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जो काम कांग्रेस की चार पीढ़ियाँ नहीं कर सकीं, पिछले 9 साल में मोदी जी ने कर दिखाया वह काम: शाह

नईदिल्ली-  

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गरीबी दूर करने में विफल रहने के लिए केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर तीखा हमला बोलते कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पिछले नौ साल में देश के गरीबों के लिए पिछली चार पीढ़ी की कांग्रेस सरकार की तुलना में अधिक अच्छा काम किया है। मोदी जी के नेतृत्व में राजग सरकार के नौ साल पूरे होने पर भाजपा के संपर्क कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि गांधी परिवार के शासनकाल में गरीबों को उनकी बुनियादी जरूरतें जैसे आवास, शौचालय, बिजली, रसोई गैस कभी नहीं मिलीं। कांग्रेस ने केवल गरीबी को बढ़ावा दिया।

मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले 9 साल में भारत के गौरव, भारत के विकास और गरीबों के कल्याण की दिशा में अतुलनीय काम हुआ है। सोनिया-मनमोहन सरकार की समाप्ति के बाद मोदी जी के कमान संभालते ही भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर हुआ। सोनिया-मनमोहन का 10 साल का शासन सबसे भ्रष्ट था। उनका बेलगाम भ्रष्टाचार 12 लाख करोड़ रुपये का था। जबकि दूसरी ओर विपक्ष को पिछले नौ वर्षों में मोदी जी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का अवसर तक नहीं मिला है। पिछले 9 वर्षों में अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रौद्योगिकी आदि सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। वैश्विक स्तर पर आज देश नेतृत्वकारी भूमिका में है और पूरी दुनिया भारत का सम्मान कर रही है। शाह ने कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी पर उनकी हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर विदेश में देश की छवि खराब करने का भी आरोप लगाया और कहा कि देशवासी उनके घृणित कृत्य को कभी नहीं भूलेंगे। नांदेड़ और महाराष्ट्र की जनता 2024 में इसका करारा जवाब देगी।

भाजपा के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार शाह ने उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। 2019 में, उद्धव ठाकरे ने एक बैठक में अपनी सहमति व्यक्त की थी कि अगर एनडीए सत्ता में आती है तो देवेंद्र फड़णवीस मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन सत्ता और मुख्यमंत्री पद की लालच के लिए उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस-एनसीपी का साथ दिया।  उद्धव ठाकरे आज भी समान नागरिक संहिता पर अपनी नीति स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। क्या वह कांग्रेस के वीर सावरकर विरोधी रुख से सहमत हैं? क्या उद्धव ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी का साथ देकर औरंगाबाद, उस्मानाबाद और अहमदनगर का नाम बदलने का समर्थन कर सकते हैं? क्या वह मुस्लिम आरक्षण का समर्थन करते हैं जो संविधान के खिलाफ है? उद्धव की राजनीति दो नावों पर सवार है। इससे पहले दिन में शाह ने गुजरात के पाटन में एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने वहाँ भी राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा, ‘राहुल बाबा गर्मी से बचने के लिए छुट्टियाँ मनाने विदेश जा रहे हैं। वह वहाँ देश की आलोचना करते रहते हैं। उन्हें अपने पूर्वजों से सीखना चाहिए। किसी भी देशभक्त व्यक्ति को भारत के भीतर भारतीय राजनीति पर चर्चा करनी चाहिए। किसी भी पार्टी के नेता को विदेश जाकर देश की राजनीति पर चर्चा करना और देश की आलोचना करना शोभा नहीं देता।

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