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श्री अनंत विस्तार द्वारा प्रस्तावित COVID-19 की चिकित्सा को अमेरिकन डॉक्टर को स्वतंत्र clinical trial में मिली सफलता , प्रधानमंत्री मोदी जी को लिखा पत्र

वरिष्ठ संवाददाता एस. पी. त्रिपाठी की रिपोर्ट

वरिष्ठ संवाददाता एस. पी. त्रिपाठी की रिपोर्ट

श्री अनंत िवस्तार द्वार प्रतािवत nCOVID-19 की िचिकत्सा को अमेिरकन डॉक्टर ने स्वतंत्र clinical trial में िमली सफलता , प्रधानमंत्री मोदी जी को िलखा पत्र
शत्रु को हराने के िलए, सबसे महत्वपूणर् है की शत्रु के बारे में अिधक से अिधक जानकारी हो। इन्ही जानकारी के आधार पर शत्रु को हराने की रणनीित बनाई जा सकती ह।ै फ़रवरी के िद्वतीय और तृतीयसप्ताहमें,महामारी दुिनयामेंफैलनेलगीथीदुिनयाके अन्यदेशोंमेंलॉकडाऊनहोनेलगा था। भारत में लाक्डाउन नहीं हुआ था। तभी से, श्री अनंत िवस्तार जी ने nCOVID-19(करोना ) के बारे में शोध प्रारम्भ कर िदया था। उन्होंने कोरोना वाइरस के सम्बंध में 300 से भी अिधक शोध पत्र, वैज्ञािनक प्रयोग और clinical trial का अध्ययन िकया। उन्होंने ने अपने शोध के आधार पर कोरोना के िलए chloroquine(CQ ) या hydroxychloroquine (HCQ ), िज़ं क(Zn ) और azithromycin(AZ ) को उपयोगी बताया। ये बात lockdown से पहले की ह।ै
25 माचर् को उन्होंने अपने क़रीबी लोगों इस बात की जानकारी दी। उन्होंने वट्सअप अपने क़रीबी लोगों को घर पर िकसी भी इमजर्न्सी के िलये HCQ या CQ, Zn और AZ रखने की सलाह दी। उनके द्वारा प्रस्तािवत nCOVID-19 की िचिकत्सा को अमेिरकन डॉक्टर व्लािडमीर जेलेंको (Dr Vladimir Zelenko) ने clinical trial के द्वारा सत्यािपत िकया। अब श्री अनंत िवस्तार जी के पास nCOVID 19 इससे भी अच्छी िचिकत्सा पद्धित उपलब्ध ह।ै उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरन्द्रे मोदी जी को इस संदभर् में पत्र िलखा ह।ै
एक अप्रैल के आस-पास, न्यू यॉकर् , अमेिरका के डॉक्टर व्लािडमीर जेलेंको (Dr Vladimir Zelenko), ने उन्ही दवाओं से कोरोना वाइरस से ग्रिसत 911 मरीज़ों का इलाज िकया िजनकी सलाह श्री अनंत िवस्तार जी ने अपने क़रीबी लोगों को दी थी। 911 मरीज़ों में 350 मरीज़ों को
कैं सर, हृदय, मधुमेह एवं अन्य गम्भीर भी बीमािरयाँ थी। इस िचिकत्सा का पिरणाम आश्चयर्चिकत कर देने वाला था। 911 कोरोना के मरीज़ों में एक की भी मृत्यु नहीं हुई। के वल तीन मरीज़ों को वेंिटलेटर पर रखना पड़ा था जो बाद में ठीक हो गए थे। अमेिरका के उपराष्ट्रपित ने उनके काम की सराहना की और उनको फ़ोन भी िकया।
नीदरलेंड ओरगेिनसेशन फ़ोर साइंिटिफ़क रीसचर् (NOSR) द्वारा कराए गए एक प्रयोग का हवाला देते हुए उन्होंने ये बताया की िज़ं क की उपािस्तिथ के कारण कोिशकाओं में वाइरस का प्रजनन नहीं होता है िजससे कोिशकाएँ वाइरस संक्रमण मुक्त हो जाती ह।ै िज़ं क को कोिशकायों के भीतर ले जाने के िलए िज़ं क आइनोफ़ोर का प्रयोग िकया गया। िज़ं क आइनोफ़ोर (ionophore ), िज़ं क को कोिशकाओं में प्रवेश कराने में सहायता करता ह।ै इस प्रयोग में ये भी िसद्ध िकया गया िक
िज़ंक(Zn)सभी पॉिज़िटवसेन्सिसंगलस्ट्रैंडRNA(+ssRNA)वाले वाइरस के िलए प्रजनन के िलए प्रभावी रोकथाम कर सकता ह।ै SARS-

