स्वास्थ्य

भागलपुर जिले में परिवार मिशन अभियान का आगाज, 24 तक चलेगा

-अभियान के तहत लोगों को परिवार नियोजन के प्रति किया जा रहा है जागरूक
-महिला बंध्याकरण व पुरुष नसबंदी की सेवा लोगों को कराई जा रही है उपलब्ध

भागलपुर, 12 सितंबर-

जिले में परिवार मिशन अभियान का आगाज सोमवार को हो गया। अभियान के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन मेला, अंतरा कैंप इत्यादि लगाए जाएंगे। सदर अस्पताल में परिवार नियोजन मेला बुधवार को लगेगा। अभियान के पहले दिन सोमवार को सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने जूम मीटिंग के जरिये अस्पताल के प्रभारियों को निर्देश दिए। मीटिंग में डीपीएम फैजान आलम अशर्फी, डीसीएम जफरूल इस्लाम समेत अस्पतालों के प्रभारी और बीसीएम जुड़े थे। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने सभी प्रभारियों और बीसीएम को परिवान मिशन अभियान को सफल बनाने के लिए जोर-शोर से लग जाने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि दंपति संपर्क सप्ताह के दौरान जिन लोगों की सूची बनाई गई है, उन महिलाओं का बंध्याकरण और पुरुषों की नसबंदी अभियान के दौरान करें। साथ ही परिवार नियोजन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम भी जारी रखें। मीटिंग के दौरान डीपीएम फैजान आलम अशर्फी ने सभी प्रभारियों को अभियान को लेकर जो योजना बनाई है, उसकी याद दिलाई। उन्होंने आईयूसीडी, अंतरा इत्यादि को लेकर कैंप लगाने के लिए कहा। मालूम हो कि परिवार मिशन अभियान पांच सितंबर को शुरू हुआ है और यह 24 सितंबर तक चलेगा।
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि अभियान को दो चरणों में चलाया जाना था, जिसका पहला चरण समाप्त हो गया है। पहले चरण के तहत 05 से 11 सितंबर तक दंपति संपर्क पखवाड़ा चला। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र में जाकर लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया। साथ ही योग्य दंपतियों का रजिस्ट्रेशन भी किया। इसी दौरान 05 से 09 सितंबर पांच दिनों तक परिवार नियोजन के प्रति आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से ई. रिक्शा (सारथी रथ) के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा-निर्देश के अनुसार और स्थानीय स्तर पर तैयार रूट चार्ट के मुताबिक जिले के सभी प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार किया गया। ई. रिक्शा पर संबंधित क्षेत्र की आशा फैसिलिटेटर ने प्रचार-प्रसार का काम किया। लोगों को गर्भनिरोधक गोली, कंडोम इत्यादि सामग्री बांटी गई। सोमवार से दूसरा चरण शुरू हो गया। इसके तहत महिलाओं का बंध्याकरण किया जाएगा। साथ ही पुरुष नसबंदी भी की जाएगी । इसके अलावा लोगों को परिवार नियोजन की सामग्री भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
अस्थायी साधनों के इस्तेमाल करने से नहीं करें संकोचः सिविल सर्जन ने बताया कि अस्थायी साधनों के इस्तेमाल से परिवार नियोजन में मदद मिलती है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। इसलिए अस्थायी साधनों के इस्तेमाल में किसी तरह का संकोच नहीं करें। कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा का उपयोग कर परिवार नियोजन करें। महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पहला बच्चा 20 साल के बाद ही पैदा करें। साथ दी दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूर रखें। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वास्थ्य रहता है। साथ ही बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है, जिससे वह भविष्य में होने वाली किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम होता है।

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