स्वास्थ्य

बायोमेडिकल कचरा के लिए मतदान केंद्रों पर रखी जायेगी पीली डस्टबीन

राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा बायोमेडिकल कचरा निस्तारण संंबंधी निर्देश जारी

बायोमेडिकल कचरा ढ़ोने वाले कर्मियों को पीपीई किट पहनना होगा अनिवार्य

मुंगेर, 12 अक्टूबर: कोविड 19 के दौरान सुरक्षित चुनाव कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी गंभीरता से काम कर रहा है. मतदानकर्मियों व मतदाताओं को मास्क लगाने, साबुन से हाथ धोने व शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए चुनाव में हिस्सा लेने के प्रति जागरूकता लाने का काम स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया है. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मतदान केंद्रों पर संक्रमण से बचाव के मद्देनजर सैनिटाइजर व मास्क की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी जायेगी. वहीं मतदान केंद्रों पर जमा होने वाले मेडिकल कचरों के सुरक्षित निस्तारण का भी ध्यान रखा जायेगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मतदान केंद्रों पर डस्टबीन, बायोमेडिकल कचरे के निस्तारण करने वाले कर्मियों की नियुक्ति, कचरा ढ़ोने वाले वाहन व अन्य प्रबंधन को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. इस दिशा में राज्य स्वास्थ्य समिति के बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट कोषांग के सहायक निदेशक पीयूष कुमार चंदन ने पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है.

मतदान केंद्रों पर रखी जायेगी पीले रंग की डस्टबीन:
निर्देश के मुताबिक सभी मतदान केंद्रों पर 100 लीटर क्षमता वाले पीले रंग की तीन डस्टबीन रखी जायेगी. इनमें अलग अलग इस्तेमाल दस्ताने व मास्क तथा पीपीई किट डाला जाना है. डस्टबीन पर बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमावली 2016 में दिये गये बायो हैजार्ड का चिन्ह बना हुआ होना है. साथ ही बायोमेडिकल कचरा को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक ढ़ोने के लिए पर्याप्त संख्या में वाहन मौजूद होंगे.

कचरा निस्तारण के दौरान पीपीई किट पहनना अनिवार्य:
बायोमेडिकल कचरा ढ़ोने व निस्तारण के लिए वाहनों के चालक के साथ उसका एक सहयोगी मौजूद होगा. दोनों डस्टबीन को लोड व अनलोड करने के लिए प्रशिक्षित होंगे. उनके मोबाइल पर एलीट्रेसेस ऐप डाउनलोड रहेगा ताकि वाहनों के लोकेशन पर निगरानी रखी जा सके. कचड़ा निस्तारण में लगे कर्मियों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य रहेगा. ये कर्मी चुनाव खत्म होने के बाद ही मतदान केंद्र पहुंच कर डस्टबीन इक्ट्ठा करेंगे.

लोकेशन ट्रैकिंग के लिए पीएचसी पर कंट्रोल रूम:
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैयार कंट्रोल रूम की मदद से कचरा निस्तारण करने वाले वाहनों के लोकेशन को लगातार ट्रैक किया जाता रहेगा. मतदान केंद्र से कचरा लाने के बाद बायो मेडिकल कचरा निस्तारण करने वाले कर्मी इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देंगे जिसके बाद जिला कंट्रोल रूम तथा रिटर्निंग आॅफिसर को इस बाबत अपडेट कराया जायेगा. सभी बायोवेस्ट का निस्तारण प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों की देखरेख में होना है. बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण कार्य में लापरवाही या अनदेखी के लिए जिला कोविड नोडल पदाधिकारी तथा विधानसभा क्षेत्र में नियुक्त किये गये कोविड नोडल पदाधिकारी जिम्मेदार होंगे.

बायोमेडिकल वेस्ट प्रोटोकॉल के अनुसार करना है निस्तारण:
निर्वाचन प्रक्रिया के बाद मतगणना केंद्रों पर भी बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन व निस्तारण के लिए डस्टबीन रखने और बायोमेडिकल कचरों को ढ़ोने के लिए वाहन व कर्मी लगाये जायेंगे. पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि इन कचरों को ऐसी किसी जगह पर निस्तारित नहीं किया जाये जिससे लोक स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो. बायो मेडिकल वेस्ट प्रोटोकॉल के अनुसार ही कचरों को निस्तारित किया जाना है.

बायोमेडिकल वेस्ट बढ़ा सकता है संक्रमण की चुनौतियां:
बायोमेडिकल कचड़ों के सही निस्तारण नहीं होने पर कोरोना संक्रमण को जोखिम बढ़ सकता है. इस्तेमाल किये गये मास्क, दस्ताने व पीपीई किट जैसे अपशिष्टों का सही निस्तारण आवश्यक है. मतदान करने कई लोग आयेंगे. इनमें वैसे लोग भी हो सकते हैं जिनमें संक्रमण का कोई सीधा लक्षण नहीं दिख रहा हो लेकिन वे कोरोना संक्रमित हो. उनके इस्तेमाल किये गये मास्क या दस्ताने जैसे अपशिष्टों से संक्रमण फैलने का जोखिम हो सकता है.

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