राज्य

पंचायतों में सस्ती कीमत पर मास्क उपलब्ध करा रहीं जीविका दीदियां

-जिले के सभी प्रखंडों में खुलेंगे मास्क उत्पादन केंद्र

 

 

-अभी पांच प्रखंडों में खुल चुके हैं मास्क उत्पादन  केंद्र

 

-प्रतिदिन आठ हजार मास्क तैयार कर रहीं जीविका

 

भागलपुर, 2 जून:

 

कोरोना वायरस की रोकथाम और बचाव के लिए जीविका दीदियां न केवल जागरूकता अभियान चला रही हैं, बल्कि लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मास्क भी तैयार कर रही हैं। वह भी सस्ते दर पर। इस अभियान को तेज करने के लिए सभी प्रखंडों में मास्क उत्पादन केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है। अभी तक पांच प्रखंडों में यह केंद्र खुल चुके हैं। जहां पर प्रतिदिन 8000 से अधिक मास्क तैयार हो रहे हैं। यहां से बना मास्क आमलोगों को सिर्फ 20 रुपये में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

 

जीविका के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी चंदन कुमार ने कहा कि कोरोना से बचाव को लेकर अभियान को तेज करने के उद्देश्य से हर प्रखंडों में मास्क उत्पादन केंद्र खोलने का फैसला किया गया है। अभी 144 जीविका दीदियां पांच प्रखंडों में प्रतिदिन आठ हजार मास्क बना रही हैं। जल्द ही जिले के सभी प्रखंडों में यह केंद्र खुल जाएंगे।

 

हर सेंटर पर प्रतिदिन दो हजार मास्क बनाने का है लक्ष्य: जिले के सभी प्रखंडों के मास्क उत्पादन केंद्र से प्रतिदिन 2000 मास्क तैयार करने का लक्ष्य है। इस तरह से जिले में 16 प्रखंड हैं। जब सभी प्रखंडों में यह केंद्र शुरू हो जाएगा तो प्रतिदिन 32 हजार मास्क जीविका दीदियां बनाएंगी।

 

500 जीविका दीदियों को जोड़ने का लक्ष्य: जिला कार्यक्रम पदाधिकारी चंदन कुमार ने बताया कि इस अभियान से जिले की 500 जीविका दीदियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। मास्क के उत्पादन पर लगभग 14 रुपये का खर्च आएगा। 20 रुपये में बेचने से छह रुपये की बचत होगी, जिसे जीविका दीदियों में बांट दिया जाएगा। इस तरह से लोगों को सस्ती कीमत पर मास्क भी उपलब्ध हो जाएगा और जीविका दीदियों को रोजगार भी मिल जाएगा।

 

ग्राम पंचायतों में होगा मास्क का वितरण: जिले में 30 लाख मास्क का वितरण ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाना है। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने यह निर्देश दिया है कि प्रत्येक परिवार को चार मास्क और 20 रुपये का साबुन दिया जाए। इन सामग्री को खरीदने के लिए जिले के पास राशि उपलब्ध है। ग्राम पंचायतें मास्क की खरीद सबसे पहले जीविका और खादी भंडारों से करेंगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर को बढ़ावा मिल सके।

 

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