COV-2 भी एक +ssRNA वाइरस ह,ै इसिलए िज़ं क SARS-COV-2 के िलए भी प्रभावी उपचार िसद्ध होगा। ये प्रयोग मानव कोिशकाओं को शरीर के बाहर कल्चर कर के िसद्ध िकया गया था। इस प्रकार के प्रयोग को vitro प्रयोग कहते ह।ै
क्लोरोकु इन के बारे में उन्होंने बताया िक दिक्षण अमेिरका में पेरू देश के मूलिनवासी, बुखार आने पर, सुजन आने पर या कोई संक्रमण हो जाने पर िसनकोना (Cinchona ) वृक्ष की छाल का कड़ाह बना के पीते थे। जब युरपीयन लोग वहाँ पहचे तो उन्होंने ने इसे बहुत उपयोगी पाया। सन 1820 में, उन्होंने इस छाल के सत्, कु नेन (quinine) को पृथक िकया।
सन1934में,एकजमर्नवैज्ञािनकनेकुनेनकीक्लोिरन से
अिभिक्रया कराकर क्लोरोक्वीन बनाई। ये दवा मलेिरया के िलए
बहुत उपयोगी िसद्ध हुई। बाद में इसे मलेिरया के उपचार के िलए रसेोिचन(Resochin)केनामसेपूरीदुिनयामेंबेचागया।
क्लोरोकुइन(CQ)और हाइड्रोआक्सीक्लोरोकुइनएकहीपिरवार
के होते ह,ै HCQ में एक हाइड्रोआक्सी ग्रूप अिधक होता ह।ै HCQ
पाचन में आसान होती और लंबे समय तक दी जा सकती है लेिकन संक्रमण में CQ ज़्यादा प्रभावशाली होती ह।ै
CQयाHCQकाउपयोगकेवलमलेिरयातकसीिमतनहींह,ै येएकशिक्तशालीब्रॉडस्पेक्ट्रम एंटी-बकटेरीयल,एंटी-फ़ंगल,एंटी-पैरसायट औरएंटी-वाइरलभीहोतीह।ै
CQ वाइरस जैसे ईबोला, िनपाह, लीसा, िमका, िचकनगुिनया , इं फ़्लुएजा A और B, hepatitis A औरC,HIV,पोलीओ, कोरोनावाइरस2के प्रितअपनाएंटीवाइरलप्रभाविदखाचुकीह।ै
सन 2004 में, रीगा(Rega ) इिन्स्टटू ट ओफ़ मेिडकल रीसचर् के शोधकतार्ओ ं ने एक शोध प्रकािशत िकया िजस के अनुसार CQ, कोरोना वाइरस -1 के प्रजनन को रोक कर, कोिशकाओं को संक्रमण मुक्त करती ह।ै
चूँिक CQएकब्रॉडस्पेक्ट्रमएंटीवाइरलऔषिधहैऔरयेकोरोनावाइरस-1के िवरुद्धअपना असर प्रमािणत कर चुकी थी। इसिलए जब nCOVID -19 एक महामारी के रूप में िवश्व में फै लने लगा तब डॉक्टर, वैज्ञािनक और शोधकरतों के मध्य HCQ एक मात्र िवकल्प था।
इसी आधार पर अमेिरका और भारत सिहत िवश्व के कई देशों ने HCQ को nCOVID-19 के िलए, इमजर्न्सी में प्रयोग करने की अनुमित दी।
िज़ं क स्वयं एक शिक्तशाली एं टी वाइरल है, CQ भी के एक बहुत शिक्तशाली एं िटवाइरल है तथा CQ, िज़ं क-आइनोफ़ोर की तरह व्यवहार करता है। इसिलए इन दोनो का संयोग एक अत्यंत प्रभावी एं टी वाइरल िसद्ध हो सकता है।

उन्होंने बताया िक इंडोनेिशया के एक िक्लिनकल ट्राइयल में nCOVID 19 और िवटािमन D की कमी के बीच एक महत्वपूणर् तथ्य सामने आया। इस ट्राइयल में nCOVID 19 पोिसिटव 780 रोगीयों को तीन समूह में िवभािजत िकया एक समूह िवटािमन D प्रचुर मात्रा में था, दूसरे समूह में िवटािमन D का स्तर मध्यम था और तीसरे समूह में िवटािमन D की कमी थी। प्रथम समूह में मृत्यु दर 4%, दूसरे समूह में 88% और तीसरे समूह में 99% थी। इससे साफ़ हो जाता है की nCOVID 19 के द्वारा होने वाली मृत्यु में िवटािमन D की कमी महत्वपूणर् कारक ह।ै
उन्होंने अपने शोध में एलोपिथक और नचूरोपेिथक दोनो ही पद्धितयों का उल्लेख िकया है। एलोपेिथकपद्धितमेंउन्होंनेबतायाकीnCOVID-19के उपचारके िलएक्लोरोकुइन(CQ)या हाइड्रोआक्सी क्लोरोकु इन(HCQ), अिजथ्रोमयिसन (AZ), िज़ं क, िवटािमन D,E एवं िवटािमन A काफ़ीप्रभावशालीह।ैइसकेअितिरक्तउन्होंनेरक्तकोपतलाकरनेवालीदवाईओंजैसेहपेेिरन, ऐिस्प्रन इत्यािद को भी उपयोगी बताया।
उन्होंने nCOVID 19 का वैज्ञािनक तत्थों पर आधािरत नेचुरोपेिथक तथा आयुवेर्िदक उपचार बताया है। वे क्लोरोकु इन को भी नैचरल हबर् मानते है क्योंिक क्लोरोकु इन, क्वाइनायन(कु नैन) का ही क्लोिरनेटेड रूप ह,ै जो िसनकोना वृक्ष की छाल का सत् ह।ै क्लोरोकु इन शरीर के आं तिरक वातावरण तथा कोिशकाओं को भीतर से क्षािरय (alkaline) बनता ह।ै ऐल्कलायन वातावरण में कोरोना वाइरस जीिवत नहीं रह पता। क्लोरोकु इन िज़ं क आइनोंफ़ोर भी है जो िज़ं क को कोिशकाओं के भीतर प्रवेश कराने में सहायता प्रदान करती ह।ै
िज़ं क(Zn) एक आवश्यक खाद्य खिनज(mineral) है जो हमारे भोजन में पाया जाता ह।ै ये हमारे शरीर की कोिशकायों के िवभाजन में तथा इम्यून िसस्टम को बूस्ट करने में महत्वपूणर् भूिमका िनभता ह।ै िज़ं क के पास नॉवल करोना वाइरस को कोिशका के भीतर प्रितिलिप बनाने से रोकने की िवशेष क्षमता होती ह।ै यिद सरल भाषा में कहा जाए तो िज़ं क नॉवल करोना वाइरस को कोिशका के भीतर प्रजननसेकोरोकताह।ैइसप्रकारिज़ंकनॉवलकरोनावाइरसकेसंक्रमणकोसमाप्तकरताह।ै
लेिकन समस्या ये है के िज़ं क को शरीर की कोिशकाओं िवशेषत: फे फड़ों की कोिशकाओं तक कै से पहुचएँ तािक कोिशकाएँ िज़ं क को अवशोिषत कर सकें ?
एलोपेथी में के वल क्लोरोकु इन को इस के िलए उपयोग में लाया जा सकता है जबिक नेचुरोपेथी में इस के िलए िनम्बू और ऐपल साइडर िवनेगर का उपयोग िकया जा सकता ह।ै िनम्बूकारसतथाऐपलसाइडरिवनेगरिज़ंककोनकेवलिटशुतक लेजाताहैबिल्कउसे कोिशका के भीतर अवशोिषत होने में सहायता करता ह।ै
िनम्बू और ऐपल साइडर िवनेगर का एक और लाभ ये है की ये शरीर एवं कोिशकाओ ं को आं तिरक वातावरण को क्षािरय (ऐल्कलायन) बनता ह।ै ऐल्कलायन वातावरण में नॉवल करोना वाइरस जीिवत नहीं रह पाता ह।ै
उन्होंने बताया िक नेचुरोपेथी में क्लोरोकु इन के अलावा कु एरसेिटन (quercetine) भी िज़ं क- आइनोफ़ोरकीतरहव्यवहारकरताह।ैकुएरसेिटन(quercetine)एकप्रकारकीफलवोनोईड्स

