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योग करने से विभिन्न रोगों से भी छुटकारा मिलता है -केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी चौबे

विश्व हिंदी परिषद नई दिल्ली के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया I

 विश्व हिंदी परिषद नई दिल्ली के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सुअवसर  पर योग एवं जीवन प्रबंधन विषय पर विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया। आरंभ में विश्व हिंदी परिषद के महासचिव महोदय श्री विपिन कुमार जी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रतिपादन भी किया।महासचिव डॉ. विपिन कुमार ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के योग विज्ञान को अपना रही है और विशेष सम्मान देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रही है, आज पूरी दुनिया के लोग योग के महत्व को समझ रहे हैं और इसे अपनाकर स्वस्थ हो रहे हैं.। उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि भारतीय योग विद्या को दुनिया अपना रही है और साथ ही भारत में भी अधिकांश  लोग योग को अपने जीवन में अपनाने लगे हैं। उन्होंने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया है, साथ ही योग के अभ्यास से उनका मनोबल बढ़ा है, जिससे क़रोना के इस महान संकट से निपटने में काफी राहत मिली है। योग एक ऐसी जीवन शैली है जिसे अपनाकर व्यक्ति अपने तन और मन को स्वस्थ बना  सकता है। व्यक्ति अपने पूरे जीवन पर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है। आज आधुनिक जीवन शैली  के कारण लोग तनाव  में है, हर व्यक्ति तनाव से पीड़ित है और तनाव से मुक्ति पाने में योग बहुत कारगर है, पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है कि बहुत से लोग तनाव के कारण बीमार हो रहे हैं। यदि  व्यक्ति योग को अपने जीवन में अपना ले तो वह  रोग से छुटकारा पा सकता है। मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी चौबे जी थे।इस अवसर पर  भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री   श्री अश्विनी चौबे जी ने कहा कि योग से न केवल  , योग से न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, इससे मन भी स्वस्थ रहता है, जीवन को सफल और सार्थक बनाने में योग बहुत कारगर है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज 21 जून को पूरा विश्व  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मना रहा है, इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में इस बात की चर्चा है कि पहला  सुख-निरोगी काया ,  स्वस्थ  शरीर की प्राप्ति बहुत ही सरलता से संभव है I  योग हमारे तन और मन को स्वस्थ रखने के साथ-साथ जीवन को सफल और सार्थक बनाता है।  योग करने से विभिन्न मनोकायिक रोगों से भी छुटकारा मिलता है I योग करने से मन शांत होता है, साथ ही विचारों में पवित्रता आती है, आज जो भी घटनाएँ हो रही हैं, वह मन के अशांति के कारण हो रही हैं, ऐसे समय में यदि कोई व्यक्ति योग को अपने जीवन में अपनाए तो निश्चित रूप से कई घटनाएं अपने आप रुक सकती हैं।उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति योग को अपने जीवन में अपना ले और नियमित रूप से करे तो निश्चय ही वह सदैव स्वस्थ रहेगा, अपने मित्रों सहित 21वीं सदी का भारत शीघ्र ही विश्व गुरु के रूप में स्थापित होगा।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी तकनीकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के चांसलर माननीय श्री प्रिय रंजन त्रिवेदी जी ने कहा कि योग औषधि मुफ्त चिकित्सा  है और योग करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, हम बिना किसी खर्च के योग का लाभ उठा सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं, उन्होंने कहा कि योग को अधिक से अधिक प्रचारित और फैलाने की जरूरत है। इंदिरा गांधी तकनीकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति  डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि भारत में बेरोजगारी बहुत है और बेरोजगारी को दूर करने के लिए योग को रोजगार का रूप देना होगा, जिससे योग को बढ़ावा मिलेगा और अधिक से अधिक लोग योग को अपनाने में सफल होंगे।, विशिष्ट अतिथि के रूप में  इंदिरा गांधी तकनीकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मार्कंडेय राय ने कहा कि योग  विज्ञान से जीवन प्रबंधन बहुत ही सरलता से संभव है, मैं अपने जीवन में प्रतिदिन योग का अभ्यास करता हूं और अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि योग करने से न केवल तनाव  से छुटकारा मिल गया, वल्कि  आज तक मैं कभी बीमार नहीं पड़ा, हर दिन  मैं विभिन्न कार्यों में व्यस्त हूं और पूरी तरह से स्वस्थ रहते हुए अपने जीवन में हर एक कार्य करता हूं। उन्होंने कहा कि आज हर घर- परिवार में कलह का माहौल है, और ऐसे में हर घर- परिवार  बर्बाद हो रहा है, निश्चित रूप से इसे बर्बाद होने से बचाने के लिए मानसिक शांति योग से  प्राप्त की जा सकती है, उ विश्व भारती विश्वविद्यालय ,शांतिनिकेतन के प्रो सुभाष राय ने कहा कि आज योग करने का ही परिणाम है कि लोग कोविड के कारण अपने जीवन में आई समस्याओं का सामना करने में काफी हद तक सफल हो गए हैं, यदि वे योग को अपने जीवन में नहीं अपनाते  तो परिणाम कुछ और  ही होता, लेकिन समाज के लोगों ने क़रोना  संकट काल में योग को अपनाकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई है, जिससे हम क़रोना पर काफी हद तक विजय पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने योग को स्कूलों एवं कॉलेज के पाठ्यक्रमों में शामिल करने पर जोड़ दिया I दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो देव प्रकाश मिश्रा ने कहा कि योग जोड़ने का विज्ञान है, यह स्वस्थ रहने का विज्ञान है, यह समाज को एक साथ रखने का विज्ञान है, आज हमें योग से स्वस्थ जीवन मिलता है, साथ ही हमें अंदरूनी ताकत भी मिलती है जो  योग के अलावा अन्य दवाएं असंभव से असम्भव है Iप्रख्यात समाजसेवी श्री दीपक ठाकुर,कवयित्री श्रीमती मंजूषा रंजन, उदयपुर से डॉ सकुंतला सरुपरिया जैसे मूर्धन्य प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और साहित्यकारों के बीच योग एवं जीवन प्रबंधन पर अद्भुत विचार रखा । डॉक्टर सत्येंद्र सत्यार्थी ने बहुत ही श्रेष्ठ संचालन कर इस परिचर्चा को ऊंचाइयां प्रदान की। इस अवसर पर देश -विदेश के हज़ारों लोगों ने जुड़कर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम  का लाभ उठाया I

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