जानिए ख्यातिप्राप्त ज्योतिषाचार्य जयकान्त शर्मा कौण्डिन्य जी से
उगते सूर्य को जल क्यों देते हैं ?
………………….……………………………….
उगते हुए सूर्य को जल देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है | बहुत से लोग आज भी इसका पालन करते हैं इसके पीछे धार्मिक मान्यता हीं नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार भी है |धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सूर्य को देवता श्रेणी में रखा गया है| इसलिए इन्हें प्रत्यक्ष देव भी कहा जाता है| धार्मिक दृष्टि से बात करें तो बिना सूर्य को जल अर्पित किये भोजन करना महा पाप है | इस बात का उल्लेख ‘स्कंद पुराण’ में मिलता है | नियमित रूप से सूर्य देव को जल चढ़ाने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है| उसे लोगों से सहयोग मिलता है और उच्च पद का भी सम्मान मिलता है | सूर्य और चन्द्र प्रत्यक्ष देवता हैं | इनकी किरणों से प्रकृति में संतुलन बना रहता है | इन्हीं के कारण अनाज और फल-फूल उत्पन्न होते हैं | इसलिए इनका आभार व्यक्त करने के लिए प्रातः काल जल अर्पित करने की बात कही गयी है|
धार्मिक कारण की अपेक्षा उगते सूर्य को जल देने के पीछे वैज्ञानिक कारण अधिक प्रभावी है | जल चिकित्सा और आयुर्वेद के अनुसार प्रातः कालीन सूर्य को सिर के ऊपर पानी का बर्तन ले जाकर जल अर्पित करना चाहिए | जल अर्पित करते समय अपनी दृष्टि जलधार के बीच में रखें ताकि जल से छनकर सूर्य की किरणें दोनों आंखों के मध्य में आज्ञाचक्र पर पड़े | इससे आंखों की रोशनी और बौद्घिक क्षमता बढ़ती है जल से छनकर सूर्य की किरणें जब शरीर पर पड़ती हैं तो शरीर में उर्जा का संचार होता है | जिससे शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ जाती है| साथ ही आस-पास सकारात्मक उर्जा का संचार होता है जो जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है |
आधुनिक विज्ञान. . . जब हम सूर्य को जल चढ़ाते हैं और पानी की धारा के बीच उगते सूरज को देखते हैं तो नेत्र ज्योति बढ़ती है, पानी के बीच से होकर आने वाली सूर्य की किरणों जब शरीर पर पड़ती हैं तो इसकी किरणों के रंगों का भी हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ता है | जिससे हार्ट, त्वचा ,आंखें ,लीवर और दिमाग जैसे सभी अंग सक्रिय हो जाते हैं|सूर्य को जल चढ़ाने से शरीर को विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा मिलती है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है| सूर्य को जल चढ़ाने से मन में अच्छे विचार आते हैं|इसलिए कहा गया है कि जो उगते सूर्य को जल चढ़ाता है उसमें सूर्य जैसा तेज आता है |
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य वह ग्रह है जो व्यक्ति को सम्मान दिलाता है |नियमित रूप से सूर्य देव को जल चढ़ाने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है| उसे लोगों से सहयोग मिलता है और उच्च पद का भी सम्मान मिलता है|जिस व्यक्ति के कुण्डली में सूर्य कमज़ोर है उन्हें उगते सूर्य को जल देना चाहिए | सूर्य के मजबूत होने से शरीर स्वस्थ और उर्जावान रहता है | इससे सफलता के रास्ते में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं |
||सूर्य को जल देने की विधि||
नित्य क्रिया से निवृत्त होकर सूर्योदय के 1 घंटे के अंदर या फिर सुबह 8:00 बजे तक सूर्य को अर्घ्य दें|सूर्य को जल देते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए| अगर कभी पूर्व दिशा की ओर सूर्य नजर ना आए तब ऐसी स्थिति में उसी दिशा की ओर मुख करके तांबे के पात्र में जल लेकर अर्घ दें| लाल वस्त्र पहनकर सूर्य को जल देना ज्यादा प्रभावी माना गया है|
||सूर्य को जल देने का मंत्र||
एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते |
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहाणार्घ दिवाकर||
ज़रा गौर करें, हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है| ये इस देश का दुर्भाग्य है कि हमारी परम्पराओं को समझने के लिए जिस विज्ञान की आवश्यकता है वो हमें पढ़ाया नहीं जाता और विज्ञान के नाम पर जो हमें पढ़ाया जा रहा है उससे हम अपनी परम्पराओं को समझ नहीं सकते |
ज्योतिषाचार्य जयकान्त शर्मा कौण्डिन्य
(ख्याति प्राप्त ज्योतिषी व कर्मकांड विशेषज्ञ)
(8287374774,8851746668)
ज्योतिषीय विचार :-
सच्चाई क्या है ?स्वयं फैसला करें |
क्या शास्त्रों में कहीं भी काल सर्प का विवरण दिया है ?क्या मांगलिक कन्या का विवाह मांगलिक लड़के से ही होना आवश्यक है ?बेटे बेटी की उम्र बढ़ती जा रही है परंतु न व्यवसाय का चुनाव हुआ न विवाह ही हुआ? क्या ग्रहों का प्रभाव हमारे दैनिक जीवन पर पड़ता है?
[मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ?]
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
पंडित जी ने जन्मपत्री तो अच्छी मिलाई थी फिर भी मेरा विवाह क्यों टूटा? क्यों कलह क्लेश रहता है? मेहनत तो बहुत करता हूं मगर फिर भी सफलता नहीं आती? आत्महत्या करने का मन क्यों करता है ?वो मेरे से हर बात में कमजोर है फिर भी सफल है और मैं असफल|
वैदिक मंत्रों एवं उपायों से उपरोक्त सभी समस्याओं का समाधान ,भविष्यफल व अन्य समस्याओं को जानने एवं व्यक्तिगत परामर्श,जन्मपत्री ,वर्षफल ,कुंडली मिलान,रत्न, यंत्र धारण व्यवसाय वास्तु आदि के विचार विमर्श हेतु सशुल्क संपर्क करें |
N-67/14 सौभाग्य धाम ज्योतिष केंद्र,अंबाबाग ,किशनगंज, दिल्ली- 07
8287374774,8851746668
acharyajaykant@gmail.com
ध्यातव्य बातें :-कृपया आने से पहले फोन पर समय निर्धारित कर लें|
इस पोस्ट को जरूर शेयर करे ताकि सबको सूर्य को जल देने का धार्मिक,वैज्ञानिक व ज्योतिषीय महत्व पता चल सके ।