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होम आइसोलेशन में घबराने की जरूरत नहीं, रहें सतर्क

14 दिन के बाद पूरी तरह से हो जाएंगे स्वस्थ

घर के लोगों से संपर्क में आने की कोशिश से बचें
भागलपुर
कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अस्पतालों में बेड भरते जा रहे हैं। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेशन में इलाज की व्यवस्था किया है। होम आइसोलेशन में भेजते वक्त एक कीट मरीज को उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें दवा और मास्क के साथ जरूरी सामान उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में अगर आपका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है तो घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज 14 दिन तक होम आइसोलेशन में रहकर बिल्कुल ठीक हो सकते हैं। हां, होम आइसोलेशन के दौरान डॉक्टर के निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
नारायणपुर पीएचसी के प्रभारी डॉ. बिजयेंद्र कुमार विद्यार्थी कहते हैं होम आइसोलेशन के दौरान घर में कोरोना मरीज के लिए अलग हवादार कमरा और टॉयलेट होना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं हैं, तो आप इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें, ताकि अस्पताल में कोविड केयर सेंटर में आपके लिए व्यवस्था की जा सके। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की देखभाल के लिए एक व्यक्ति का होना बेहद जरूरी है। अगर परिवार का कोई सदस्य या बुजुर्ग जिनकी उम्र 55 साल से ज्यादा है या घर में कोई गर्भवती महिला या फिर गंभीर बीमारी से जूझ रहा कोई मरीज है, तो कोरोना मरीज के ठीक होने तक उनको किसी रिश्तेदार के घर ठहराने की व्यवस्था करें।
हमेशा मास्क का इश्तेमाल करें
होम आइसोलेशन में रहने के दौरान हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें और 8 घंटे उपयोग के बाद उसे फेंक दें। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाता है, तो उसको तुरंत बदल दें। ऐसा करने से आप तो सुरक्षित रहेगे ही। घर के अन्य सदस्य भी सुरक्षित रहेंगे। इसलिए घर पर रहते वक्त मास्क का इश्तेमाल हर हाल में करें।
एक ही कमरे में रहें
होम आइसोलेशन के दौरान अपने कमरे में ही रहें और घर के दूसरे कमरों में न जाएं। साथ ही दरवाजे, टेबल जैसी चीजों को छूने से बचें, जिससे घर के अन्य सदस्यों के कोरोना की चपेट में आने का खतरा न रहे। कोरोना मरीज अपने कमरे की खिड़कियां हमेशा खुली
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