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आयुष्मान भारत न्यास का सम्मान पद्मश्री से बढ़कर- एसपी बघेल, केंद्रीय विधि राज्यमंत्री

-डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए कानून बनाया जाएगा

आयुष्मान भारत न्यास का सम्मान पद्मश्री जैसा- एसपी बघेल, केंद्रीय विधि राज्यमंत्री
-डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए कानून बनाया जाएगा
नईदिल्ली-
आयुष्मान भारत न्यास का सम्मान पद्मश्री से बढ़ा यह पुरस्कार है। केंद्रीय विधि राज्यमंत्री एसपी बघेल ने आयुष्मान भारत न्यास को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज ऐसे इंटिग्रेशन की जरूरत है। जिसे आयुष्मान भारत न्यास पूरा करता है।
एसपी बघेल ने कांस्टिट्यूशन क्लब के खचाखच भरे हॉल को संबोधित करते हुए कहा कि यह अद्भूत पल है जहां कई विधा के डॉक्टर यहां उपस्थित हैं। आज इसकी जरूरत थी कि एलोपेथ, होम्योपेथ ओर आयुर्वेद साथ में कार्य करें जिसकी आज यहां पूर्ति हो रही है। यह आसान काम नहीं है। जिस कार्य को आयुष्मान भारत न्यास के कंवेनर विपिन कुमार ने पूरा किया। विपिन जी की जितनी तारीफ की जाए कम है।
एसपी बघेल ने डॉक्टरों के सुरक्षा पर विशेष बात करते हुए कहा कि आज मैं इस आयुष्मान भारत न्यास मंच से यह घोषणा करता हूं कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून बनाया जाएगा जिसपर हम कार्य करने तो तत्पर हैं।
केंद्रीय विधि राज्यमंत्री ने कहा कि भारत पहले विश्व गुरु था अभी नहीं है लेकिन ऐसे कार्य होते रहे तो विश्व गुरु बनेगा। यह तय है कि जिसमें डॉक्टरों की अहम भूमिका होगी।
आयुष्मान भारत न्यास के इस खास प्रोग्राम को संबोधितं करते हुए केंद्रीय इस्पाल राज्य मंत्री फगन्न कुलस्ते कहा कि इस कार्यक्रम में खचाखच भरे हॉल से यह साबित होता है कि लोगों को ऐसे इंटीग्रेसन की जरूरत थी जिसकी अभी पूर्ति हो गई है। जिसके लिए डॉ विपिन कुमार को जितनी बधाई दी जाए कम है। कोरोना काल में इन डॉक्टरों ने ही दिन रात एक कर आजतक हमें स्वस्थ रखे हुए हैं।
इस मौके पर कार्यक्रम में आए सभी डॉक्टर ओर प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए आयुष्मान भारत न्यास के कन्वेनर डॉ विपिन कुमार ने कहा कि हमारी कोशिश है कि डॉक्टरों की सभी विधाएं मिलकर देश को स्वस्थ रखें जिसके लिए हम तत्पर हैं। और यह पहली कड़ी आपके सामने हैं। डॉक्टरों की सहायता से ही यह कार्यक्रम सफल हुआ जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय निकाला। इस मौके पर सुप्रसिद्ध कवयित्री मंजूषा रंजन के काव्य संग्रह का विमोचन भी किया गया। इस मौके पर डॉक्टरों को सम्मानित किया गया। जो देश के विभिन्न शहरों से आए थे ओर विभिन्न विधाओं से संबंधित थे।

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