स्वास्थ्य

जनपद में ओ.पी.डी. सेवाएँ फिर से होंगी बहाल,शुरू होंगी पीएचसी-सीएचसी एवं निजी चिकित्सालयों पर ओपीडी सेवाएं 

बलिया हॉटलाइन संबाददाता संजय कुमार तिवारी की रिपोर्ट

बलिया हॉटलाइन संबाददाता संजय कुमार तिवारी की रिपोर्ट
• कोविड-19 के सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से करना होगा पालन
बलिया, 19 जून 2020
कोविड-19 वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अस्पतालों की स्थगित की गयीं सेवाएं एक बार फिर से बहाल की जा रही हैं। कोरोना के दृष्टिगत प्रदेश के समस्त चिकित्सालयों में ओ०पी०डी० सेवाएं बन्द कर दी गयी थीं ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण की श्रंखला को तोड़ा जा सके और लोगो को इस संक्रमण से सुरक्षित रखा जा सके। ओ.पी.डी. के सेवा बंद होने से आम जनमानस को हो रही कठिनाइयों को दूर करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नया दिशा निर्देश जारी किया गया है।
शासनादेश के क्रम में अब प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राइवेट अस्पतालो की ओ.पी.डी. सेवा को बहाल करने का निर्णय लिया गया है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इस सम्बन्ध में सभी जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किया है। दिशा- निर्देश में प्रथम चरण में प्रदेश के समस्त जिला/संयुक्त/महिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा प्राइवेट चिकित्सालयों में आवश्यक सेवाओं संबंधित ओ०पी०डी० सेवा प्रारंभ की जाए। प्राइवेट क्लिनिक के लिये स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं कि एक या दो चिकित्सक युक्त प्राइवेट क्लिनिक द्वारा ही ओ0 पी0 डी0 सेवा प्रारंभ की जाए ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 प्रीतम कुमार मिश्र ने बताया कि दूसरे चरण में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों/ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राइवेट क्लीनिकों की सभी प्रकार की ओ०पी०डी० सेवाओं को प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी प्रकार की ओ०पी०डी० सेवाएं प्रारंभ किये जाने से चिकित्सालयों में आने वाली भीड़ भी कम होगी। ओपीडी शुरू करने के लिए सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन करना होगा।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए निर्देश
1.स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले व्यक्तियों की इंफ्रारेड थर्मामीटर से स्क्रीनिंग की जाए ।
2. एक रोगी के साथ एक मात्र तीमारदार को ही प्रवेश की अनुमति दी जाए ।
3.रोगी एवं उसके साथ आने वाले व्यक्ति द्वारा मास्क प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए ।
4.स्वास्थ्य केंद्र पर आई०एल० के लक्षण ( जुकाम, खांसी, बुखार या साँस लेने में तकलीफ ) वाले रोगियों को पृथक कक्ष में जाँच एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ।
5. चिकित्सालय परिसर में उपरोक्त कक्ष के संबंध में दिशा सूचक चिंह प्रदर्शित किया जाए।जिससे सभी आई०एल०आई० लक्षण वाले सभी रोगी पंजीकरण काउंटर पर न जाये तथा सम्बंधित कक्ष में अपनी जांच कराते हुये उपचार प्राप्त करें ।
6.पंजीकरण काउंटर पर पर्चा बनाने वाले व्यक्ति द्वारा मास्क एवं ग्लब्स का प्रयोग अवश्य रूप से किया जाए ।
7.ऐसे स्वास्थ्य केंद्र जहाँ पर प्रतिदिन ओ०पो०ड़ी० में आने वाले रोगियों की संख्या अधिक होती है वहाँ एक से अधिक काउंटर स्थापित किये जाए तथा प्रत्येक दशा में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो का पालन किया जाए ।
प्राइवेट क्लीनिक के लिए निर्देश
1.एक या दो चिकित्सक युक्त प्राइवेट क्लिनिक द्वारा ही ओ०पी०डी० प्रारंभ की जाए ।
2.यथा संभव रोगियों हेतु पहले से ही समय देकर ओ०पी०डी० का संचालन किया जाए ।
3.ओ०पी०डी० के प्रति घंटे 4 या 6 रोगियों हेतु समय दिया जाए जिससे कि अनावश्यक भीड़ से बचा जा सके।
4.कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के सबंध में सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग बार-बार हाथ धोना सम्बंधित प्रोटोकॉल का शत प्रतिशत पालन किया जाए ।
5.चिकित्सालयों के चिकित्सक/पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड-19 संबंधित प्रोटोकॉल तथा इंफेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकॉल का समुचित प्रशिक्षण प्राप्त हो ।
6.चिकित्सालय में मरीज़ों को स्क्रीनिंग करने के लिए एक पृथक स्थल एवं सुरक्षित स्क्रीनिंग व्यवस्था स्थापित एवं क्रियाशील हो ।
7.चिकित्सालय में सुरक्षा उपकरण जैसे:- मास्क,ग्लब्स इत्यादि समुचित मात्रा में एवं आवश्यक पी०पी०ई० किट उपलब्ध हो ।
    सीएमओ ने बताया कि समस्त केंद्रों एवं प्राइवेट क्लीनिकों के फर्श, दीवारें, फर्नीचर, दरवाजे, हैंडल एवं अन्य सतहों का हाइपोक्लोराइट घोल से नियमित विसंक्रमण किया जाएगा ,मरीज के सहयोगी के रूप में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को अनुमति नही प्रदान की जाएगी,स्वास्थ्य केन्द्र/प्राइवेट क्लिनिक में कोविड-19 के बचाव सम्बंधी आई०ई०सी०सामग्री प्रदर्शित की जाएगी ।
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