(flavonoids) है जो फल और सब्ज़ीयों में पाई जाती ह।ै ये लहसुन, प्याज़, अदरक में प्रचुर मात्रा मेंतथाहरीसब्ज़ीयोंमेंभीपायीजातीह।ैयेफलोंमेंजैसेऐपल,बैर,अंगूरतथासूखेमेवेकेअलावा चाय पत्ती में भी पाई जाती ह।ै
कु एरसेिटन िज़ं क आइनोफ़ोर की तरह व्यवहार करता है ये िज़ं क को कोिशकाओं के प्रवेश करने में सहायताकरताह।ैअत:िनम्बू,ऐपलसाइडरिवनेगर,कुएरसेिटनएवंिज़ंककाकोमिबनेशननॉवल कोरोना वाइरस के उपचार में बेहद लाभदायक िसद्ध होगा।
nCOVID 19 का संक्रमण मधुमेह के रोगीयों में अिधक घातक होता है क्योंिक उनमे िमनरल और िवटािमन का अवशोषण भली प्रकार से नहीं हो पता। िनम्बू और ऐपल साइडर िवनेगर ब्लड ग्लूकोस लेवल को कम कर िमनरल और िवटािमन के अवशोषण को बढ़ाता ह।ै उन्होंनेबतायािकमूलेठीभीएकअत्यिधकप्रभाशालीएंटीवाइरसऔषिधह।ै मूलेठीप्रिसद्ध आयुवेर्िदक औषिध है लेिकन चीन भी इसे अपनी पारम्पिरक औषिध मानता है । िगसरिहिज़न(Gycyrrhizin)मूलेठीकासत्ह।ैचीनमेंहुएएकप्रयोगमें,J।Morgenstern,B Bauer, G Chandra, P Rabenau तथा H Doerr ने िसद्ध िकया िगसरिहिज़न(Gycyrrhizin ) कोरोनावाइरसके प्रितकृितबनानेकीप्रिक्रयाकोबािधतकरके कोिशकाओकोकोरोनावाइरस केसंक्रमणसेमुक्तकरतीह।ैइनशोधकरताओंनेमूलेठीकोकोरोनासंक्रमणकेिलएएकप्रभावी औषिध बताया था।
उन्होंने अपने शोध में लेमन प्रोटकॉल का उल्लेख िकया िजसमें 25ml िनम्बू के रस को 5मल ऐपल साइडर िवनेगर के साथ 200ml में लेते ह।ै उन्होंने लेमन प्रोटकॉल के साथ 50mg िज़ं क की गोली को सुबह और शाम लेने की सलाह दी(लेमन प्रोटकॉल के बाद कु ल्ला कर)े । nCOVID -19 के सम्बंध में उन्होंने एक िवशेष काढ़े का िज़क्र िकया इस में तुलसी(10-15 पत्ती), पुदीने की 10-15 पत्ती, िनम्बू,गुड़, अदरक काला नमक, काली िमचर् और एक इंच मूलेठी की लकड़ी को कू ट कर 200ml पानी को 3-5 िमनट तक उबल कर िदन में दो बार पीने की सलाह दी। अंगूर के बीज(grape seed extract ) के 400mg कप्सूल को िदन एक बार नाश्ते के पहले सेवन करने की सलाह दी। इस के अितिरक्त िवटािमन D,A और E को भी आवश्यक बताया। सुबह या शाम धूप में 20 िमनट रह कर सूयर् से िवटािमन D ग्रहण िकया जा सकता ह।ै
कोरोना कवच
nCOVID19के संक्रमणसेबचनेके िलएिज़ंक,िवटािमनD,EऔरA,अंगूर के बीजके सत् (OPC)को लेमन-प्रोटोकॉलके साथले,उपरोक्तबताएगएकड़ाहेकोिपए।एसाकरनेसे कोरोना वाइरस के संक्रमण की सम्भावना ना के बराबर हो जाएगी।

सन्यास लेने से पूवर् वे जमर्नी में रहते थे। उन्होंने जमर्नी की कलोन यूिनविसर् टी में “theory of formation of particle” को प्रस्तािवत िकया था।ये थ्योरी नािभकीय िफ़िज़क्स और हाई एनजीर् से सम्बंिधत। ये थ्योरी नािभक अंतिरक कणों की संरचना और उनके िनमार्ण की व्याख्या करती ह।ै उनकी िपता जी मृत्यु के पश्च्यात उन्होंने IIT-JEE के िलए छात्रों को पढ़या। उनके 25 छात्रों में से 18 का IIT-JEE स्क्रीिनं ग और 2 का IIT-JEE मैन्स में चयन हुआ था। वे िफ़िज़क्स, के िमस्ट्री और गिणत, तीनो िवषयों को स्वयं पढ़ाते थे।
उन्होंने नचूरोपेथी का अध्ययन जमर्नी से िकया ह।ै उनका नेचुरोपथी
और आधुिनक िचिकत्सा िवज्ञान (मेिडकल साइयन्स ) का गहन
अध्ययन ह।ै उनके िलए मेिडकल साइयन्स की िकताब या लेखों को
पढ़ना समाचार पत्र या उपन्यास पड़ने का समान ह।ै उनकी प्राचीन
भारतीय िवज्ञान और आयुवेर्द(चारक-संिहता, भाव-प्रकाश ) में गहन
रुिच ह।ै कै न्सर, हृदय रोग और माईग्रैन जैसी कई जिटल बीमािरयोंकाउपचारप्रकृितकिचिकत्साके आधारपरकरतेह।ै वे
िदन में कई घंटे समािध में जाते ह।ै वे nCOVID-19 के उपचार के
बारे में कई महीनो से जानते ह।ै
श्री अनंत िवस्तार
(िमिस्टक, वैज्ञािनक और नेचुरोपेथ, जमर्नी ) सम्पकर् -7042662519The

