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विश्व शांति के लिए कारगर सिद्ध होगी अखंड रामधुन’ कार्यक्रम – स्वामी चिदानंद

रामधुन फाउंडेशन व रामजन्मभूमि शोध संस्थान(अयोध्या) द्वारा डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर आयोजित 24 घंटे के ‘अखंड डिजिटल रामधुन’ कार्यक्रम ने दशहरा को यादगार बना दिया।

कोरोना महामारी के इस काल में जहां त्यौहारों को बेहद ही सावधानी और सीमित संसाधनों के साथ मनाया जा रहा है वहीं रामधुन फाउंडेशन व रामजन्मभूमि शोध संस्थान(अयोध्या) द्वारा डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर आयोजित 24 घंटे के ‘अखंड डिजिटल रामधुन’ कार्यक्रम ने दशहरा को यादगार बना दिया। कार्यक्रम की शुरूआत 25 अक्टूबर 2020(विजयादशमी) के दिन प्रात: 9 बजे हुई और इसका समापन 26 अक्टूबर 2020 प्रात: 9 बजे हुई।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के वोकल फाॅर लोकल मंत्र से प्रेरणा लेते हुये रामधुन फाउंडेशन ने विश्व मानवता और भाईचारे की भावना को और मजबूत करने और वैश्विक शान्ति व समृद्धि के लिए 25 अक्टूबर 2020 को विजयादशमी के पावन अवसर पर रामधुन कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें देश भर के क्षेत्रीय गायकों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पूरे भारतवर्ष को भक्ति भजनों से गुंजायमान कर दिया।

इस कार्यकम के दौरान रामधुन फाउंडेशन के सभी सदस्यों को बधाई देते हुये परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज जी ने कहा कि राम का नाम हर पीड़ा को हर लेने वाला नाम है, विश्व शांति के लिए 24 घंटे के अखंड डिजिटल रामधुन, रामधुन फाउंडेशन की ओर से आधुनिक युग और कोरोना काल में ये अद्दभुत और सराहनीय पहल। हमें उम्मीद है ऐसे प्रयासों से विश्व भर के प्राणियों में सकारात्मकता का भाव पैदा कर विश्व में पुनः शांति को स्थापित किया जा सकेगा। उन्होंने राम के आदर्श चरित्र और सबरी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राम राजकुमार थे, राजा के पुत्र थे फिर भी उन्होंने जाने का आदेश का पालन बिना किसी शिकायत के पूरा किया, जीवन भर चुनौतियां उनके सामने आई लेकिन उन चुनौतियों का सामना उन्होंने एक मर्यादा में रहकर ही किया. उन्होंने मर्यादा की कभी सीमायें नहीं लांघी और इसीलिए उन्हें पुरूषोत्तम राम कहा जाता है .राम ने त्याग, तपस्या और आदर्शवादी विचार के प्रतीक बन हमेशा शांति का संदेश दिया. इसलिये उन्हें भगवानों के भगवान कहा जाता है।

कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुये गौतमबुद्ध नगर के सांसद डाॅ. महेश शर्मा जी ने भी रामधुन फाउंडेशन के आयोजकों को इस भव्य डिजिटल समायोजन के लिए शुभकामनायें दीं और कहा कि जन्म से लेकर मरण तक सभी सनातन धर्मावलंबियों का राम से अटूट रिश्ता है. राम के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जहां हर 10 कदम पर बोली बदल जाती, पानी बदल जाता है वहां राम का ही नाम है जो संपूर्ण प्राणियों को एकजुटता में पिरोये हुए हैं। राम के नाम मात्र से ही जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। रामधुन फाउंडेशन का ये प्रयास जरूर एक दिन रंग लायेगा और राम के गुणगान से विश्व भर में शांति की स्थापना होगी।

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