स्वास्थ्य

राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का करा रही इलाज

 
-मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से दी जा रही आर्थिक सहायता 
-न्यूनतम 20 हजार और अधिकतम 5 लाख रुपये देने का प्रावधान 
-दूसरे प्रदेशों में भी इलाज कराने पर मिलता है सरकारी अनुदान 

बांका-

राज्य सरकार गंभीर रोगों से पीड़ित गरीब मरीजों को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के माध्यम से इलाज करा रही है। इस कोष से 14 असाध्य बीमारियों के इलाज में सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। प्रदेश के अलावा प्रदेश के बाहर इलाज कराने पर भी कोष से सहायत दी जाती है। गरीब मरीजों को इलाज कराने के लिए 20 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। 2021 में बांका के भी दो लोगों को इस योजना का लाभ मिला है। 
सालाना 2.5 लाख से कम आय वाले रोगियों को मिलता है योजना का लाभ: स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी की अनुशंसा पर सूची में शामिल 14 बीमारियों के अलावा भी अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के लिये सरकार की तरफ से एक लाख रुपये की सहायता देने का प्रावधान है। सालाना 2.5 लाख से कम आय वाले तथा प्रदेश के सरकारी और सीजीएचएस से मान्यता  प्राप्त अस्पताल में इलाज कराने वाले रोगी को ही सहायता दी जाती है। इन अस्पताल से इलाज के दूसरे प्रदेश में रेफर करने वाले रोगी को भी सहायता दी जाती है। 
जटिल रोगों के उपचार में हो रही सहायता: ह्रदय रोग, कैंसर, कुल्हा रिप्लेसमेंट, घुटना रिप्लेसमेंट, नस रोग, एसिड अटैक से जख्मी, बोन मेरौ ट्रांसप्लान्ट, एड्स, हेपेटाइटिस, कोकिलेर इम्प्लांट, ट्रांस जेंडर सर्जरी नेत्र रोग समेत चौदह तरह की बीमारियों के इलाज के लिए सरकारी सहायता दी जाती है । वित्तीय वर्ष 2020-21 में आर्थिक सहायता के लिए 13155 आवेदन आये, जिसमें से 11180 आवेदन स्वीकृत किये गए। इसके लिए सरकार की तरफ से 93 करोड़ 63 लाख 2500 रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। पिछले वित्तीय वर्ष में अप्रैल से लेकर सितम्बर तक 8583 आवेदन आये, जिसमें से स्वीकृत 7342 मरीजों के इलाज मद में 65 करोड़ 30 लाख 38 हजार रुपये की मंजूरी प्रदान की गई।
बांका के भी दो लोगों को मिला है फायदाः पिछले साल इस योजना का लाभ बांका जिले के भी दो लोगों को मिला है। धोरैया प्रखंड के एक गांव का एक व्यक्ति कैंसर से पीड़ित हैं। उन्हें 20 हजार रुपये मुख्यमंत्री चिकित्सा रहात कोष से मिला है। इसी तरह शंभूगंज प्रखंड के भी एक गांव का एक व्यक्ति कैंसर से पीड़ित हैं। उन्हें भी पिछले साल 20 हजार रुपये की सहायता इलाज के लिए मिला है। सिविल सर्जन डॉ. रविद्र नारायण ने बताया कि जिले के लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी सरकारी सहायता मिलती है, उसे हमलोग दिलाने का बेहतर प्रयास करते हैं। अधिकतर बीमारियों का इलाज बांका में ही हो जाता है, जिन बीमारियों का इलाज यहां पर नहीं होता है, उसके लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष से राशि दिलाने का हमलोग प्रयास करते हैं। उसके लिए जो भी प्रक्रिया होती है, उसे पूरा कर आवेदन भेज देते हैं।

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