स्वास्थ्य

लेबर रूम में तैनात जीएनएम एवं एएनएम के लिए वरदान साबित हो रहा है अमानत का प्रशिक्षण

– जटिल स्थिति में भी सामान्य तरीके से करा रही हैं बेहतर प्रसव, गर्भवती को मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सेवा
– सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रति लोगों में बढ़ने लगा है विश्वास, संस्थागत प्रसव को देने लगे हैं प्राथमिकता

बेगूसराय, 02 मार्च-

बेहतर प्रसव को सुनिश्चित करने एवं संस्थागत प्रसव को गति देने के लिए एएनएम एवं जीएनएम को दिया जाने वाला ज्योति अमानत का प्रशिक्षण जिले के एएनएम एवं जीएनएम के लिए वरदान साबित हो रहा है| प्रशिक्षण प्राप्त कर एएनएम एवं जीएनएम जटिल स्थिति में भी सामान्य तरीके से बेहतर प्रसव करा रही हैं। जिससे गर्भवती को तो प्रसव के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने ही लगी वहीं संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिल रहा है। दरअसल, जब लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने लगी तो लोग संस्थागत प्रसव को ही प्राथमिकता देने लगे हैं। जिसके कारण पूर्व की भाँति अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव कराने आने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उमड़ रही भीड़ इस बात का प्रमाण है कि यहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं में सकारात्मक बदलाव हुए हैं ।
– अमानत प्रशिक्षण का दिख रहा है सकारात्मक प्रभाव :-
स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम शैलेश चंद्र ने बताया कि अमानत प्रशिक्षण का जिले के विभिन्न अस्पतालों में सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि प्रशिक्षण प्राप्त एएनएम एवं जीएनएम अब किसी भी समस्या से घबराती नहीं हैं। बल्कि, प्रशिक्षण के दौरान सीखे हुनर का सहारा लेकर बखूबी समाधान करने लगी हैं। जिसके कारण लोगों को तो बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल ही रही है। इसके अलावा संस्थागत प्रसव को भी काफी बढ़ावा मिल रहा है। लोग अब संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दे रहे हैं। जो कि सामुदायिक स्तर पर लोगों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रति हुए सकारात्मक बदलाव का बड़ा संकेत है।

– बेहतर प्रसव कराने की जानकारी के लिए अमानत का प्रशिक्षण जरूरी :-
जिले के मंसुरचक पीएचसी में लेबर रूम की जिम्मेदारी संभाल रहीं एएनएम चैताली कुमारी गुप्ता ने बताया कि बेहतर प्रसव कराने की जानकारी के लिए हर एएनएम एवं जीएनएम के लिए अमानत का प्रशिक्षण जरूरी है। कुमारी गुप्ता ने अपने पिछले अनुभव को याद करते हुए बताया कि जब अमानत का प्रशिक्षण उन्हें नहीं मिला था तो प्रसव करवाने को लेकर हमेशा कठिनाई का सामना करना पड़ता था । पीएचसी में तैनात चिकित्सक के बिना प्रसव कार्य असंभव सा लगता था। पर अमानत प्रशिक्षण के बाद मुझे किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है । प्रशिक्षण के दौरान मुझे बहुत कुछ नया सीखने का भी मौका मिला और आज मैं उसी प्रशिक्षण के बल पर जटिल से भी जटिल स्थिति में बेहतर प्रसव कराने के लिए खुद को सक्षम महसूस कर रही हूँ।

– अमानत प्रशिक्षण के बदौलत आज बेहतर प्रसव कराने में खुद को सक्षम महसूस करती हूँ :-
वहीं, बलिया पीएचसी में तैनात जीएनएम रूपम ने बताया कि मेरी डयूटी पीएचसी के लेबर रूम में है। मैं अमानत प्रशिक्षण कर चुकी हूँ । पीएचसी में तरह-तरह की शारीरिक समस्या से पीड़ित गर्भवती प्रसव के लिए आती हैं। जिसका प्रसव कराने के दौरान अमानत प्रशिक्षण में सीखे गये हुनर का काफी सहयोग मिलता है और उसी के बदौलत मैं जटिल स्थिति में भी बेहतर तरीके से प्रसव कराने में खुद को सक्षम महसूस करती हूँ। इसलिए, मैं दावे के साथ कहती हूँ कि बेहतर तरीके से सामान्य प्रसव कराने के लिए अमानत प्रशिक्षण करना जरूरी है।

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