स्वास्थ्य

नवजात शिशु और मातृ मृत्यु दर की जटिलताओं से अवगत हुई एएनएम

सदर अस्पताल में चार दिवसीय अमानत प्रशिक्षण का आगाज

प्रशिक्षण लेने वाली एएनएम अपने- अपने क्षेत्र में इस पर करेंगी अमल

बांका, 6 जनवरी

नवजात शिशु और मातृ मृत्यु दर की जटिलताओं को लेकर चार दिवसीय अमानत प्रशिक्षण का बुधवार को सदर अस्पताल में आगाज हुआ. इस दौरान लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर में काम करने वाली एएनएम को केयर इंडिया के मेंटर ने सुरक्षित प्रसव के तरीके बताए. एएनएम को बताया गया कि सामान्य प्रसव से स्वस्थ बच्चे का कैसे जन्म होता है. साथ ही यह भी बताया गया कि प्रसव के बाद चिंतित मां की सम्मानपूर्वक तरीके से देखभाल कैसे की जाती है.
केयर इंडिया के डीटीएल डॉक्टर संजय महापात्रा ने बताया प्रशिक्षण के पहले दिन एएनएम को यह बताया गया कि नवजात शिशु की पुनर्जीवन की प्रक्रिया जन्म के 15 मिनट बाद कैसे की जाती है. प्रशिक्षण के दौरान आगे इसे डमी के जरिए करके दिखाया जाएगा, ताकि प्रशिक्षण लेने वाली एएनएम अपने-अपने क्षेत्र में इस पर ठीक तरीके से अमल कर सकें. यहां प्रशिक्षण लेने वाली एएनएम अपने-अपने अस्पताल में जाकर मेंटर का काम करेंगी.

आज प्रायोगिक तौर पर होगा प्रशिक्षण: एएनएम को प्रशिक्षण दे रही केयर इंडिया की मेंटर जुलेखा नाज़नीन और रूबेदा नाज़नीन ने बताया मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से अमानत प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है. आज एएनएम को सुरक्षित प्रसव को लेकर सैद्धांतिक बात बताई गई. आगे इनलोगों को प्रायोगिक तौर पर करके दिखाएंगे. साथ ही प्रशिक्षण के दौरान नवजात शिशु की पुनर्जीवन प्रक्रिया जन्म के 15 मिनट बाद कैसे की जाती है, इसकी भी जानकारी दी.

प्रशिक्षण में कई नई बातों की जानकारी मिली: वहीं ट्रेनिंग ले रही एएनएम रिंकू कुमारी और मनीषा कुमारी ने बताया प्रशिक्षण का पहला दिन हमलोगों के लिए काफी फायदेमंद रहा. प्रशिक्षण के दौरान हमलोगों को बहुत सारी नई बातें बात सीखने को मिली. जिसे हमलोग क्षेत्र में प्रसव कराने के दौरान अपनाएंगे. इससे ना सिर्फ सुरक्षित तरीके से प्रसव हो सकेगा, बल्कि जच्चा और बच्चा भी स्वस्थ रहेगा.

चार प्रखंड की एएनएम को दिया जा रहा प्रशिक्षण: केयर इंडिया के डॉक्टर तौसीफ कमर ने बताया बाराहाट, धोरैया और सदर अस्पताल की दो-दो और फुल्लीडुमर की एक एएनएम को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ये लोग आगे जाकर अपने-अपने अस्पताल में जाकर मेंटर का काम करेंगी और अपनी सहयोगी एएनएम को यहां प्रशिक्षण के दौरान मिली जानकारी को साझा करेंगी.

मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है मकसद: मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से अमानत प्रशिक्षण की शुरुआत की गई थी. अब इसका असर जिले में दिख रहा है. प्रशिक्षण जब से शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक मातृ और शिशु मृत्यु दर में काफी कमी देखने में आ रही आई है. अमानत प्रशिक्षण के जरिए केयर इंडिया के मेंटर हर महीने एएनएम और जीएनएम को किसी एक चीज की जानकारी देती हैं जिसे वह अपने क्षेत्र में जाकर बाकी एएनएम और जीएनएम को बताती हैं. इसे एक महीने तक फॉलो किया जाता है. फिर दूसरे महीने किसी दूसरी चीज की जानकारी प्रशिक्षण के दौरान एक सप्ताह तक दी जाती है.

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button