SARS-COV-2 का संिक्षप्त पिरचय
वाइरसएकलैिटनशब्दहैजोसंस्कृतके शब्दिवष सेबनाह।ै िजसप्रकार,संस्कृतमेंिवषका अथर् ज़हर है उसी प्रकार लैिटन भाषा में वाइरस का अथर् भी ज़हर ह।ै वाइरस का अिस्तत्व मनुष्य जाित से भी पुराना ह।ै प्रकृ ित में वाइरस की 10 लाख से भी ज़्यादा प्रजातीय ह,ै मनुष्य ने के वल 6000प्रजाितयोंकाअध्ययनिकयाह।ैवाइरसकाआकारमें,बेक्टेिटयायामानवकोिशकासे लगभग 100-300 गुना छोटा होता ह।ै ये कोिशका के बाहर अजीिवत और कोिशका के अंदर जीिवतहोजाताहै।वाइरससंक्रमणकीसबसेछोटीइकाईह।ै येमानवकोिशकाकेअंदरप्रवेश कर अपनी कई सारी प्रितिलिपयाँ बनता है िजससे या तो कोिशका मर जाती है या िफर ठीक से कायर् नहीं करती और व्यिक्त बीमार हो जाता ह।ै जेिनिटक मटीरीयल के आधार पर वाइरस को दो प्रकारों में वगीर्कृ त िकया जाता है :- 1, DNA और 2, RNA वाइरस।
करोना वाइरस RNA वाइरस ह।ै करोना वाइरस एक पॉिज़िटव सेन्स िसं गल स्ट्रैंड वाइरस(+ssRNA )ह।ै िजसवाइरसकाजेनेिटकमटीरीयलजीनोमकेसाथ-साथm-RNAकीतरहव्यवहार करते है वे पॉिज़िटव सेन्स वाइरस कहलाते ह।ै पहला करोना वाइरस 2003 में िमला था िजसे Severe Acute Respiratory Syndrom Corona Virus -1 या संिक्षप्त में SARS- COV-1 कहते ह।ै 2019 के िदसम्बर माह में इसी प्रजाित का एक दूसरा वाइरस चीन के वुहान शहर में पाया गया ।इस वाइरस में धीर-े धीरे पूरी दुिनया को अपने चपेटें में ले िलया िजस के कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई और ये महामारी अभी भी जारी ह।ै
SARS-COV -2 से होने वाली बीमारी को nCOVID-19 कहते ह।ै nCOVID-19 के लक्षणो को और उसके उपचार को समझने के िलए पहले हमें SARS-COV -2 की संरचना समझनी होगी।

SARS-COV -2 में मुख्यतः spike, envolope और membrane के अलावा +ssRNA होता ह।ै स्पाइककाँटेनूमाआकृितकाहोताहैजोग्यकोप्रोिटनकाबनाहोताह।ैअमेिरकामेंहुएप्रयोग के दौरान ये पाया गया िक स्पाइक और मानव कोिशका के Angiotensin Converting Enzyme -II (ACE-II)receptors में िवशेष आकषर्ण होता ह।ै जब वाइरस का स्पाइक मानव कोिशका के ACE-2 receptors के सम्पकर् में आता है तो वाइरस अपना जेनेिटक मटीरीयल (+ssRNA)कोिशका में िरलीज़ कर देता ह।ै कोिशका के भीतर +ssRNA अपने कई सारे प्रितरूप बनता है । प्रत्येक प्रितरूप मुख्य वाइरस जैसा स्वरूप ले लेता ह।ै नए वाइरस अपना शरीर, कोिशकाओं के अँगो का शोषण कर बनाते ह,ै इसिलए कोिशका अपना कायर् भली प्रकार से नहीं कर पाती और इस कारण हमारा शरीर बीमार हो जाता ह।ै ये वाइरस उन्ही कोिशकाओं को संक्रिमत कर सकता है िजनमें ACE-2 receptors होते ह।ै ये receptors सबसे ज़्यादा फे फड़ों में, उसके बाद आं त में, िफर हृदय और िकड् नी में और कु छ एक peripheral nerveous system(PNS) में भी होते है
nCOVID -19 के लक्षण
चूँिक ACE-2 receptors सवर्िदक फे फड़ों में होते है इसिलए ये वाइरस सबसे अिधक फे फड़ों के िलए घातक होते ह।ै फे फड़ों में संक्रमण के कारण ये श्वसन तंत्र की
बीमारी है इसिलए इस वाइरस को (Severe Acute
Respiratory Syndrom -Corona Virus-2) कहा ह।ै फेफड़ोंमेंसंक्रमणकेकारणखाँसीआना,साँसलेनेमेंपरशेानी,

दम घुटना, छाती भारी हो जाना आिद इस के सामान्य लक्षण है । कई बार ये लक्षण इतने गम्भीर होजातेहैकीफेफ़ेड़ोके फ़ेलहोजानेके कारणरोगीयोंकीमृत्युहोजातीह।ै
फे फड़ों के पश्च्यात, आं तो में सावर्िधक ACE-2 receptors होते है इसिलए पेट में मरोड़ आना, जी-उमथना, भूँक न लगना, दस्त या क़ब्ज़ हो जाना।
हृदय में भी ACE-2 receptors होते है इसिलए हृदय की धड़कन बड़ जाना(palpitation ) , हृदय की असामान्य गित (arrhythmia), कई बार हृदय घात भी हो जाता ह।ै इटली में अस्पताल में भतीर् होने वालाओं में 12% मरीज़ों की हृदय की िस्तिथ अत्यंत गम्भीर थी।
ACE-2 receptors िकड् नी में भी होते ह,ै िजससे िकड् नी में जुड़ी हुई समस्यों के कारण कई रोगीयों की मृत्यु हुई ह।ै पोस्ट्मॉटर्म से पता चला है िक ये वाइरस िकड्नी में सीधा असर करता ह।ै उन रोगीयों िस्तिथ और भी गम्भीर हो गई िजन में पहले से ही िकड्नी की समस्या थी।
कु छ रोगीयों के फे फड़े इसिलए फ़े ल हुए क्योंिक उनमे brainstem से िसग्नल, फे फड़ों में ठीक प्रकार से आ नहीं पा राहे थे। इस का कारण peripheral nervous system(PNS ) से जुड़ा हुआह।ैपिरफ़रलनवर्सिसस्टम(PNS)केअसामान्यरूपसेकायर्करनेकेकारणहीसूँघनेऔर स्वाद की संवेदनाओं में अंतर आजाता ह।ै
nCOVID-19 का उपचार िज़ं क(Zn) की nCOVID -19 में एं टी-वाइरल की तरह भूिमका
नीदरलेंड ओरगेिनसेशन फ़ोर साइंिटिफ़क रीसचर् (NOSR) द्वारा कराए गए एक प्रयोग में ये देखा गया िज़ं क की उपािस्तिथ के कारण कोिशकाओं में वाइरस का प्रजनन नहीं होता है िजससे कोिशकाएँ वाइरस संक्रमण मुक्त हो जाती ह।ै िज़ं क को कोिशकायों के भीतर ले जाने के िलए पैिरिथआन (pyrithion ) का प्रयोग िकया गया। पैिरिथआन एक प्रकार का िज़ं क
आइनोफ़ोर (ionophore ) ह,ै जो िज़ं क को कोिशकों में प्रवेश कराने में सहायता करता ह।ै इस प्रयोग में ये भी िसद्ध िकया गया िक िज़ं क(Zn )सभी पॉिज़िटव सेन्स िसं गल स्ट्रैंड RNA (+RNA) वाले वाइरस के िलए प्रजनन के िलए प्रभावी रोकथाम कर सकता ह।ै SARS-COV-2 भी एक +ssRNA वाइरस ह,ै इसिलए िज़ं क SARS-COV-2 के िलए भी प्रभावी उपचार िसद्ध होगा। ये प्रयोग मानव कोिशकाओं को शरीर के बाहर कल्चर कर के िसद्ध िकया गया था। इस प्रकार के प्रयोग को vitro प्रयोग कहते ह।ै
िज़ंक का एक और फ़ायदा ये है की ये प्रितरोधक क्षमता को बड़ाता ह।ै िज़ंक की कमी के कारण थाइमस ग्रंिथ जो दोनो फे फड़ों के मध्य होती ह,ै िसकु ड़ जाती ह।ै थाइमस ग्रंिथ रक्षा कोिशकाओं के िनमार्ण में महत्वपूणर् भूिमका िनभाती ह।ै िज़ं क रक्षा कोिशकाओं के िनमार्ण में सहायता करता ह।ै
िज़ं क की कमी के कारण (lymphopenia) होता ह।ै िलमफोपेनीया (lymphopenia) में व्यिक्त की िलम्फ़सायट्स (lymphocytes) की संख्या में कमी आ जाती ह।ै िलम्फ़सायट्स शरीर में सैिनकों की

