स्वास्थ्य

कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए वीएचएनडी सत्र आयोजित 

उपकेन्द्र, आंगनवाड़ी केन्द्रों व सामुदायिक भवनों पर भी हुआ टीकाकारण 

बलिया हॉटलाइन संबाददाता संजय कुमार तिवारी की रिपोर्ट
बलिया, 17 जून 2020 |
 कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुये मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के साथ अन्य स्वास्थ्य सेवायें स्थगित चल रहीं थीं। ऐसे में इन बच्चों और महिलाओं को अन्य बीमारियों व संक्रमण का खतरा बढ़ सकता था, जिसे देखते हुए शासन द्वारा रेड जोन को छोडकर अन्य जगहों पर टीकाकरण का काम शुरू किये जाने का निर्णय लिया गया है। लगभग डेढ़ से दो महीने के बाद कोविड प्रोटोकाल के साथ टीकाकरण का काम शुरू कर दिया गया है । अब जिले में हर बुधवार और शनिवार को उपकेन्द्रों, आंगनबाड़ी केन्द्रों एबं सामुदायिक भवनों पर टीकाकरण का काम तेजी से किया जाने लगा है।
    इसी क्रम में बुधवार को जिले के विभिन्न उपकेन्द्रों एवं आंगनवाडी केन्द्रों पर कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) सत्र का आयोजन किया गया| इस दौरान आशा, आशा संगिनी व आंगनवाडी के सहयोग से ए०एन०एम० द्वारा गर्भवती महिलाओं को टीडी एवं बच्चों को बीसीजी,  डीपीटी, पेन्टा फर्स्ट, सेकंड, थर्ड डोज व अन्य जरुरी टीके लगाये गये |
प्रा0स्वा0केन्द्र रतसड़ के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा० राकिफ अख्तर ने बताया कि बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए टीकाकरण अभियान तेज कर दिया गया है| हर सप्ताह के बुधवार और शनिवार को वीएचएनडी सत्र आयोजन कर ग्राम स्तर पर टीकाकरण किया जा रहा है | उन्होंने बताया कि बुधवार को ब्लाक भर में वीएचएनडी सत्र आयोजित कर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का टीकाकरण किया गया| उपकेन्द्र पचखोरा पर ए०एन०एम० अल्पना भारती द्वारा तीन बच्चों को टीका लगाया गया| पचखोरा में टीकाकरण सत्र के पर्यवेक्षण के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी डा० राकिफ अख्तर ने वहाँ उपस्थित महिलाओं और उनके घरवालों को टीकाकरण के कई फायदे गिनाये | उन्होंने बताया कि टीकाकरण से बच्चों में रोग प्रतिरक्षण प्रणाली विकसित होती है और उनमें रोगों से लड़ने की क्षमता  पैदा होती  है | टीकाकरण से बच्चों में पोलियों, टीबी, गलघोटू, निमोनिया, खसरा, डायरिया व अन्य कई संक्रामक बिमारियों की वक्त रहते रोकथाम हो जाती है |
     डॉ अख्तर ने कहा कि गर्भवती महिला को भी लगाए जाने वाले टीडी के टीके से जच्चा-बच्चा को टिटनेस-डिप्थीरिया बीमारी से बचाया जा सके | साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को जुकाम या बुखार होने पर  टीका नही लगाया जाता है लेकिन यदि जुकाम व बुखार दो दिन में न जाए, तो डॉक्टर की सलाह जरुर लें |
     विकास खण्ड क्षेत्र के कई ग्रामों में बुधवार को कैम्प लगाकर गर्भवती महिलाओं और नौनिहालों का नि:शुल्क टीकाकरण किया गया| टीकाकरण कैम्प में मौजूद ए०एन०एम० ने बताया कि प्लान के जरिए बच्चों को तपेदिक, गलाघोंटू, काली खांसी, टिटनेस-डिप्थीरिया, पोलियों, खसरा, रूबेला, हैपेटाइटिस-बी, रोटा वायरस, निमोनिया आदि खतरनाक बिमारियों से बचाव के लिए आशा बहुओं द्वारा तैयार की गई सारिणी के अनुसार वैक्सीन दी जा रही है | इनके साथ ही गाँव की गर्भवती महिलाओं का भी टीकाकरण किया जा रहा है| इस कार्य में संबंधित आशा बहू, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा संगिनी ए०एन०एम० का सहयोग करती है |
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