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परिवार नियोजन के लिए प्रवासी कामगारों को किया जा रहा जागरूक

आशा के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है अस्थायी साधन  साधन 

 

 

लखीसराय, 29 मई: कोरोना संकटकाल में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियोजन की जरूरत को ध्यान में रखते हुए प्रवासी कामगारों के बीच अस्थायी साधनों का वितरण किया जा रहा है. प्रवासी कामगारों के अपने गृहजिला लौटने के बाद 14 दिनों तक क्वारेंटीन में रखा गया है. इसके बाद उन्हें घर भेज दिया जा रहा है. घर भेजे जाने के बाद प्रवासी कामगारों के परिवारों के साथ आशा व आंगनबाड़ी सेविकाएं बैठक कर परिवार नियोजन की जरूरत पर चर्चा कर रही है. इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग को केयर इंडिया की तकनीकी मदद मिल रही है.

 

 

केयर इंडिया के टीम लीडर नावेदुर्ररहमान ने बताया जिला में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों का लौटना जारी है. उनके अपने गृह जिला आने के बाद 14 दिनों के लिए क्वारेंटीन सेंटर में रखा जा रहा है. इसके बाद उन्हें घर भेज दिया जा रहा है. इस दौरान प्रवासी कामगारों सहित उनकी परिवार को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक करने की जरूरत को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में यह अभियान चलाया गया है. यह वह समय है जब प्रवासी कामगार अपने परिवार के साथ अधिक समय बिता रहे होंगे. आशा व आंगनबाड़ी सेविकाएं चिन्हित प्रवासी कामगारों के घरों पर जाकर दंपति को परिवार नियोजन की आर्थिक व सामाजिक प्रभाव पर चर्चा कर रही हैं. साथ ही उन्हें अस्थायी परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

 

चार प्रकार के अस्थायी साधन है मौजूद:

उन्होंने बताया कि प्रवासी कामगारों को उनकी पत्नी की मौजूदगी में इन बातों की जानकारी देने के साथ उन्हें कंडोम, माला एन, छाया, ईजी पिल्स, जैसे अस्थायी साधन मुहैया कराये जा रहे हैं.

इस दौरान ऐसी दंपति को लक्षित किया गया है जिनके संतान नहीं हैं या एक संतान हैं. उन दंपति को जिनकी संतान नहीं हैं उन्हें इस बात की जानकारी दी गयी है कि वे कितने अवधि के बाद संतान चाहते हैं. और जब तक वे संतान नहीं चाहते हैं वे अस्थायी साधन का इस्तेमाल कर सकते हैं. वैसे दंपति जिन्हें एक बच्चा है उनके लिए दूसरी संतान के लिए तीन साल का अंतर रखना जरूरी है. इस दौरान वे अस्थायी परिवार नियोजन के साधन का इस्तेमाल करना बेहतर है

 

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