तरह काम करते ह।ै इनकी संख्या में कमी होने के कारण प्रितरोधक क्षमता कम हो जाती ह।ै िज़ं क हिड्डयों की मज़्ज़ा में WBC के िनमार्ण में भी महत्वपूणर् भूिमका िनभाता ह।ै िज़ं क की कमी के कारण अक्सर लोगों में कोई ना कोई संक्रमण हो जाता ह।ै
मधुमेह के रोगीयों में प्रायः Zn की कमी होती ह,ै इसिलए उनमे nCOVID -19 का ज़्यादा ख़तरा रहता ह।ै
क्लोरोकु इन(CQ) या हाइड्रोआक्सी क्लोरोकु इन (HCQ): nCOVID-19 के िलए प्रभावी औषिध:-
दिक्षण अमेिरका में पेरू देश के मूलिनवासी, बुखार आने पर, सुजन आने पर या कोई संक्रमण हो जाने पर िसनकोना (Cinchona ) वृक्ष की छाल का कड़ाह बना के पीते थे। जब युरपीयन लोग वहाँ पहचेतोउन्होंनेनेइसेबहुतउपयोगीपाया।सन1820में,उन्होंनेइसछालमेंसेकुनेन (quinine) को पृथक िकया।
सन1934में,एकजमर्नवैज्ञािनकनेकुनेनकीक्लोिरन से
अिभिक्रया कराकर क्लोरोक्वीन बनाई। ये दवा मलेिरया के िलए
बहुत उपयोगी िसद्ध हुई। बाद में इसे मलेिरया के उपचार के िलए रसेोिचन(Resochin)केनामसेपूरीदुिनयामेंबेचागया।
क्लोरोकुइन(CQ)और हाइड्रोआक्सीक्लोरोकुइनएकहीपिरवार
के होते ह,ै HCQ में एक हाइड्रोआक्सी ग्रूप अिधक होता ह।ै HCQ
पाचन में आसान होती और लंबे समय तक दी जा सकती है लेिकन संक्रमण में CQ ज़्यादा प्रभावशाली होती ह।ै
CQयाHCQकाउपयोगकेवलमलेिरयातकसीिमतनहींह,ै येएकशिक्तशालीब्रॉडस्पेक्ट्रम एंटी-बकटेरीयल,एंटी-फ़ंगल,एंटी-पैरसायट औरएंटी-वाइरलभीहोतीह।ै
CQ , RNA वाइरस जैसे
1 ईबोला
2 िनपाह
3 लीसा
4 िमका
5 िचकनगुिनया
6 इंफ़्लुएजा A और B
7 hepatitis A और C
8 HIV

9 पोलीओ
10 SARS- COV-2
के प्रितअपनाएंटीवाइरलप्रभाविदखाचुकीह।ै
सन 2004 में, रीगा(Rega ) इिन्स्टटू ट ओफ़ मेिडकल रीसचर् के शोधकतार्ओ ं के एक शोध प्रकािशत िकया िजस के अनुसार CQ, SARS-COV-1 के प्रजनन को रोक कर, कोिशकाओं को संक्रमण मुक्त करती ह।ै
चूँिक CQएकब्रॉडस्पेक्ट्रमएंटीवाइरलऔषिधहैऔरयेSARS-COV-1के िवरुद्धअपना असर प्रमािणत कर चुकी थी। इसिलए जब nCOVID -19 एक महामारी के रूप में िवश्व में फै लने लगा तब डॉक्टर, वैज्ञािनक और शोधकरतों के मध्य HCQ एक मात्र िवकल्प था।
इसी आधार पर अमेिरका और भारत सिहत िवश्व के कई देशों ने HCQ को nCOVID-19 के िलए, इमजर्न्सी में प्रयोग करने की अनुमित दी।
CQ या HCQ की वाइरस के िवरुद्ध कायर्-प्रणाली :-
CQ या HCQ वाइरस की अपने प्रितिलिप बनाने की प्रिकया में बाधा उत्पन्न कर चार प्रकार से वाइरस के संक्रमण को ठीक करता ह:ै –
1. कोिशका में प्रवेश से पहले: कोिशकाओं के receptors को ब्लाक करके वाइरस को कोिशकाओं में प्रवेश करने से रोकता ह।ै
2. कोिशका के भीतर:- यिद वाइरस िकसी प्रकार कोिशका में प्रवेश भी कर जाए तो CQ कोिशका के आंतिरकवातावरणकोक्षिरय(Alkaline)बनाके वाइरसके प्रितरूपोंकोबनानेसेरोकताह।ै 3. यिद वाइरस िकसी प्रकार कोिशका में प्रवेश कर, क्षिरय वातावरण में प्रितरूप बनाने की कोिशश करताहैतबभी CQइसप्रिकयाके पोस्टट्रैन्स्लेशन(translation)फ़ेज़में,वाइरसके प्रितरूप गेनोम(genome ) में त्रुिट उत्पन्न कर, वाइरस प्रितरूप बनाने की इस प्रिक्रया को रोकता ह।ै 4.क्लोरोकुइन(CQ)एकिज़ंकआइनोफ़ोर(ेionophore)कीतरहव्यवहारकरताह।ै CQ,िज़ंक को कोिशका के भीतर प्रवेश करने में सहायता प्रदान करता ह।ै िज़ं क की उपािस्तिथ में, वाइरस अपना प्रितरूप नहीं बना पाते।
िज़ं क स्वयं एक शिक्तशाली एं टी वाइरल है, CQ भी के एक बहुत शिक्तशाली एं िटवाइरल है तथा CQ, िज़ं क-आइनोफ़ोर की तरह व्यवहार करता है। इसिलए इन दोनो का संयोग एक अत्यंत प्रभावी एं टी वाइरल िसद्ध हो सकता है।

