स्वास्थ्य

स्वास्थ्य सुविधा केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए जारी की गई स्तनपान मार्गदर्शिका

– स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी की गई है स्तनपान मार्गदर्शिका
– कोरोना काल में माता के कोरोना पॉजिटिव हो जाने के बाद भी स्तनपान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना है उद्देश्य

लखीसराय, 26 अप्रैल-

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच किसी वजह से यदि माता कोरोना संक्रमित हो जाती है तो वैसी स्थिति में संक्रमित माता के द्वारा तमाम कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए शिशु के स्तनपान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसको ले देश के सभी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए एक स्तनपान मार्गदर्शिका जारी की गई है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा एक विस्तृत स्तनपान मार्गदर्शिका जारी की गई-
जिले के सिविल सर्जन डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा एक विस्तृत स्तनपान मार्गदर्शिका जारी की गई है इसमें स्तनपान के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया, इस मार्गदर्शिका को जारी करने का मुख्य उद्देश्य माता के कोरोना संक्रमित होने के स्थिति में भी उसे स्तनपान कराने के लिए प्रोत्साहित करना है। मां का दूध नवजात शिशु के जीवन को बेहतर बनाने के साथ ही उसके शारीरिक और मानसिक विकास में भी मदद करता है। स्तनपान कराने से मां के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

उन्होंने बताया , यदि किसी माता के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो जाती है तो मेडिकल पहनें, यदि उसे खांसी है और उसने छाती की ओर मुंह करके खाँसा हो तो वैसी स्थिति में माता अपने स्तनों और छाती को धोएं और इसके बाद ही स्तनपान कराएं। इसके साथ ही यदि माता अपना स्तनपान कराने में सक्षम नहीं हो तो किसी की सहायता से मां का निकाला हुआ दूध बच्चे को पिलाएं इसके बाद जब मां दुबारा स्तनपान कराने की स्थिति में हो तो स्तनपान शुरू कराएं।
इससे अलग यदि मां का दूध अलग से निकलने में सक्षम नहीं हो और डोनर ह्यूमन मिल्क के उपलब्ध होने की स्थिति में माता के बिल्कुल ठीक होने तक बच्चे को डोनर ह्यूमन मिल्क ही पिलाएं। इसके बाद भी यदि माता बच्चे को स्तनपान कराने के लिए तैयार नहीं है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर के परामर्श के अनुसार मां के दूध के वैकल्पिक साधनों के रूप में डब्बे का दूध दिया जा सकता है।
छह महीने तक नवजात शिशु को सिर्फ और सिर्फ मां का स्तनपान ही कराएं-
उन्होंने बताया यदि किसी माता के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि नहीं होती है तो माता को नियमित स्तनपान के लिए प्रेरित करने के साथ ही उसकी सहायता भी करनी चाहिए। नवजात बच्चे को उसके जन्म के पहले घन्टे के अंदर मां का गाढ़ा पीला दूध यानी कॉलेस्टरोन अवश्य पिलाएं और जल्द से जल्द बच्चे की त्वचा से सम्पर्क स्थापित करें। इसके बाद छह महीने तक नवजात शिशु को सिर्फ और सिर्फ मां का स्तनपान ही कराएं। इसके बाद ही शिशु को माता के स्तनपान के साथ ऊपरी आहार दें। इस दौरान माता और शिशु एक पल के लिए भी एक- दूसरे से अलग नहीं रहें। माताएं अपने बच्चे को स्तनपान कराने से पूर्व अपने हाथों को साबुन – पानी या हैंड सैनिटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें।

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