राज्य

संक्रमित को ध्यान में रखते हुए समझें अपनी ज़िम्मेदारी

मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग को बनाएँ जरूरत

       यही समय है अपने और समाज को इस बीमारी से बचाने का
लखीसराय : 26 जून / जिले में हर दिन कोविड-19 संक्रमित की संख्या में ईजाफ़ा हो रहा है।  इसलिए जरूरी है कि हम इस माहौल में अपने आप को सुरक्षित रखें, साथ ही हम कोविड-19 से सुरक्षा के हर मापदंडों को अपनाकर उसे अपने दिनचर्या के रूप में ढाल लें। तभी इस लड़ाई में  हम अपने साथ –साथ अपने परिवार और अपने समाज को जीत दिला सकते हैं।  इस बीमारी को भगाने का सबसे कारगर रास्ता सामाजिक दूरी है एवं मास्क का उपयोग बल्कि यूँ कहे कि बाजार मे या फिर किसी चौक – चौराहे पर कम निकले, और यदि जरूरत पड़ने पर निकले भी तो 2 फीट की दूरी अपने से बना कर रहे और मास्क का हमेशा इस्तेमाल करें। यही बात हमे अपने अंदर आत्मसात करने की जरूरत है । जब तक हम इस बात को नहीं समझेंगे तब तक इस बीमारी के चक्रव्यूह को तोड़ नहीं पायेंगे ।
सोशल डिस्टेंसिंग ही है संक्रमण से बचाव रास्ता: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ आत्मानंद राय ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सुरक्षा के आवश्यक उपायों में सोशल डिस्टेंसिंग ही महत्वपूर्ण है।  सोशल डिस्टेंसिंग के साथ घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग किया जाना भी अब अनिवार्य हो गया है।  इसलिए यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि ऐसे समय में जब कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है, भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचा जाये।  घर से बाहर जाने के दौरान अपने साथ सेनिटाइजर भी रखें।  साथ ही सुरक्षा के नियमों में बीस सेकेंड से हाथों की नियमित धुलाई आदि भी जरूरी है।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया  जिले  में प्रवासीयों के आगमन से ही संकर्मितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है इसलिए हमें इस समय सतर्क रहने की अति आवयशक है । क्योंकि कोविड-19 संकर्मण आदमी से आदमी मे फैलने वाली बीमारी है इस कारण इस बीमारी से निजात पाने एवं वाइरल को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिटेन्सिंग एवं मास्क का उपयोग  महत्वपूर्ण कड़ी है । घर –गाँव या शहर हो हर जगह सोशल डिटेन्सिंग का शत – प्रतिशत पालन हो । साथ ही जो लोग बाहर से आ रहे है वो अपनी पहचान न छुपाएँ क्योकि आपकी एक गलती आपके परिवार के साथ पूरे गाँव और मुहल्ले को अनजाने खतरे के चपेट मे ले सकता है ।
कोरोना से ऐसे खुद को सुरक्षित रखें…..
-दिन-भर गर्म पानी का सेवन करें
प्रत्येक दिन लगभग 30 मिनट योग एवं प्राणायाम का अभ्यास करें
-भोजन में हल्दी, जीरा एवं धनिया का प्रयोग अवश्य करें
-सुबह में एक चम्मच च्यवनप्राश जरुर लें
-हर्बल टी का इस्तेमाल करें या तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सूखी अदरख एवं मुन्नका का काढ़ा बनाकर दिन में एक से दो बार लें
-150 मिलीग्राम गर्म दूध में आधी चम्मच हल्दी मिलाकर एक से दो बार सेवन करें
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