nCOVID -19 को लेकर होने वाले महत्वपूणर् िक्लिनकल ट्राइयल : HCQ एवं Azithromycin (AZ)का कोमिबनेशन
nCOVID-19 के आउट्ब्रेक के पश्च्यात, फ़्रान्स में, माचर् 2020 में, कोरोना से ग्रिसत 36 रोगीयों का िक्लिनकल ट्राइयल हुआ था। इस ट्राइयल में करोना पोिसिटव 36 रोगीयों को 3 समूह में िवभािजत कर िदया गया था। एक समूह को के वल HCQ, दूसरे समूह को HCQ+AZ और तीसरे समूह को अन्य िनयंित्रत सपोिटर् व ट्रीटमेंट िदया था इस ट्राइयल का िनष्कषर् ग्राफ़ में समझया गया है हरेरगंकीरखेाHCQ+AZको,नीलेरगंकीरखेाHCQकोतथाकालेरगंकीरखेासामान्य
कं ट्रोल समूह को प्रदिशर् त करती ह।ै
ग्राफ़ में हम स्पष्ट रूप से देख सकते है िक HCQ+AZ वाला समूह 5 वे िदन कोरोना नेगेिटव हो गया।केवलHCQवाले समूहमेंवाइरललोड(वाइरसकीसंख्या)45%कमहुई,लेिकनये समूह अभी भी करोना से संक्रिमत था। िनयंित्रत समूह का वाइरस लोड साथर्क रूप से कम नहीं हुआ।
उपरोक्त िक्लिनकल ट्राइयल से ये िनष्कषर् िनकला जा सकता है िक HCQ +AZ का कॉिम्बनेशन कोरोना वाइरस के िवरुद्ध एक उपयोगी िवकल्प िसद्ध हो सकता ह।ै

मेरे द्वारा प्रस्तािवत nCOVID-19 का उपचार एक अमेिरकन डॉक्टर द्वारा स्वतंत्र िक्लिनकल ट्राइयल में सत्य िसद्ध हुआ
मै लॉकडाउन से पहले िज़ं क के एं टी वाइरल प्रभाव को जनता था तथा मैंने उपरोक्त िक्लिनकल ट्राइयल का भी अध्ययन िकया था। इसी आधार पर मैंने अपने िमत्रों को एक मेसेंजेर ऐप के ज़िरए HCQयाCQ,AZऔरिज़ंककोघरपरइमजर्न्सीमेंउपयोगके िलएघरपररखनेकीसलाहदी थी।ये परामशर् nCOVID -19 के उपचार में प्रभावी एवं सत्य िसद्ध हुआ।
डॉक्टर व्लॉिडमीर जेलेंको न्यू यॉकर् , USA में रहते ह।ै उनके पास 911 करोना पॉिज़िटव पेशंट्स उपचार के िलए आए िजनमें से 350 रोगीयों को अन्य गम्भीर बीमािरयाँ जैसे कै न्सर, क्रोिनक डाइअबीटीज़, हृदय रोग भी थे। डॉक्टर व्लॉिडमीर जेलेंको ने अपने पेशंट्स तो वही दवाइयाँ दी जो मैंने अपनाए िमत्रों को सजेस्ट की थी, HCQ या CQ, AZ, तथा िज़ं क।
इन 911 पेशंट्स में से एक की भी मृत्यु नहीं हुई। के वल तीन रोिगयों को वेंिटलेटर पर रखा गया जो कु छ िदन बाद स्वस्थ हो गए। अमेिरका के उपराष्ट्रपित ने उनके कायर् की प्रसंशा की और उनको फ़ोन कर के धन्यवाद भी िदया।
HCQ पर िववाद का अंत :-
HCQ, nCOVID19 के उपचार को लेकर िववािदत रही ह।ै इस के दो कारण है
1, फ़्रान्स होने वाला ट्राइयल:-
फ़्रान्स में एक HCQ पर होने वाले एक ट्राइयल के दौरान 81 nCOVID 19 पॉिज़िटव पेशंट को HCQके डोसके आधारपरदोभागोमेंबाँटागया:एकहाईडोसवालाग्रूपऔरदूसराlowडोस वाला ग्रूप। दोनो समूह को HCQ के साथ ceftriaxone और azithromycin भी दी गई।
इस उपचार के छठवे िदन हाई डोस ग्रूप के 7 रोगीयों की एवं low डोस ग्रूप में 4 रोगीयों की मृत्यु हो गई और इस कारण इस ट्राइयल को यही रोक िदया गया।
स्पिष्टकरण :-
जब मैंने इस ट्राइयल का गहन अध्ययन िकया तो पता चला िक इन मृत 11 रोिगयों में से 2 को ब्लड कै न्सर, 2 को HIV, 2 को ठोस ट्यूमर और दो अत्यिधक मोटे थे। इस प्रयोग में रोगीयों की मृत्यु का कारण भी स्पष्ट नहीं था।
और इन रोगीयों को िज़ं क भी नहीं िदया था।
2. कई बार सुनने में आया है िक HCQ या CQ हृदय रोग मरीज़ों के िलए नुक़सान दायक हो सकती ह।ै ”

