में एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला का होगा स्थापना :
सिविल सर्जन डाॅ.हरेन्द्र आलोक ने बताया कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत जिलों में एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। इसके तहत देश के विभिन्न क्षेत्रों में नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वन हेल्थ, 4 नए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान मंच, 9 जैव सुरक्षा स्तर प्रयोगशालाएं और पांच नए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

– स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता होगी विकसित :
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक रूप नारायण शर्मा ने बताया, इस योजना का उद्देश्य देश के सुदूर हिस्सों में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता विकसित करना है। इसके साथ ही देश में ही अनुसंधान, परीक्षण और उपचार के लिये एक आधुनिक व्यवस्थित तंत्र विकसित करना भी है। केंद्र सरकार ने स्वस्थ भारत योजना के लिये चार- स्तरीय रणनीति बनाई है, जिसमें स्वच्छ भारत अभियान, योग, गर्भवती महिलाओं व बच्चों की समय पर देखभाल और उपचार जैसे उपायों सहित बीमारी की रोकथाम व स्वास्थ्य कल्याण को बढ़ावा देना है। साथ ही समाज के वंचित वर्ग के लोगों को सस्ता और प्रभावी इलाज मुहैया कराना और स्वास्थ्य अवसंरचना व स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की गुणवत्ता को बढ़ाना शामिल है।

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