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स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व हुई जाँच 

– प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान • शिविर का आयोजन कर की गई जाँच, दी गई जरूरी चिकित्सा सलाह 
– सामान्य और सुरक्षित प्रसव को लेकर दी गई आवश्यक जानकारियाँ 

खगड़िया, 10 अगस्त-

बुधवार को जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल एवं अनुमंडलीय व जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की  प्रसव पूर्व (एएनसी) जाँच की गई। यह जाँच स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर आयोजित कर की गई। जिसमें बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं ने अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के सहयोग से अपने-अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए एएनसी जाँच करवाई। इस दौरान जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों  में गर्भवती की जाँच की गई और जाँच के पश्चात चिकित्सकों द्वारा आवश्यकतानुसार चिकित्सा परामर्श दिया गया। जिसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियाँ,  समेत अन्य चिकित्सा परामर्श विस्तार पूर्वक दिया गया। इधर, सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवनंदन पासवान, डीपीएम (हेल्थ) पवन कुमार, खगड़िया सदर पीएचसी प्रभारी डॉ कृष्णकांत कुमार, परबत्ता सीएचसी प्रभारी डाॅ राजीव रंजन, पिरामल फाउंडेशन के डीपीएल प्रफूल्ल झा समेत केयर इंडिया, डब्ल्यूएचओ सहित अन्य सहयोगी स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि विभिन्न शिविर स्थलों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश देते दिखे। 

– गर्भवती महिलाओं की हुई समुचित जाँच : 
सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने बताया, आयोजित शिविर में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं शामिल हुईं और सुरक्षित व सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जाँच करवाई। शिविर में जाँच कर रही  मेडिकल टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बिट आदि की भी जाँच की गई। एएनसी जांच के लिए शिविर में मौजूद महिलाओं को प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सकों से जाँच कराने की सलाह दी गई। 

– सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जाँच जरूरी :
परबत्ता सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ राजीव रंजन ने बताया, प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत जाँच करानी चाहिए। दरअसल, समय पर जाँच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाता है और शुरु आती दौर में पता लगने पर ही उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएचसी स्तर पर एएनसी जाँच की व्यवस्था की गई है। ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिल सके। इसलिए, सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जाँच कराना जरूरी है। 

– शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की है बेहतर व्यवस्था : 
खगड़िया सदर पीएचसी प्रभारी डॉ कृष्णकांत कुमार ने बताया, सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है। सरकार की यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर भी विराम लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानी  का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

– संस्थागत प्रसव को लेकर किया गया जागरूक : 
पिरामल स्वास्थ्य के डीपीएल प्रफूल्ल झा ने बताया, एएनसी जाँच के दौरान महिलाओं को संस्थागत प्रसव को लेकर जागरूक किया गया। जिसके दौरान सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी गई। ताकि महिलाओं में सुरक्षा के दृष्टिकोण से संस्थागत प्रसव को लेकर किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं रहे और सभी महिलाएं संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दें।

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