जब में ने इसका गहराई से अध्ययन िकया तो पता की एसा शोधकरता दो आधार पर कहते ह:ै – 1, एक 80 वषीर्य वृद्धा जो िपछले 25 वषर् से rheumatoid arthritis के कारण HCQ ले रही थी, उसकी मृत्यु हृदयघात के कारण हुई थी। 2,एक45वषीर्यमिहलालम्बेसमयसेHCQलेरहीथीउसकीमृत्युभीहृदयघातके कारणहुई थी।
लेिकन HCQ तो गभर्वती मिहलों के िलए भी सुरिक्षत ह।ै मलेिरया के उपचार के दौरान अभी तक िकसी को HCQ के कारण हृदय रोग शायद ही देखने को िमला हो।
CQ या HCQ एंटीवाइरल, एंटी बकटेरीयल, एंटी पेरासाइट के साथ-साथ अन्य बीमारीयों जैसे rheumatoid arthritis,ओवरीयनकैन्सर,लूपसतथाइंफ़्लेमेशनसेहोनेवालीबीमािरयोंमेंभी बहुत उपयोगी ह।ै
िवटािमन D और nCOVID 19:-
इंडोनेिशया के एक िक्लिनकल ट्राइयल में nCOVID 19 और िवटािमन D की कमी के बीच एक महत्वपूणर् तथ्य सामने आया। इस ट्राइयल में nCOVID 19 पोिसिटव 780 रोगीयों को तीन समूह में िवभािजत िकया एक समूह िवटािमन D प्रचुर मात्रा में था, दूसरे समूह में िवटािमन D का स्तर मध्यम था और तीसरे समूह में िवटािमन D की कमी थी। प्रथम समूह में मृत्यु दर 4%, दूसरे समूह में 88% और तीसरे समूह में 99% थी। इससे साफ़ हो जाता है की nCOVID 19 के द्वारा होने वाली मृत्यु में िवटािमन D की कमी महत्वपूणर् कारक ह।ै
nCOVID 19 में होने वाली मृत्यु और िवटािमन D की कमी को समझने
के िलए हमें साइटोकायन स्ट्रॉम को समझना होगा
साइटोकायन स्ट्रॉम एक प्रकार की अत्यिधक इंफलेमेशन वाली अवस्था ह,ै
िजसमें बुखार, उच्च या िनम्न WBC स्तर, स्प्लीन में सूजन, िनम्न रक्त चाप
और पूरे शरीर में मुखत: फे फड़ों में अत्यिधक अिनयंित्रत सूजन, इं फ़्लेमेशन
हो जाती ह।ै फे फड़ों में इस प्रकार की इं फ़्लेमेशन हो जाने के कारण साँस लेने में कष्ट होने लगता है और अन्तत: रोगी की मृत्यु हो जाती ह।ै
साइटोकायन एक प्रकार का होमोर्न की तरह का रसायन ह,ै जो संक्रिमत कोिशकायों के द्वारा स्त्रािवत िकया जाता ह।ै संक्रिमत कोिशकाएँ अपने बचाव के िलए साइटोकायन रसायन स्त्रािवत करती है तािक रक्षा कोिशकाएँ उनकी मदद के िलए आ जाएँ । साइटोकायन स्त्रवण के फलस्वरूप, हमारे शरीर की रक्षा कोिशकाएँ जैसे मेक्रोफ़े ज,साइटोटािक्सक T सेल, नैचरल िकलर सेल, मास्ट सेल इत्यािद संक्रिमत कोिशकायों की मदद के िलए आ जाते ह।ै सायटोटॉिक्सन T सेल तथा नैचरल िकलर सेल, संक्रिमत कोिशकाओ ं को परफ़ोिरन(perforin) इं जेक्ट करते ह।ै परफ़ोिरन वाइरस को मारने के िलए एक घतक ज़हर होता ह।ै िवटािमन D की कमी के कारण परफ़ोिरन का प्रभाव कम हो जाता है और वाइरस नहीं मरते। एसी स्थाती में संक्रिमत कोिशका लगातार साइटोकायन स्त्रािवत

करती रहती है और रक्षा कोिशका लगातार वहाँ इंफ़्लेमेशन बढ़ाती रहती ह।ै इस अवस्था में हमारा शरीर इं फ़्लेमेशन के कभी ना ख़त्म होने वाले चक्र में फँ स जाता है और अंतत: रोगी की मृत्यु हो जाती ह।ै
िवटािमन D यिद सही मात्रा में शरीर में उपलब्ध हो तो परफ़ोिरन प्रभावी रूप से वाइरस पर असर करउनकोमारदेताहैऔरशरीरसाइटोकायनस्ट्रॉमके चंगुलमेंनहींफँसता।
कु छ रोिगयों में ब्लड क्लोिटं ग भी देखने में आइ ह।ै nCOVID 19 के रोिगयों को हृदय घात एवं स्ट्रॉक से बचाने के िलए एं टी- कोआगलेंट (anti -coagulant ) जैसे िहपेरीन, ऐिस्प्रन भी देनी चािहए।
nCOVID का प्रस्तािवत उपचार
उपरोक्त शोध, वैज्ञािनक प्रयोग एवं िक्लिनकल ट्राइयल के अनुसार, वयस्क रोगी के िलए
िनम्निलखत उपचात को प्रस्तािवत िकया जाता है :-
1. 2. 3. 4. 5. 6. 7.
Zinc 100 mg twice daily
Chloroquine 6mg/kg body weight twice daily Azithromycin 250mg twice daily
Vitamine D 60K IU every 3rd days
Vitamin E 30 mg
Vitamin A 20-50K U per day
Anti Coagulation medicament like Heparin, Aspirin
nCOVID 19 का वैज्ञािनक तत्थों पर आधािरत नेचुरोपेिथक तथा आयुवेर्िदक उपचार
जैसा िक उपरोक्त िववरण में बताया जा चुका है िक िज़ं क, क्लोरोकु इन एवं िवटािमन D के साथ- साथिवटािमनEऔरिवटािमनA,करोनाके िलएप्रभावीदवाइयाँह।ै केवलअिजथ्रोमयिसन (AZ) को छोड़ कर सभी िमनरल और िवटािमन प्रकृ ितक ह।ै मै क्लोरोकु इन को भी नैचरल हबर् मानताहुक्योंिकक्लोरोकुइन,क्वाइनायन(कुनैन)का क्लोिरनेटेडरूपह,ै जोिसनकोनावृक्षकी छाल का सत् ह।ै क्लोरोकु इन शरीर के आं तिरक वातावरण तथा कोिशकाओ ं को भीतर से क्षािरय (alkaline)बनताह।ै ऐल्कलायनवातावरणमेंकोरोनावाइरसजीिवतनहींरहपता।क्लोरोकुइन िज़ं क आइनोंफ़ोर भी है जो िज़ं क को कोिशकाओं के भीतर प्रवेश कराने में सहायता प्रदान करती ह।ै
िज़ं क(Zn) एक आवश्यक खाद्य खिनज(mineral) है जो हमारे भोजन में पाया जाता ह।ै ये हमारे शरीर की कोिशकायों के िवभाजन में तथा इम्यून िसस्टम को बूस्ट करने में महत्वपूणर् भूिमका िनभता

