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बारिश का मौसम शुरू होते ही डेंगू का खतरा बढ़ा, रहें सावधान

• जेएलएनएमसीएच के इमरजेंसी में मरीजों के इलाज की व्यवस्था

• जरूरत पड़ने पर 20 बेड का अलग से डेंगू वार्ड खोला जाएगा
भागलपुर, 19 जून:
कोरोना के संक्रमण के खतरे के बीच बारिश का मौसम शुरू होते ही मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की आशंका बढ़ गयी है। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू को लेकर कमर कस लिया है। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में इसके इलाज की पूरी व्यवस्था है।
जेएलएनएमसीएच में डेंगू की एलिजा टेस्ट व इलाज की पूरी व्यवस्था है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने कहा कि इमरजेंसी में डेंगू के इलाज की पूरी व्यवस्था है। अस्पताल प्रसासन कोरोना के साथ ही डेंगू के इलाज पर भी पूरा फोकस कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जुलाई तक इंडोर सेवा शुरू करने की अनुमति नहीं मिलेगी तो इमरजेंसी के 20 बेड को खत्म कर वहां पर डेंगू वार्ड खोला जायेगा। जल्द ही डेंगू जांच किट की खरीदारी व दवा खरीद का ऑर्डर दिया जायेगा, ताकि जून के आखिरी सप्ताह तक हम डेंगू से निपटने में सक्षम हो सकें।
अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर जेएलएनएमसीएच के इंडोर स्थित सभी विभागों में मरीजों की भर्ती सेवा बंद है, लेकिन अस्पताल के इमरजेंसी में इलाज की पूरी व्यवस्था है। डेंगू या अन्य बीमारियों के मरीज बढ़ने पर किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसे लेकर अस्पताल प्रशासन चौकस है। यही कारण है कि पिछले दिनों अस्पताल के इमरजेंसी में 40 बेड़ बढ़ाया गया है।
मच्छरदानी का करें इस्तेमाल:
डॉ. आरसी मंडल ने कहा कि घरेलू स्तर पर सावधानी बरतने से भी डेंगू को पांव पसारने से रोका जा सकता है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर के आसपास पानी को जमने नहीं दें। रात में सोते समय मच्छदानी का प्रयोग करें। डेंगू का मच्छर दिन में काटता है, इसलिए दिन में विशेष तौर पर सतर्क रहें। घर में कूलर के पानी को बार-बार बदलते रहें। साथ ही घर के आसपास कोई ऐसा सामान हो, जिसमें पानी जमा हो जाता है तो उसे तत्काल हटा दें। जून के अंतिम सप्ताह से डेंगू का खतरा बढ़ने की आशंका रहती है, इसलिए अभी से ही सावधानी बरतना शुरू कर दें।
कैसे और कब होता है डेंगू:
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जून-जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता।
कैसे फैलता है:
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।
ऐसे बरतें सावधानी:
• अगर मरीज को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका इलाज व देखभाल घर पर की जा सकती है।
• डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल (क्रोसिन आदि) ले सकते हैं।
• एस्प्रिन (डिस्प्रिन आदि) बिल्कुल न लें। इनसे प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं।
• अगर बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें।
• सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें। बुखार की हालत में शरीर को और ज्यादा खाने की जरूरत होती है।
• मरीज को आराम करने दें।
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