स्वास्थ्य

जिला के सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र धरहरा प्रखंड के बंगलवा सहित कई गांवों में स्वास्थ्य विभाग और डेवलपमेंट पार्टनर की टीम ने एमडीए राउंड का लिया जायजा 

 – स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था पीसीआई कि स्टेट टीम ने सीएचसी धरहरा कि टीम के साथ महादलित टोला में जाकर लोगों को फाइलेरिया कि दवा खाने के लिए किया जागरूक 

 – धरहरा प्रखंड के दशरथपुर में स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि सुधीर कुमार साव ने लोगों के सामने खुद दवा का सेवन कर लोगों को दवा खाने के लिए किया प्रेरित 

 मुंगेर-

 जिले के सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र धरहरा प्रखंड के बंगलवा सहित कई गांवों में स्वास्थ्य विभाग और डेवलपमेंट पार्टनर कि टीम ने एमडीए राउंड का जायजा लिया। इस आशय कि जानकारी डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था पीसीआई कि स्टेट और डिस्ट्रिक्ट टीम और सीफार के जिला प्रतिनिधि के सहयोग से सीएचसी धरहरा कि टीम ने एपीएचसी बंगलवा पर कैंप लगाकर कर जीविका से जुड़ी जीविका दीदी सहित कई लोगों को फाइलेरिया कि दवा खाने के लिए जागरूक करते हुए दवा का सेवन करवाया। इसके अलावा टीम के द्वारा धरहरा प्रखंड के दशरथपुर स्थित कई महादलित टोला का भ्रमण कर लोगों को फाइलेरिया की दवा सेवन का महत्व बतलाते हुए उन्हें दवा सेवन करने के जागरूक किया गया। यहां स्थानीय जनप्रतिनिधि और विकास मित्र के द्वारा खुद लोगों को फाइलेरिया कि दवा सेवन कर लोगों को दवा सेवन करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके परिणाम स्वरूप कई लोग जो पहले दवा सेवन करने से इंकार कर रहे थे वो सभी लोगों ने न सिर्फ खुद फाइलेरिया कि दवा का सेवन किया बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी दवा सेवन करने के लिए जागरूक करने का संकल्प लिया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और डेवलपमेंट पार्टनर कि पूरी टीम लगातार जिला के विभिन्न प्रखंडों का भ्रमण कर न सिर्फ एमडीए राउंड का जायजा ले रही है बल्कि दवा खाने से इंकार करने वाले लोगों को भी जागरूक करते हुए दवा खाने के लिए प्रेरित कर रही है। धरहरा के विभिन्न गांवों में एमडीए राउंड का जायजा लेने वाली टीम में पीसीआई के असिस्टेंट स्टेट प्रोग्राम मैनेजर अमरेश कुमार, डीएमसी मंजीत कुमार, सीएमसी सुनील कुमार, जीविका के डिस्ट्रिक्ट हेल्थ एंड न्यूट्रीशन मैनेजर रंजीत कुमार सिन्हा, सीएचसी धरहरा के डॉक्टर रौनक, बीएचएम राजेश कुमार, बीसीएम, स्थानीय जनप्रतिनिधि सुधीर कुमार साव, विकास मित्र विनय मांझी, सीफार के जिला प्रतिनिधि जय प्रकाश कुमार सहित एएनएम और आशा कार्यकर्ता उपस्थित थे।  धरहरा प्रखंड के दशरथपुर स्थित पंचरुखी मुशहरी और सुंदरडीह मुशहरी में स्थानीय लोगों को जागरूक करते हुए पीसीआई के असिस्टेंट स्टेट प्रोग्राम मैनेजर अमरेश कुमार ने बताया कि आप लोग विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए अपने बच्चों को यह जानते हुए टीका लगवाते हैं कि टीका लगवाने के बाद बच्चे को बुखार लगता है। फिर भी बच्चे को टीका लगवाते हैं। कुछ ऐसा ही फाइलेरिया जैसी लोगों को स्थाई रूप से दिव्यांग बनाने वाली बीमारी से बचाव के लिए दी जाने वाली फाइलेरिया कि दवा खाने के बाद कुछ लोगों को जिनके शरीर में पहले से फाइलेरिया का परजीवी मौजूद होता है सिर्फ उन्हीं लोगों को दवा सेवन के बाद प्रतिक्रिया स्वरूप उल्टी, सिर दर्द, पेट दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं जो कुछ समय के बाद खुद ब खुद ठीक हो जाता है। जिस किसी व्यक्ति के शरीर में दवा सेवन के बाद इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं उससे घबराने कि आवश्यकता नहीं बल्कि यह एक शुभ संकेत है कि उस व्यक्ति के शरीर में पहले से माइक्रो फाइलेरिया मौजूद था जो दवा खाने के बाद खतम हो गया है। बावजूद इसके यदि किसी को कोई परेशानी हो तो वो सबसे पहले दवा खिलाने वाली आशा को इसकी जानकारी दें ताकि आशा अपने पीएचसी स्तर पर कार्यरत रैपिड रिस्पांस टीम को इसकी जानकारी देकर तत्काल इलाज कि सुविधा उपलब्ध करा सके।  आम लोगों के सामने खुद फाइलेरिया की दवा का सेवन करते हुए इटवा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुधीर कुमार साव ने स्थानीय लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि देखिए हम आपके सामने फाइलेरिया कि दवा खा रहे हैं। फाइलेरिया की दवा खाने से कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। साल में कम से कम एक बार एमडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया की दवा खाने के बाद हम सभी लोग जीवन भर के लिए फाइलेरिया कि वजह से दिव्यांग होने से बच सकते हैं। ऐसा नहीं करने पर हो सकता है कि आज फाइलेरिया कि दवा नहीं खाने पर आप हाथीपांव कि वजह से एक दिव्यांग कि जिंदगी जीने को विवश हो जाए।

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