ह।ै िज़ं क के पास नॉवल करोना वाइरस को कोिशका के भीतर प्रितिलिप बनाने से रोकने की िवशेष क्षमता होती ह।ै यिद सरल भाषा में कहा जाए तो िज़ं क नॉवल करोना वाइरस को कोिशका के भीतर प्रजननसेकोरोकताह।ैइसप्रकारिज़ंकनॉवलकरोनावाइरसकेसंक्रमणकोसमाप्तकरताह।ै
लेिकन समस्या ये है के िज़ं क को शरीर की कोिशकाओं िवशेषत: फे फड़ों की कोिशकाओं तक कै से पहुचएँ तािक कोिशकाएँ िज़ं क को अवशोिषत कर सकें ?
एलोपेथी में के वल क्लोरोकु इन को इस के िलए उपयोग में लाया जा सकता है जबिक नेचुरोपेथी में इस के िलए िनम्बू और ऐपल साइडर िवनेगर का उपयोग िकया जा सकता ह।ै िनम्बूकारसतथाऐपलसाइडरिवनेगरिज़ंककोनकेवलिटशुतक लेजाताहैबिल्कउसे कोिशका के भीतर अवशोिषत होने में सहायता करता ह।ै
िनम्बू और ऐपल साइडर िवनेगर का एक और लाभ ये है की ये शरीर एवं कोिशकाओ ं को आं तिरक वातावरण को क्षािरय (ऐल्कलायन) बनता ह।ै ऐल्कलायन वातावरण में नॉवल करोना वाइरस जीिवत नहीं रह पाता ह।ै
एक ओर महत्वपूणर् प्रश्न ये है की क्या नेचुरोपेथी में कोई िज़ं क-आइनोफ़ोर की तरह व्यवहार कर सकता ह?ै
और इस का उत्तर है हाँ। कु एरसेिटन (quercetine) एक प्रकार की फलवोनोईड् स (flavonoids) है जो फल और सब्ज़ीयों में पाई जाती ह।ै ये लहसुन, प्याज़, अदरक में प्रचुर मात्रा में तथा हरी सब्ज़ीयोंमेंभीपायीजातीह।ैयेफलोंमेंजैसेऐपल,बैर,अंगूरतथासूखेमेवेकेअलावाचायपत्ती में भी पाई जाती ह।ै
कु एरसेिटन िज़ं क आइनोफ़ोर की तरह व्यवहार करता है ये िज़ं क को कोिशकाओं के प्रवेश करने में सहायता करता ह।ै
अत: िनम्बू, ऐपल साइडर िवनेगर, कु एरसेिटन एवं िज़ं क का कोमिबनेशन नॉवल कोरोना वाइरस के उपचार में बेहद लाभदायक िसद्ध होगा।
nCOVID 19 का संक्रमण मधुमेह के रोगीयों में अिधक घातक होता है क्योंिक उनमे िमनरल और िवटािमन का अवशोषण भली प्रकार से नहीं हो पता। िनम्बू और ऐपल साइडर िवनेगर ब्लड ग्लूकोस लेवल को कम कर िमनरल और िवटािमन के अवशोषण को बढ़ाता ह।ै
मूलेठी(Liquorice):- अत्यिधकप्रभाशालीएंटीवाइरसऔषिध:- मूलेठी प्रिसद्ध आयुवेर्िदक औषिध है लेिकन चीन भी इसे अपनी पारम्पिरक औषिध मानता है ।
िगसरिहिज़न(Gycyrrhizin ) मूलेठी का सत् ह।ै
चीन में हुए एक vitro प्रयोग में, J। Morgenstern, B Bauer, G

Chandra, P Rabenau तथा H Doerr ने िसद्ध िकया की िगसरिहिज़न(Gycyrrhizin ) कोरोना वाइरस के प्रितकृ ित बनाने की प्रिक्रया को बािधत करके कोिशकाओ को कोरोना वाइरस के संक्रमण से मुक्त करती ह।ै
इन शोधकरताओं ने मूलेठी को कोरोना संक्रमण के िलए एक प्रभावी औषिध बताया था।
उपरोक्त िववरण के आधार पर , में िनम्निलिखत नेचुरोपेिथक उपचार प्रतािवत करता हूँ
nCOVID 19 के िलए नचूरोपेिथक एवं आयुवेर्िदक उपचार
लेमन- प्रोटकॉल :- 200 ml पानी में {25 ml िनम्बू का रस + एक चम्मच(5 ml) ऐपल साइडर िवनेगर}
1. 2.
50 mg िज़ं क की गोली को लेमन प्रोटकॉल के साथ सुबह कड़ाह :- 1. मूलेठी की लकड़ी(लगभग एक इंच)
2. तुलसी की 15-20 पत्ती 3. पुदीने की 10-15 पत्ती 4. िनम्बू
5. गुड़
6. अदरक,
7. काला नमक 8. काली िमचीर्
ख़ाली पेट ले।
3. 4.
6. 5.
इन सभी को 200 ml पानी में 3-5 िमनट उबाल कर िदन में दो बार कड़ाह िपए। Quercetin 400mg {optional}
Vitamin A, E, D and B-comlex.
अंगूर के बीज का सत(OPC) as blood thinner, 400mg.
50 mg िज़ंक की गोली लेमन प्रोटकॉल के साथ रात में पुनः ले
नोट:- मूलेठी को लकड़ी के रूप ले
लेमन प्रोटकॉल के बाद कु ल्ला करे

कोरोना कवच
nCOVID19 के संक्रमण से बचने के िलए िज़ं क को लेमन-प्रोटोकॉल के साथ ले, िवटािमन D,E और A को ले, अंगूर का सत(OPC) ले, उपरोक्त बताए गए कड़ाहे को िपए।

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