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राष्ट्रकवि “दिनकर” को भारत रत्न दिया जाए – डॉ विपिन कुमार

राष्ट्रकवि दिनकर की रचनाओं के लिए बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी, एसवी कॉलेज, वीकेएसयू आरा में राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन

राष्ट्रकवि दिनकर की रचनाओं के लिए बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी, एसवी कॉलेज, वीकेएसयू आरा में राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन

विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ विपिन कुमार ने कहा कि बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्तितव को आज याद किया जा रहा है, जो समाजवाद और राष्ट्रवाद को मानते थे, ऐसे राष्ट्रकवि दिनकर की याद में आज मैं यहां दिल्ली से आया हूँ। रामधारी सिंह दिनकर जी ने अपनी रचना में हर वर्ग का प्रतिनिधित्व किया है। उनकी रचना ने हर वर्ग को छुआ है। उनसे पूरा विश्व प्रभावित है। आये दिन प्रधानमंत्री, गृह मंत्री समेत अन्य उनकी रचनाओं को पढ़ते है। दिनकर जी आज भी प्रासंगिक है। भारत के नवनिर्माण में उनका बड़ा योगदान है, उनकी रचना से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। राष्ट्रकवि दिनकर की रचनाओं से प्रेरणा लेकर राष्ट्र को विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदी परिषद यह घोषणा करती है कि दिनकर जी की रचनाओं को एक कर जगह लाने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जायेगी। मंच से राष्ट्रकवि को भारत रत्न देने की मांग उन्होंने की।

एसवी कॉलेज का 54 वां स्थापना दिवस स्वर्ण जयंती समारोह के रूप में मनाया गया। साथ ही राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 116 वीं जयंती को लेकर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ कुलपति प्रो. डॉ. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी, प्राचार्या एसबी कॉलेज ड़ॉ. पूनम कुमारी, कुलसचिव डॉ. रणविजय कुमार, राष्ट्रकवि दिनकर के पौत्र डॉ. अरविंद कुमार, समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात प्राचार्या डॉ. पूनम कुमारी ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य डॉ राम बहादुर शर्मा, संचालन डॉ सुदीप्ता शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ पंकज कुमार ने किया। कार्यक्रम को आगे बढाते हुए डॉ. रविंद्र नाथ राय ने कॉलेज के नींव से लेकर अभी तक का संक्षिप्त इतिहास प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए रांची विश्वविद्यालय हिंदी के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ जंग बहादुर पांडे ने कहा कि कॉलेज अपना स्वर्ण जयंती समारोह मना रहा है यह गौरव का संदर्भ है। कहा कि किसान आंदोलन के प्रणेता थे स्वामी सहजानंद जिनके नाम पर यह कॉलेज स्थापित है।

डॉ. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी कुलपति वीकेएसयू ने कहा कि 1970 में एसबी कॉलेज की स्थापना शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए हुई। 1980 में यह कॉलेज अंगीभूत हुआ। विगत 30 वर्षों में यह कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में नया-नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। मैं इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या डॉ. पूनम कुमारी को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर की प्रासंगिकता सदैव बनी रहेगी। कुलपति ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विवि के सत्र को नियमित कर दिया गया। आगे कहा कि शिक्षकों को अपनी भूमिका को पहनचाना होगा। यूजी और पीजी में अब फाइनल वर्ष की परीक्षा से पूर्व प्रोत्रत विद्यार्थियों के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने के बाद ही फाइनल परीक्षा ली जायेगी राष्ट्रकवि दिनकर जी के पौत्र डॉ अरविंद कुमार सिंह ने उनकी कई कविताओं को सुनाया, कविता के माध्यम से उन्होंने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कॉलेज की पत्रिका सहज और डॉ. पूनम कुमारी की पुस्तक लोक – कथाएं का विमोचन किया गया। – एसबी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ राम बहादुर राय ने कहा की इस कॉलेज की स्थापना में भोजपुर के सभी वर्गों का सहयोग रहा है। यह कॉलेज किसी एक का नही सबका है। कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो रविंद्र नाथ राय, डॉ शैलेंद्र कुमार चौधरी, डॉ. सुनील कुमार, कुलसचिव डॉ रणविजय ने कुमार, प्राचार्य डॉ नवीन कुमार आदि ने भी अपनी अपनी बातें रखी।

ये रहे मौजूदः मौके पर प्रो. मृत्युंजय कुमार सिंह, डॉ. दिवाकर पांडेय, डॉ. विश्वनाथ चौधरी, सीसीसीडी प्रो. पीके सिन्हा, कॉलेज इंस्पेक्टर प्रो. शंभू शरण शर्मा, डॉ. अनुज रजक, डॉ. शिव प्रकाश राय सहित अन्य अधिकारी और कॉलेज की प्रो. कनकलता कुमारी, डॉ. भावप्रिता, डॉ. स्मिता ठाकुर, डॉ. अभिनव, डॉ. सद्दाम हुसैन, डॉ. अरविंद, डॉ. नीतू, डॉ. अर्चना, डॉ. उमेश कुमार राय, बिंकटेश्वर चौधरी, डॉ. विनय कुमार, डॉ. आदित्य, डॉ. अशोक कुमार तिवारी, सुमिर, रमेश, कृष्ण भास्कर समेत अन्य मौजूद थे।

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