स्वास्थ्य

सही पोषण देकर घर के लोगों के स्वास्थ्य को कर रहे रोशन

-मधुसूदन पांडे 72 की उम्र में भी घर के लोगों के स्वास्थ्य का रख रहे ख्याल
-अमरपुर प्रखंड के सलेमपुर गांव के मधुसूदन पांडे के घर के सभी सदस्य हैं फिट

बांका, 21 सितंबर-

जिले के अमरपुर प्रखंड के सलेमपुर गांव के रहने वाले मधुसूदन पांडे की उम्र 72 वर्ष हो गई है, लेकिन स्वास्थ्य के प्रति अभी भी काफी सजग हैं। न सिर्फ खुद के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हैं, बल्कि घर-परिवार के सभी सदस्यों का ध्यान रखते । घर के लोगों की आदत ही इस तरह की बना डाली है कि बच्चे से लेकर बूढ़े तक स्वस्थ हैं। इसके पीछे उनकी सजगता काफी रहती है। बच्चे को किस तरह का भोजन करना चाहिए और घर के आम सदस्य क्या खाना खाएंगे, इसका भी ध्यान रखते हैं। इसका नतीजा यह है कि वह खुद तो स्वस्थ हैं ही, घर के सभी लोग स्वस्थ हैं।
मधुसूदन पांड कहते हैं कि दुनिया में हर चीज खरीदी जा सकती , लेकिन स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है जो बाजार में नहीं मिलता है। इसके लिए खुद ही सजग रहना पड़ता है। अगर लोग स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रहें तो फिर कोई भी काम नहीं आता है। उनका कहना है कि मैं आज से ही नहीं, काफी पहले से ही सतर्क रह रहा हूं। जब मेरे बच्चे छोटे थे तो उस समय भी मैं उसकी मां से लेकर उसका ख्याल रखता था। अब तो बच्चे के बच्चे हो गए हैं, उनका भी मैं उसी जतन के साथ ध्यान रखता हूं।
बेटे से लेकर पोते तक का रख रहे हैं ध्यानः मधुसूदन पांडे को तीन पुत्र हैं। एक पुत्र आलोक कुमार पांडे की उम्र है 40 वर्ष। उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। एक बच्चे की उम्र है एक वर्ष से थोड़ी अधिक है तो दूसरा छह महीने का। मधुसूदन पांडे कहते हैं कि मैं दोनों बच्चों के प्रति सतर्क रहा। दोनों को छह महीने तक सिर्फ मां के दूध का सेवन करवाया। छह महीने जब पूरा हो गया तो दोनों को पूरक आहार देना शुरू किया। आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी उन्नति हुई है। इसे लेकर एक-एक जानकारी लोगों तक पहुंच रही है। इसलिए इसका फायदा उठाना हमलोगों का कर्तव्य है। मैंने तो जब मेरी बहू गर्भवती हुई थी, उसी समय से उनके पोषण को ध्यान में रखना शुरू कर दिया था। उन्हें पौष्टिक आहार देने के लिए घर में हरी सब्जियां ही लाता था। साथ में दूध भी उचित मात्रा में उपलब्ध करवाता था। इसके लिए मुझे कुछ विशेष करना भी नहीं पड़ा। आज अगर बच्चे का सही से ध्यान रखेंगे तो वह आगे चलकर स्वस्थ रहेगा। इनके दो पुत्रों की अभी शादी नहीं हुई है, लेकिन उनका भी ये ध्यान रखते हैं। साथ में पत्नी का भी।
स्वागत योग्य है इस तरह का बदलावः अमरपुर रेफरल अस्पताल के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि समाज में इस तरह का बदलाव बहुत ही स्वागत योग्य है। स्वास्थ्य विभाग तो हर तरह की सुविधा दे ही रही है, लेकिन आमलोग भी अगर थोड़ा सावधान हो जाएंगे तो यह उनके लिए बहुत अच्छी बात होगी। साथ ही हमलोगों को भी इससे सहयोग मिलेगा। लोगों में एक-दूसरे को देखकर जागरूकता भी बढ़ेगी।

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